बवासीर या पाइल्स एक ऐसी समस्या है। जिससे आज बहुत से लोग प्रभावित है। यह आंतरिक और बाहरी दोनों रूपों में हो सकती है। जिसमे मलद्वारा से खून आना, दर्द, सूजन और खुजली शामिल हो सकती है। जिसको आयुर्वेद आदि में बवासीर के लक्षण कहा गया है। इससे छुटकारा पाने के लिए बवासीर जड़ से खत्म कैसे होता है की बात लोग पूछते है।
यह समस्या हमारे गुदा के अतिरिक्त शरीर के अन्य हिस्सों में विकसित हो सकती है। जिसमें वसा ग्रंथियाँ, गुदा के आसपास की नशों या आंत में सूजन आदि शामिल हो सकती हैं। बवासीर की ज्यादातर समस्या बढ़ती उम्र, गलत खानपान और अनियमित जीवनशैली के आधार पर विकसित होती है। जिसके कारण इसके रपगोयों को बवासीर में क्या खाना चाहिए और नहीं नहीं का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
खूनी बवासीर के लक्षण अन्य बवासीरो की तुलना में, अधिक घातक माना जाता है। जिसका मुख्य कारण बवासीर के मस्सों से लगातार खून का रिसाव होते रहना है। जिसके लिए खूनी बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय करने पड़ते है। तब जाकर कही खूनी बवासीर में बहने वाले खून से छुटकारा मिलता है।
बवासीर के प्रकार – Type of Piles in Hindi
बवासीर या पाइल्स कई प्रकार की होती हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
आंतरिक बवासीर (Internal Piles) :- इस प्रकार की बवासीर गुदा के आंतरिक हिस्सों में होते हैं, और आमतौर पर दर्द या खुजली का कारण नहीं बनते हैं। पूछताछ के दौरान साधारणतः, व्यक्ति उन्हें अपने पेट के अंदर बताने में सक्षम नहीं होता है।
बाहरी बवासीर (External Piles) :- ये बवासीर आंतरिक गुदा के बाहर होते हैं। इनमें दर्द, सूजन और खुजली हो सकती है। इन्हें बाहरी बवासीर के रूप में भी जाना जाता है। इसके मस्से आकार में बहुत बड़े और फूले हुए होते है। जिसके कारण इन्हे बादी बवासीर के लक्षण से युक्त माना जाता है।
संकीर्ण बवासीर (Prolapsed Piles) :- ये बवासीर आंतरिक या बाहरी बवासीर की एक गंभीर स्थिति हैं। जिसके मस्से गुदा के बाहर निकल आते हैं और वापस नहीं जाते हैं। इस स्थिति में दर्द, सूजन और बार-बार खुजली होने की समस्या अधिक हो सकती है।
खूनी बवासीर (Bleeding Piles) :- जैसा कि नाम से पता चलता है। इस प्रकार के बवासीर में मल त्याग के दौरान और बाद खून के साथ खुनी धारा की समस्या होती है। यह बवासीर दर्द, सूजन और खुजली के साथ साथ खूनी मल त्याग की समस्या का कारण बनती है।
बवासीर जड़ से खत्म करने के उपाय ( Bwasir jad se khatam krne ke upay)
बवासीर को ठीक करने के लिए कई तरह के इलाज अब उपलब्ध हैं। जो बवासीर की गंभीरता और लक्षणों पर निर्भर करते है। यहां हम कुछ प्रमुख बवासीर के इलाज के बारे में चर्चा करेंगे:
1) औषधि उपचार:
आमतौर पर पहले चरण में चिकित्सा विशेषज्ञ, आपको बवासीर के लिए दवाइयों की सलाह देंगे। ये दवाएं आपको दर्द और सूजन से राहत देने, मलद्वारा से खून आने को रोकने और बवासीर के नसों को कम करने में मदद करती हैं। इसके अलावा, बवासीर के लिए क्रीम और गोलियां भी प्रभावी हो सकती हैं। इसलिए, आपको अपने चिकित्सक की सलाह पर जरूर चलना चाहिए और उनके दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।
2) स्थानिक उपचार:
कुछ मामलों में बवासीर के लिए दवाओं के अलावा, स्थानिक उपचार भी आवश्यक हो सकता है। यह उपचार शामिल कर सकते हैं:
स्क्लेरोथेरेपी (नसों को बंद करने का तरीका), रबर बैंड बांधना (बवासीर की नसों को टाइ अप करने का तरीका), इंफ्रारेड कोगलेशन (उन्हें खोलने का तरीका) और हेमरॉयडेक्टोमी (बवासीर के मस्से को हटाने का तरीका)। ये स्थानिक उपचार एक चिकित्सक द्वारा सलाहित होते हैं, और सामरिक लक्षणों एवं रोग के स्तर पर निर्भर करते हैं।
3) परिवर्तन की आवश्यकता:
बवासीर के इलाज का एक हिस्सा यह होता है कि आप अपने खान-पान और जीवनशैली में परिवर्तन करें। जिसमे शामिल हो सकता है:
- उच्च फाइबर आहार का सेवन
- प्राकृतिक तत्वों से युक्त भोजन का पसंद करना
- पानी की पर्याप्त मात्रा में सेवन करना
- नियमित व्यायाम करना
- लंबी बैठकों से बचना और
- समय-समय पर आराम करना, आदि।
इन बदलावों से आपके गुदा स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है और बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
4) घरेलू उपचार:
