बवासीर में नमक खाना चाहिए या नहीं

अक्सर बवासीर के मरीजों के लिए नमक खाना अच्छा नहीं माना जाता। इसलिए बवासीर के मरीजों को नमक खाने से, बचने की सलाह दी जाती है। क्योंकि यह बवासीर की समस्या को बढ़ा सकता है। तो आइये समझते है कि बवासीर में नमक खाना चाहिए या नहीं?

बवासीर में नमक खाना चाहिए या नहीं

बवासीर मलत्याग में उपयुक्त अंगो में होने वाली बीमारी है। जो मुख्य रूप से शिराओ में खून जमने से होती है। जिसमे मांस के अंकुर या मस्से निकल आया करते है। यह मासांकुर बहुत ही कष्टकारी और पीड़ादायी होते है। जो मुख्य रूप से पाइल्स के लक्षण कहे जाते है। जिसमे गुदा के अंदर और बाहर अथवा दोनों जगहों पर सूजन पायी जा सकती है। जो खूनी बवासीर के लक्षण एवं बादी बवासीर के लक्षण में भी देखा जा सकता है। जिसमे नमक खाना जोखिम भरा हो सकता है। इसकारण बवासीर में नमक खाना आपके लिए हानिकारक हो सकता है।

जिसके लिए आयुर्वेद ने हमें पथ्य – अपथ्य नमक सूत्र दिए है। जिसमे बवासीर में क्या खाना चाहिए और नहीं खाना चाहिए का विधिवत विचार है। जिसमे बवासीर के लक्षण से प्राप्त दोष को परखकर, मस्से वाली बवासीर में क्या खाना चाहिए और खूनी बवासीर में क्या खाना चाहिए की बात कही गई है। 

आयुर्वेदादी ग्रंथों में बवासीर के मस्सों को जड़ से खत्म करने का उपाय बताया गया है। जिसमे से एक उपाय नमक का सेवन न करना भी है। परन्तु भोजन में बिना नमक के स्वाद ही होता, और बिना स्वाद का खाना खाना हम पसंद नहीं करते। ऐसे में स्वाद और स्वास्थ्य में तालमेल सधे तो कैसे सधे?

बवासीर में नमक खाना सही या गलत

आयुर्वेद में बवासीर के सेवन योग्य वस्तुओ की तीन विशेषता बतायी गई है, जो  –

  1. पाचन शक्ति को बढाए
  2. अपानवायु का अनुलोम करे
  3. कब्जियत को प्रश्रय न दे  

फिर चाहे वह नमक हो या कुछ और सामाग्री। जिसका बवासीर के उपचार में ध्यान रखा जाना आवश्यक है। आजकल नमक कहने का तात्पर्य आयोडीन नमक से है। जिसका लगातार सेवन करने से शरीर की अम्लता बढ़ती है। जिसका सबसे बड़ा कारण इसकी संरचना को तोड़कर, आयोडीन को मिलाना है। जिसके लिए नमक को पीसना मजबूरी है। जिससे यह नमक पेट में कब्जियत, पेट में गैस बनना आदि को जन्म देता है।  जिसके कारण बवासीर के रोगियों के लिए नमक खाना अधिक नुकसानदायक हो सकता है।

जब पेट में कब्ज की समस्या होती है, तब अपानवायु का प्रतिलोम होना देखा जाता है। जिसके चलते पाचनशक्ति में कमी आने ही लगती है। इसकारण बवासीर में नमक खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक समझा जाता है।

बवासीर में नमक न खाने के फायदे 

बवासीर में नमक न खाने के फायदे 

सामान्य नमक स्वाद में भारी, मंदाग्नि करने वाला, पचने में भारी आदि दोषो से युक्त होता है। जिसके कारण बवासीर के मरीजों के लिए नमक खाना एक बड़ा खतरा हो सकता है। जिसके कारण बवासीर में नमक न खाना एक बेहतर विकल्प है, लेकिन बिना नमक के भोजन में कोई स्वाद नहीं होता। बिना स्वाद के भोजन में रूचि नहीं होती। जिसके कारण बवासीर क्या नहीं खाना चाहिए और क्या खाना चाहिए पर संशय होने लगता है।  

इसलिए यदि बवासीर में नमक न खाये तो हमें इनके स्वभाव से होने वाली समस्याओ से छुटकारा मिल जाता है। जबकि इसका सेवन करने से बवासीर के मस्सों में, सूजन और दर्द की समस्या देखी जाती है। जबकि सेंधा और काला नमक एक अच्छा विकल्प है। क्योकि यह नमक अम्लीय न होकर क्षारीय होता है।

जिससे पित्तादि दोषो को भड़कने का कोई मार्ग शेष नहीं बचता। इसके साथ यह स्वादिष्ट, अग्निदीपक, पाचक, लघु, शीतवीर्य, स्निग्ध और सूक्ष्म स्रोतों में प्रवेश करके असर दिखाने वाला होता है। जिसके कारण बवासीर की तकलीफ बढ़ने नहीं पाती। अस्तु बवासीर में कृत्रिम नमक खाने के बजाय, सेंधा और काला नमक खाना अच्छा है। 

उपसंहार

नमक विशेषकर आयोडीन नमक अम्लीय संघटात्मक प्रक्रियाओं से प्राप्त होता है। जिसके कारण इस नमक का स्वभाव अम्लीय होता है। जिससे यह शरीरगत जल को सोखता है। फलस्वरूप इस तरह के नमक का सेवन करने पर, शरीर में रुक्षता आना तय है। जो बवासीर के गंभीरतम परिणाम को दे सकता है। इस कारण बवासीर रोग में नमक खाने से पहले, बवासीर में नमक खाना चाहिए या नहीं का विचार अवश्य करना चाहिए।   

सभी प्रकार की बवासीर में सेंधा नमक बहुत ही उपयोगी है। परन्तु रक्तविकारों में काला नमक विशेष रूप से उपयोगी है। जिसके कारण खूनी बवासीर में काला नमक खाना अत्यंत गुणकारी द्रव्य माना गया है। जिसका बवासीर रोगी निरंतर सेवन करे तो बवासीर जैसे गंभीर रोग शांति का मार्ग ढूढ़ने लगते है।   

अस्तु मस्से वाली बवासीर में सेंधा नमक और खूनी बवासीर में काला नमक बहुत ही गुणकारक है।  

सन्दर्भ

भाव प्रकाश – हरीतक्यादिवर्ग 

भैषज्यरत्नावली – चिकित्सा अध्याय – 9 एवं 10

FAQ

बवासीर में कौन सा नमक खाना चाहिए?

वैसे तो सभी प्रकार की बवासीर में सेंधा नमक खाया जा सकता है। जिसका सेवन करने से निर्जलीकरण की क्रिया सुचारु रूप से चलती है। जिसके कारण शरीर में सूखापन नहीं आने पाता।   

बवासीर के लिए कौन सा नमक सबसे अच्छा है?

मस्से वाली बवासीर के लिए सेंधा नमक सबसे अच्छा है। जबकि खूनी बवासीर के लिए काला नमक बहुत ही फायदेमंद है। 

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