कोरोना के बाद का जीवन ऐसा लगता है। जैसे हर किसी को कोरोना के बाद हार्ट अटैक का ख़तरा बना हुआ है। कोरोना के बाद युवाओ में हार्ट अटैक की समस्या के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। जो उनके स्वास्थ्य के लिए उच्च जोखिम का संकेत दे रहे हैं। यह कोरोना के बाद का साइड इफेक्ट है। तो आइये इस पोस्ट में जानें कि इन खतरनाक स्थितियों से खुद को कैसे बचाएं!
आजकल के युवाओ को अनेक प्रकार की चुनौतियां प्राप्त है। जो शायद इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती हो सकती है। आज का युवा जहाँ एक ओर बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है। वही दूसरी ओर प्रदूषण की समस्या ने नाक में दम कर रखा है। ऐसे में युवा स्वस्थ रहे तो कैसे?
आर्थिक, राजनैतिक, भौगोलिक और तकनीकी बदलावों के बीच युवा अटका हुआ है। जिससे इनका मानसिक और शारीरिक संतुलन अव्यवस्थित हो गया है। ऐसे में युवाओ को अपने स्वास्थ्य को संरक्षित करने के लिए चारो ओर से चुनौतियां ही चुनौतियां प्राप्त है। फिर महामारी आदि की समस्या आने से युवा बेचारा करे तो क्या करे?
वास्तव में देखा जाय तो यह केवल युवाओ पर ही नहीं, बल्कि बच्चो और बूढ़ो के लिए भी घातक हो सकती है। परन्तु युवा वयस्कों में बढ़ते दिल के दौरे कोरोनोवायरस के प्रकोप के कारण माने जाते है। ऐसे में इस समस्या से जुड़े कारणों और लक्षणों के बारे में जानना जरूरी है।
कोरोना के बाद युवाओ में हार्ट अटैक बढ़ने का कारण
हालाकिं दिल का दौरा पड़ने की कोई सीमा नहीं है। यह किसी को भी किसी भी समस्य आ सकता है। जिसके अनगिनत कारण है। उनमे से कुछ इस प्रकार है –
- ज्यादातर लोगो का काम घर से होने लगा है। जिससे व्यक्ति दिनभर बिस्तर पर पड़ा रहता है।
- देर रात तक जागता और सुबह देर तक सोना।
- यातायात का तनाव
- अनावश्यक तकनीकी तनाव
- खान – पान का दूषित और शास्त्र विरुद्ध होना।
- एक दुसरे से द्वेष, ईर्ष्या और प्रतिद्वंदिता रखना।
- अम्लीय भोजन और पानी का प्रयोग करना।
- नित्य सही से पेट साफ़ न होना।
- पूर्व में किसी जीर्ण व्याधि से ग्रस्त होना
- महगाई की चिंता
- बढ़ता हुआ प्रदूषण आदि।
एक वाक्य में कहे तो कोरोना के बाद जीवनचर्या में, बदलाव ही हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण है। जिसमे हर व्यक्ति कुछ न कुछ ऐसा काम कर ही देता है। जिससे इन रोगो को पनपने का अवसर प्राप्त हो जाता है।
युवाओ में कोरोना के बाद हार्ट अटैक आने का लक्षण
कोरोना के बाद हार्ट अटैक आने पर निम्न लक्षण दिखाई पड़ते है –
- सीने में दर्द होना
- सांस लेने में दिक्क्त महसूस होना
- चक्कर और बेहोसी आना
- साँस फूलना
- दम घुटना
- घबराहट होना
- सीने में जलन हुआ आदि।
किसी को भी दिल का दौरा पड़ने पर उपरोक्त लक्षण हो सकते है। यह इतने कम समय में आते है की इनसे बचना कठिन हो जाता है। तो आइये जानें कि इन खतरनाक स्थितियों से खुद को कैसे बचाएं!
कोरोना के बाद हार्ट अटैक आने से बचने के उपाय
कोरोना के बाद युवाओ में हार्ट अटैक के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे माहौल में कोरोना के बाद हार्ट अटैक से बचने निम्न उपाय सहयोगी हो सकते है –
- प्रतिदिन सुबह में जल्दी जगे।
- सुबह उठकर पानी पिए। हार्ट अटैक में गरम पानी पीने के फायदे है।
- नित्य पसीना निकलने तक पैदल घूमे और व्यायाम आदि करे।
- सुबह में ताजे मौसमी फल और औषधियों का सेवन करे।
- सुबह में नास्ता न करके जल्दी भोजन करे।
- खाने में चीनी, रिफाइंड तेल और नमक का प्रयोग न करे।
- भोजन में पके भोजन के साथ कच्चे भोजन को स्थान दे।
- पैकेट वाले दूध के स्थान पर ताजे दूध का प्रयोग करे।
- शराब, गुटका, खैनी आदि का सेवन न करे।
- चाय, काफी आदि के स्थान पर पुराने देशी गुड़ से बने काढ़े का सेवन करे।
- सॉफ्ट ड्रिंक, सोडा और कृत्रिम पेय का सेवन न करे।
- भोजन में मिलेट को अवश्य शामिल करे।
- बिना परामर्श के किसी भी दवा का सेवन न करे।
- गर्मियों में धुप से घर आते ही पानी न पिए। साथ ही कूलर एवं ए सी के सामने भी न बैठे।
- सूती और ढीले वस्त्र पहने।
- घानी से निकले तेल और वैदिक विधि से बने घी का नित्य सेवन करे।
- दिल का दौरा पड़ने पर, तुरंत उकडू आसन में बैठ जाए।
- ताम्बे के बर्तन में रखे जल का सेवन करे।