मानवो में छाती और श्रोणि के मध्य असहज और असुविधा का अनुभव ही पेट दर्द कहलाता है
पेट दर्द में ऐंठन, मरोड़, चुभन, सुस्ती रुक – रुक कर या तेजी से होता है।
10 मिली ताजे हरे पुदीने का रस, 10 मिली सहद, 2.5 मिली नीबू का रस 20 मिली ताजे पानी में मिलाकर पीने से पेट दर्द में लाभ होता है।
अजवाइन आधा छोटा चम्मच को पीसकर, 1/4 छोटा चम्मच हिंग को गुनगुने पानी में मिलाकर लेने से अनेक प्रकार की पेट समस्याओ से छुटकारा मिलता है। जैसे – पेटदर्द, गैस, जी मिचलाना आदि।
पंचसकार चूर्ण : पेट साफ न होने से होने वाले, समस्त प्रकार के पेट दर्द में उपयोगी है।
पाटोलादि चूर्ण : पेट दर्द होने पर उपयोगी है। जिससे मल का आपनोदन होकर, दोषो का संतुलन हो जाता है।
नारायण चूर्ण : सभी प्रकार के पेट दर्द में नारायण चूर्ण अत्यंत गुणकारी है। इसके सामान आयुर्वेद में अन्य कोई औषधि नहीं।
अजवाइन 1 ग्राम और सोंठ 1 ग्राम को पीसकर। गुनगुने पानी के साथ लेने पर पेट का दर्द ठीक होता है।
पेट दर्द दूर करने में योग के आसान, प्राणायाम उपयोगी है। जिनमे पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, उत्तानासन, उत्तानपादासन, नौकासन आदि है।
यदि आपका पेट दर्द गंभीर है और इसके साथ विशेष परिस्थिया जुडी हो। तो चिकित्सक की मदद ले