बवासीर मानव गुदा में होने वाला बहुत ही दर्दनाक और कष्टकारी रोग है। जिसमे गुदा की शिराए खून से भरकर मस्सो का रूप ले लेती है। जिन्हे मुख्य तौर पर बवासीर के लक्षण कहा जाता है। यदि आप बवासीर से पीड़ित हैं और अंडा खाना पसंद करते है? तो आपको बवासीर में अंडा खाना चाहिए या नहीं को जान लेना आवश्यक है। क्योकि बवासीर में अंडा खाने के फायदे और नुकसान हो सकते है। जिसको न जानने वाले क्या बवासीर में अंडा खाना चाहिए या नहीं के फेर में पड़े रहते है।
आजकल बहुत सी चीजों में अंडे का इस्तेमाल होता है। जिसमे सबसे अधिक बेकरी और इससे बनने वाले उत्पाद आते है। जिनका बाजार दिन ब दिन फैलता ही जा रहा है। जिससे इन उत्पादों का किसी न किसी अंश में गुप्त अथवा प्रकट हम उपयोग कर ही लेते है। जो बवासीर होने पर हानिकारक सिद्ध होता है। इस कारण यह जानना महत्वपूर्ण हो जाता है कि बवासीर में क्या खाना चाहिए क्या नहीं?
बवासीर रोगियों के लिए बवासीर में अंडा खा सकते हैं या नहीं के बारे में जानना जरूरी हो जाता है। यह न केवल हमारी बवासीर को ठीक करने में सहयोग करता है। बल्कि बवासीर से हमे बचाता भी है। आइये जानते है कि बवासीर में अंडा खाना सुरक्षित है या नहीं।
बवासीर में अंडा खाना सही है या गलत
अंडा खाना सही है या नहीं का निर्णय तथ्यों के आधार पर होना चाहिए। जिससे वास्तव में पता चले कि बवासीर में अंडा खाना चाहिए या नहीं? इनको जानना इसलिए भी जरूरी है कि यह ऐसे कारण है। जिनको बवासीर की समस्या से निजात पाने के लिए उपयोगी माना गया है।
आयुर्वेदादी शास्त्रों में बवासीर से छुटकारा पाने के लिए, सेवनीय आहार की तीन विशेषता बतायी गई है –
- मलबन्ध अथवा कब्जियत कारक न हो
- अपानवायु का अनुलोमक न हो
- मंदाग्नि को बढ़ाने वाला न हो
इन तीन दृष्टियों को लेकर अंडे पर विचार करे तो
- अंडा बहुत चिकना होने से, पचने में भारी है। जिससे कब्जियत और पेट में गैस बनने की समस्या होती है।
- यह अपानवायु का अनुलोमक न होकर, प्रतिलोमक है।
- पेट में गैस करने वाली और अपानवायु का प्रतिलोमन करने वाली सामाग्री, मंदाग्नि को प्रश्रय देती ही है।
इन तथ्यों के आधार पर, बवासीर में अंडे का सेवन त्याज्य है। जिसके कारण बवासीर होने पर अंडा और इससे बने उत्पाद का सेवन नहीं करना चाहिए।
उपसंहार:
अंडा खाने वाले लोगो को बवासीर से छुटकारा पाने के लिए, खान – पान का विशेष ख्याल रखना होता है। जिनके लिए सबसे बड़ा सवाल होता है कि बवासीर में अंडा खाना चाहिए या नहीं?
आज कुछ लोग अंडे को शाकाहार कह देते है। जिसके कारण कह दिया जाता है कि बवासीर में अंडा खा सकते हैं। लेकिन ध्यान यह रखना चाहिए कि बवासीर में बहुत सी ऐसी चीजे है। जिनका सेवन बवासीर में वर्जित है। तो क्या बवासीर में अंडा खाना चाहिए नहीं हो सकता।
बवासीर रोग में उन सभी अन्न, पान और औषध का निषेध किया गया है। जिसमे कब्जियत पैदा करने, अपानवायु को प्रतिलोम करने और पाचक अग्नि को कम करने के गुण मौजूद हो। यह तीनो गुण अंडे में पाए जाते है। जिसके कारण बवासीर में अंडे का सेवन हानिकर है।
ध्यान रहे : कोई भी वस्तु न अच्छी होती है और न खराब। हर किसी में अपनी एक विशेषता होती है। जो केवल उसी वस्तु में पायी जाती है। जिसके कारण उस वस्तु की अपनी विशेषता है। जिसके कारण इनका इस्तेमाल रोग को दूर करने और बचने में किया जाता है।
सन्दर्भ:
हालांकि चरक आदि में बवासीर रोग में, अंडे के सेवन का स्पष्ट रूप से निषेध नहीं मिलता। लेकिन सूत्र रूप में सभी आयुर्वेद के जानकार बवासीर में अंडे के सेवन को अच्छा नहीं मानते।
अष्टांग ह्रदय चिकित्सा अध्याय – 08
चरक संहिता चिकित्सा अध्याय – 14
सुश्रुत संहिता चिकित्सा अध्याय – 06
भैषज्यरत्नावली चिकित्सा अध्याय – 09
FAQ
क्या अंडे पाइल्स के लिए अच्छे है ( is egg good for piles )?
नहीं, अंडा मल को बाँधने और कब्ज करने वाला होने के साथ – साथ, पाचन किया पर विपरीत प्रभाव डालता है। जिसके कारण बवासीर रोग में अंडा न खाना फायदेमंद है।