बवासीर के लिए कुछ घरेलू उपचार भी प्रभावी हो सकते हैं। इसमें आपको गरम पानी से सिकाई, अजवाइन के पानी से सिकाई, दही, अलसी बीज, पपीता, और अमरूद का सेवन शामिल कर सकते हैं। ये घरेलू उपाय बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इनको ही बवासीर के घरेलू उपाय के नाम से भी जाना जाता है।
5) फाइबर का सेवन बढ़ा दें :
बवासीर के इलाज में एक प्रमुख कदम फाइबर का सेवन बढ़ाना होता है। फाइबर आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है और सचमुच बवासीर के इलाज में अहम भूमिका निभाता है।
फाइबर युक्त भोजन आपको एक स्वस्थ और नियमित डाइट प्रदान करता है और आपको पेट संबंधी समस्याओं से बचाने में मदद करता है। इसका नियमित सेवन आपको मल में नर्मी जैसे तमाम बाधाओं को कम करने में मदद कर सकता है।
फाइबर का सेवन बढ़ाने के लिए, आप ऊर्जा और प्रोटीन के साथ-साथ अनाज, फल, सब्जी, सलाद, दाल और दूध जैसे उचित आहार तत्वों को शामिल कर सकते हैं। साथ ही आप विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट्स का भी सेवन कर सकते हैं। जो आपको विभिन्न पोषक तत्वों की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेंगे। जिससे शरीर में आयी कमजोरी को दूर करने में भी मदद मिलेगी।
6) एलोवेरा जेल :
इस समस्या से राहत पाने के लिए एलोवेरा जेल, एक प्रमुख घरेलू उपाय हो सकता है। एलोवेरा एक प्राकृतिक पौधा है। जिसके बीजों और पत्तियों में गुणकारी तत्वों की भरपूर मात्रा होती है। यह प्राकृतिक तरीके से बवासीर में आराम प्रदान करता है। जिससे त्वचा को सुधारने और संरक्षित करने में मदद करता है।
एलोवेरा जेल को बवासीर के इलाज में इस्तेमाल करने के लिए, आपको एक छोटी सी मात्रा को बवासीर के प्रभावित क्षेत्र पर लगानी होगी। इसे आप सीधे त्वचा पर लगा सकते हैं या हल्दी मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे लगाने से पहले त्वचा को साफ़ करके सुखाना चाहिए।
एलोवेरा जेल ऐसे गुणकारी तत्वों का एक संयोजन है। जो दर्द और सूजन को कम करने, खुजली को शांत करने और त्वचा को ठंडक प्रदान करने में मदद करता है। यह एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर होता है। जिसके कारण यह त्वचा को स्वस्थ रखते हैं। इसके साथ कीटाणुओं से त्वचा को नष्ट होने भी बचाते हैं।
7) नींबू का रस:
नींबू बवासीर के इलाज के लिए एक प्राकृतिक औषधि के रूप में उपयोगी हो सकता है। नींबू में विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट्स, और एंटीइंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं। जो बवासीर के लक्षणों को कम करने में आपकी मदद कर सकती हैं।
बवासीर के लक्षणों को कम करने के लिए, नींबू का रस एक अच्छा घरेलू उपाय हो सकता है। आप एक गिलास गर्म पानी में नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर पी सकते हैं। नींबू के एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज पाइल्स के लक्षण को कम करने में मदद कर सकती हैं।
8) नींबू के ताजे पत्ते:
बवासीर के उपचार के लिए, ताजे नींबू के पत्तों का उपयोग किया जा सकता है। आप नींबू के पत्तों को तोड़कर, गुदा क्षेत्र पर लगा सकते हैं। इसके अलावा आप नींबू के पत्तों को पीसकर, उनका रस निकालकर इसे बवासीर के मस्सों पर लगा सकते हैं। नींबू के पत्ते में मौजूद तत्व बवासीर के दर्द, सूजन, और खुजली जैसे लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
9) नींबू के गरारे:
नींबू के गरारे से भी पाइल्स के लक्षण को कम किया जा सकता है। आप एक गिलास गरम पानी में नींबू का रस और नमक मिलाकर, इसे गरारे के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे बवासीर के लक्षणों की जलन और सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
उपसंहार :
बवासीर एक आम लेकिन गंभीर समस्या है। जो कई लोगों को प्रभावित करती है। हालांकि, शुद्ध और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर, उपयुक्त आहार और नियमित रूप से व्यायाम आदि करके ही आप बवासीर के खतरे से बच सकते हैं।
जबकि बवासीर जड़ से खत्म करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली और उचित उपचार के माध्यम से ही इसका इलाज संभव है। हालांकि बवासीर के मस्से को जड़ से खत्म करने का उपाय बवासीर को स्थायी रूप से उपचारित कर सकते है।
ध्यान रखे : किसी भी उपाय को अपनाने से पूर्व, चिकित्सा विशेषज्ञ से सलाह अवश्य ले। मनमानी ढंग से किया गया उपचार घातक हो सकता है।