सहजन के फूल की सब्जी कैसे बनाएं : How to make Moringa flower curry

सहजन के फूल की सब्जी स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर है। जिसको बनाकर खाने से न केवल, हमें एक नए स्वाद की अनुभूति है। बल्कि सहजन के फूल में पाए जाने वाले, स्वास्थ्यकारी रसायनो की भी हमें प्राप्ति होती है। जिसकी आपूर्ति किसी अन्य पदार्थ से हो पाना सम्भव नहीं। यह सहजन के फूल के फायदे है। आमतौर पर सहजन की फली की सब्जी का ही ज्यादातर उपयोग होता है। 

सहजन के फूल की सब्जी

चिकित्सा विज्ञान के अनुसार सहजन अनेको प्रकार की विटामिन, कैल्सियम, फास्फोरस जैसे अनेक सूक्ष्म पोषक तत्वों का खजाना है। जिसकी आवश्यकता मानव देह को प्रतिदिन होती ही है। जिसकी नियमित आपूर्तिकर हम अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते है। सहजन के फूलो में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होने से, इसका सेवन दिल का रोगी भी कर सकता है। और फैट की मात्रा बहुत ही कम होती है। जिसके कारण मोटापे ( मेद रोग ) से पीड़ित व्यक्ति भी आसानी से कर सकता है।    

आयुर्वेद में सहजन को सिर दर्द के घरेलू उपाय माना गया है। जबकि सभी प्रकार के शिरो रोग में सहिजन हितकारी है। सहजन के यह फूल बहुत ही सौम्य होते है। जिससे बहुत ही जल्दी और आसानी से पक जाते है। जिसके कारण इको पकाने में भी कम समय लगता है। जिससे इनको जल्दबाजी में भी पका सकते है। कुछ लोग सहजन के फूल के पकौड़े खाना भी पसंद करते है। जो लोग सहजन के फूल को नहीं देखे है। जिसके कारण इनको पहचान नहीं पाते। वो लोग  पूछते है।  

सहजन के फूल कैसे होते हैं (How are drumstick flowers)

सहजन के फूल कैसे होते हैं

आमतौर पर श्वेत या सफेद सहजन ही पाया जाता है। जिसका फूल सफ़ेद रंग का होता है। यह सात फलको से आच्छादित होता हुआ, बीच में पीले रंग के पांच पुंकेसरों से युक्त होता है। जो शीर्ष पर पीले और नीचे सफ़ेद रंग के होते है। प्रायः इनमे गंध नहीं होती है। यदि किसी में पायी भी जाती है तो बहुत ही भीनी गंध होती है। इसके पराग मकरंद को मधुमक्खियां बहुत पसंद करती है। जिसके कारण यह इनके फूलो पर मडराती है।

वही आयुर्वेद में श्याम ( काले ) और लाल रंग के फूलो वाले सहिजन की बात भी आती है। परन्तु भारत में अधिकांशतः सफेद फूल वाला सहिजन पाया जाता है। सभी सहजन में श्याम सहजन को आयुर्वेद ने अच्छा कहा है। जिसका इसमें श्वेत सहजन से कुछ अधिक गुण पाए जाते है।  

सहजन के फूल में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Drumsticks Flowers Nutritinal Value)

सहजन के फूल में पाए जाने वाले पोषक तत्व

आधुनिक शोधो के अनुसार सहजन में निम्नलिखित घटक पाए जाते है –

  • विटामिन ए
  • विटामिन बी 1
  • विटामिन बी 2 ( राइबोफ्लेविन )
  • विटामिन बी 3 ( नियासिन )
  • विटामिन बी 6
  • विटामिन सी 
  • एस्कार्बिक एसिड
  • फोलेट
  • कैल्शियम
  • फास्फोरस
  • पोटैशियम
  • लोहा
  • जस्ता आदि। 

सहजन के फूल की सब्जी कैसे बनाएं (How to cook Drumstick flower vegetable)

सहजन के फूलो को एकत्रित करके यह सब्जी बनाई जाती है। जिसकी परख सहजन की खेती करने वालो को होती है। कुछ वृक्षों को छोड़कर सामान्यतः सभी वृक्ष में, फूल आने के बाद ही फल लगते है। जिन्हे फूलो की परिपक्व अवस्था भी कहा जाता है। इन फूलो में कुछ ऐसे भी फूल होते है, जो सूखकर झड़ जाते है। जबकि कुछ ऐसे भी होते है, जो विकसित होकर फल का रूप धारण करते है।

