क्या आपको पता कि जिस पानी की बोतल में आप पानी पीते है। वह आपको बीमार भी कर सकती है। क्योकि आपके पानी की बोतल में टॉयलेट सीट से, 40 गुना अधिक वैक्टीरिया मौजूद हो सकते है।
पानी की अशुद्धि से बचने के लिए लोग, रीयूजेबल वाटर बाटल का प्रयोग करते है। जब हम घर से बाहर निकलते है, तो पानी की बोतल अपने साथ रखते है। लेकिन हमें यह नहीं होता कि यह वॉटर बोतल हमें बीमार भी कर सकती है। फिर चाहे वह सामान्य बोतल हो अथवा गर्म और ठंडे पानी की बोतल ( थर्मोस्टेट ) ही क्यों न हो।
जिस बोतल को हम साथ लेकर घुमते है। उसमे सबसे अधिक कीटाणुओ के होने की संभावना होती है। जिसका मूल कारण हमारे हाथ सीधे वातावरण के संपर्क में रहने से जीवाणुओ से घिरे रहते है। जिससे हम बोतल को छूते है। साथ ही इसमें रखे पानी को पीने के लिए मुँह लगाकर पानी तो पीते है। जिसके दौरान हाथ गीला होने से, हाथ के कीटाणु बोतल की सतह चले जाते है। जिन्हे हम रोजाना साफ नहीं करते।
सीधे बोतल को मुँह में लगा कर पीने से, पानी का कुछ न कुछ अंश बोतल की दीवार पर लग जाता है। जो हांथो के संपर्क में आकर धीरे – धीरे संक्रमित होने लगता है। जिसके कारण पानी के बोतल की बाहरी और भीतरी सतह पर जीवाणुओं की उपस्थिति में वृद्धि होने लगती है। इसलिए आपके पीने के पानी की बोतल में बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया हो सकते है।
बोतल के पानी में मौजूद वैक्टीरिया खतरनाक है
बार – बार इस्तेमाल की जाने वाली बोतल में, प्रायः दो प्रकार के जीवाणु पैदा होते है। पहले निगेटिव रोड्स ( ग्राम – निएटिव ) और दुसरे बैसिलस। जहां निगेटिव रोड्स इंफेक्शन पैदा करने और दवाओं के असर को कम करने के लिए जिम्मेदार है। वही बैसिलस पाचन से जुडी सभी समस्याओ की वजह हो सकते है। जैसे – पेट में गैस बनना, पेट साफ न होना आदि।
अमरीका की वाटरफिल्टर डाट कॉम के अनुसार – मुँह लगाकर पानी पीने और रोज साफ न की जाने वाली बोतल में टॉयलेट सीट से 40 गुना अधिक वैक्टीरिया पाए जाने की संभावना होती है। जबकि कुछ लोगो का मनना है कि पानी की बोतल की कीमत से गुणवत्ता में सुधार होता है। अर्थात उसमे ऐसी समस्या नहीं होती। परन्तु अभी तक इसके कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिले है। यह पानी की बोतल का व्यवसाय है।
पीने के पानी की बोतल को धोने के टिप्स
ज्यादातर लोग पानी की बोतल 1 लीटर वाली इस्तेमाल करते है। पानी की बोतल को धोने के महत्वपूर्ण उपाय निम्न है –
- पानी की बोतल को दिन में कम से कम एक बार अवश्य धोये। जिसके लिए मिट्टी अथवा डिसबार के साथ गर्म पानी का उपयोग कर सकते है।
- प्रतिदिन बोतल को अंदर और बाहर से माजना न भूले।
- बोतल को खोलकर कुछ देर अवश्य सुखाये।
- यदि बोतल प्लास्टिक की है तो बेकिंग सोडा से साफ करे।
- यदि बोतल अधिक समय से न धोई गई हो और बदबू आ रही हो तो रात भर बोतल में सिरका डालकर रख दे। ऐसा करने से बोतल साफ और बोतल की महक दोनों समाप्त हो जाएगी।
- तांबे की बोतल को धोने के लिए पकी इमली के 2 – 3 बीजो को बोतल में पानी भरकर रखे। सुबह माँजकर धोये। इसके लिए इमली के स्थान पर नींबू और नमक का भी उपयोग भी कर सकते है।
पानी की बोतल को साफ रखने के टिप्स
- बोतल को मुँह लगाकर पीने के बजाय, बोतल को ऊपर उठाकर पिए।
- प्रत्येक बार पानी पीने के बाद बोतल के ठक्कन को भी पानी से धोये।
- पसीना लगे हाथो से बोतल को स्पर्श न करे।
उपसंहार :
बैक्टीरिया और रोगजनकों को आपके पीने के पानी में जाने से रोकने के लिए पीने के पानी की बोतल को साफ रखना आवश्यक है। अपने पानी की बोतल को सुरक्षित और साफ रखने के लिए ऊपर दिए गए आसान सुझावों को अपनाए!
बहुत ही उपयोगी जानकारी है।
धन्यवाद्