कृषि विज्ञान के पारखी लोग ऐसे फूलो की पहचान जानते है। जो आगे चलकर सूख जाते है। जिनका उपयोग हम आयुर्वेद में, वर्णित आरोग्यता हासिल करने के लिए कर सकते है। यहाँ ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बात यह है – ऐसे फूलो का चयन न करे, जो आगे चलकर फल में परिणत होने वाले है। जिसके लिए बहुत ही सामान्य मसाले की आवश्यक पड़ती है। जिसको आलू के साथ ( मिलाकर ) और आलू के बिना भी बनाया जा सकता है। 3 – 4 लोगो के लिए सहजन के फूल की सब्जी बनाने में आवश्यक सामाग्रियां इस प्रकार है –  

आवश्यक सामाग्री (Needed Ingredients) 

  • सहजन के फूल – 200 ग्राम 
  • यदि आलू वाली सब्जी बनाना हो तो आलू – 100 ग्राम
  • नमक – स्वादानुसार
  • हल्दी – ½ छोटा चम्मच
  • जीरा – ½ छोटा चम्मच
  • अजवाइन – ¼ छोटा चम्मच
  • प्याज – 1
  • तेल – 2 चम्मच ( लगभग 10 एम एल ) 
  • बारीक कटा हुआ धनिया 

सहजन के फूल की सब्जी बनाने की विधि (Method of cooking Drumstick Vegetable)

अन्य सब्जियों की अपेक्षा सहजन के फूल की सब्जी बनाना बाहत ही आसान है। इसमें अधिक मसाले भी नहीं पड़ते है। जिसके कारण कोई भी आसानी से इनको बनाना सीख सकता है। वही लोग सहजन के फूल का अचार खाना भी पसंद करते है। ऐसा वो लोग करते है। जिनको खट्टा अचार खाना पसंद नहीं होता। आइये अब सहिजना के फूल की सब्जी बनाना सीखते है –

  1. सहजन के फूल की सब्जी बनाने के लिए, इसके फूलो को साफ़ पानी में अच्छे से धोये।
  2. फिर फूलो को पानी से छानकर रख ले।
  3. प्याज को छोटा – 2 काटकर रख ले। 
  4. धीमी आंच पर कढ़ाई में तेल डालकर हल्का सा गर्म करे।
  5. फिर उसमे प्याज और जीरा डाले।
  6. जब प्याज हल्का लाल हो जाय तब, आलू डालना हो तो डाले नहीं तो न डाले।
  7. यदि आपने आलू डाला है तो उसको भी हल्का लाल करे।
  8. अब पानी से छने फूलो को इसमें डाले।
  9. इसके बाद हल्दी, अजवाइन और नमक डाले।
  10. अब कढ़ाई को ऊपर से ढककर पकने दे। 
  11. कुछ देर बाद ढक्कन को उतारकर, कलछुल या चम्मच सब्जी को हिलाये या चलाये। 
  12. ताकि सब्जी जले नहीं।
  13. ऐसा दो तीन बार करे।
  14. अब आलू दबा कर पकने का परीक्षण करे।
  15. यदि आलू नहीं डाला गया है तो फूल को दबाकर देखे।
  16. सब्जी के पक जाने पर कटा हुआ धनिया डाले।
  17. अब सब्जी को खाने के लिए परोसे। 

सहजन के फूल की यह लाजवाव सब्जी, रोटी, पूड़ी और पराठे के साथ आसानी से खाई जा सकती है। 

उपसंहार / निष्कर्ष :

सहजन के फूल की सब्जी हमें, शारीरिक और मानसिक रूप से सबल बनाती है। जहाँ एक और इसके सेवन से त्वचा और बालो को पोषण मिलता है। वही यह पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखने में मददगार है। यह आँखों के लिए हितकर और वजन को नियंत्रित रखने में सहायक है। अर्थात बढे हुए वजन को कम करता है और वजन कम होने पर उसको बढ़ता भी है। कैल्शियम इत्यादि का स्रोत होने के कारण हमारे हड्डियों को भी अधिक समय तक सुरक्षित रखता है।

वात नाशक होने के कारण जहाँ यह गैस, अपच और कब्ज से हमें बचाता है। वही कफनाशक होने से आलस्य, निद्रा, मोटापा, सर्दी और जुकाम से भी हमें सुरक्षित रखता है। इसलिए सहजन के फूल का हमें समय पर सेवन निश्चित रूप से करना चाहिए। 

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