मस्से वाली बवासीर में क्या खाना चाहिए

मस्से वाली बवासीर के लिए सही आहार का सेवन महत्वपूर्ण होता है। इसलिए मस्से वाली बवासीर में क्या खाना चाहिए और नहीं को जान लेना आवश्यक है। इसके ज्यादातर मस्से बहुत मोटे, कड़े, चिकने, खुरदरे और आकार में बहुत बड़े होते है।

जिससे यह गुदा को बंदकर बहुत तीक्ष्ण और तीव्र दर्द देते है। जो मुख्य रूप से बादी बवासीर के लक्षण है। बादी बवासीर को ठीक करने में हमारा भोजन सहायक है। जिसके कारण पाइल्स में क्या खाना चाहिए ( piles me kya khana chahiye ) और क्या नहीं खाना चाहिए को जान लेने में ही हमारी भलाई है। 

मस्से वाली बवासीर में क्या खाना चाहिए

मस्से वाली बवासीर होने पर मानव गुदा में मांस के मस्से निकल आते है। जो महिला और पुरुष दोनों में देखे जा सकते है। अंतर केवल इतना है कि जब यह महिलाओ में देखे जाते है, तब महिला बवासीर के लक्षण कहलाते है। और जब यह पुरषो में दिखाई पड़ते है तब पुरुष बवासीर के लक्षण कहे जाते है। जिन्हे ठीक करने के लिए बवासीर की गारंटी की दवाई अत्यंत उपकारी है।

पंरतु इनके साथ भी पाइल्स या बवासीर में क्या खाना चाहिए का ध्यान रखना ही होता है। क्योकि बवासीर से पीड़ित होने पर देहगत दोषो में फेरबदल होता है। जिसको संतुलित करने के लिए आहार में बदलाव करने की जरूरत होती है। इस आधार पर बादी बवासीर में क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए को जानना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। 

मस्से वाली बवासीर क्या है ( masse vali bawasir kya hai )

मस्से वाली बवासीर को बादी बवासीर के नाम से भी जाना जाता है। जिसमे गुदा की शिराए खून से भरकर फूल उठती है। जिससे गुदा के बाहर मांस के मस्से बनने लगते है। जो कुपित होकर फूलने और बढ़ने लगते है। जिसके कारण ये गुदा द्वार का मुँह बंद कर देते है। 

जिससे न तो मल बाहर निकल पाता है, और न अपान वायु। जिसके कारण पेट में जलन और चुभन रहने लगती है। साथ इन मस्सों के अंदर वातादि दोष असंतुलित होते रहते है। इनके परिणामस्वरूप मस्से वाली बवासीर के मस्सो में तीव्र दर्द होने लगता है। जिनको उपचारित करने में बवासीर के घरेलू उपाय बहुत लाभकारी है। 

मस्से वाली बवासीर का इलाज ( masse wali bawaseer ka ilaj ) करते समय बहुत से ऐसे काम है। जिन्हे उपचार के दौरान नहीं करना चाहिए। जिसमे सबसे पहले आने वाली चीज है, हमारा भोजन। इसकारण बवासीर रोगियों में यह जानने का कौतुहल रहता है कि बवासीर में क्या खाएं ( piles me kya khaye )?

बादी बवासीर में क्या खाना चाहिए ( badi bawaseer mein kya khana chahiye )

बादी बवासीर में क्या खाना चाहिए

आयुर्वेद के अनुसार कफ और वात दोष की विसंगति से, मस्से वाली बवासीर होने की प्रबल संभावना होती है। जिसमे संतुलन साधने वाली वस्तुओ का ही सेवन मस्से वाली बवासीर में करना चाहिए। जैसे –  

  • सादा और आसानी से पचने वाला भोजन करे। 
  • सुबह के समय मौसमी फल और इनके जूसों का सेवन करे। 
  • मौसमी, ताजी और हरी सब्जियों का नियमित सेवन करे।
  • मिठास के लिए चीनी के स्थान पर ताड़ गुड़, खजूर गुड़ आदि का सेवन करे।
  • दोपहर भोजन के बाद छाछ का सेवन करे।
  • रात्रि भोजन के बाद दूध जरूर पिए।
  • 70 प्रतिशत बिना पका और 30 प्रतिशत पका हुए भोजन करें।
  • पहले कच्चा और फिर पका हुआ भोजन करे।
  • पर्याप्त मात्रा में जीवाणु – विषाणु मुक्त, 100 – 300 टी डी एस का संरचनात्मक पानी पिए। 
  • घाणी से निकले शुद्ध सरसो के तेल का सेवन करे।
  • काला नमक वात नाशक है। जिसका सेवन मस्से वाली बवासीर में गुणकारी है। 
  • आंवला और कैथ का फल बवासीर में बहुत ही फायदेमंद है।
  • नींबू और सिरका बवासीर में लाभ करता है।
  • सोंठ बहुत बड़े आकार के मस्से वाली बवासीर में अत्यंत लाभकारी है, आदि।  

मस्से वाली बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए ( masse wali bawaseer me kya nahi khana chahie )

आयुर्वेदानुसार वात और कफ विकृतियों के फलस्वरूप मस्से वाली बवासीर होती है। जिसको दूर करने के लिए इन दो दोषो को भड़काने वाली चीजे नहीं खानी चाहिए। जैसे – 

  • तीखा, कडुआ, चटपटा और मसालेदार वस्तुओ के सेवन से बचे।
  • खाली पेट भारी और गैस करने वाली चीजों को न खाये।
  • चीनी को न खाये, क्योकि यह वातकारक होती है। इसका सेवन करने से शरीर में रुक्षता बढ़ती है। 
  • सभी प्रकार के कोल्ड ड्रिंक न पिए। इन सभी में चीनी संघनित रूप में पायी जाती है। जिससे शरीर सूखता है।
  • दही के सेवन से बचे।
  • उड़द, मटर जैसी दालों के सेवन से बचे। 
  • दही का उपयोग न करे, विशेषकर रात्रि को।
  • कच्चे और पके हुए भोजन को साथ में भूलकर भी न खाये।
  • पके हुए आम और बेल फल को न खाये।
  • अंडे और मांसाहार का परित्याग करे।
  • पनीर, केक, पैटीज, चॉकलेट आदि न खाये।
  • फास्ट और जंक से दूर रहे।
  • सभी प्रकार की जलीय कंद का सेवन न करे।  
  • पीठी को तेल या घी में तलकर न खाये, जैसे – पूड़ी – पराठे आदि। 

उपसंहार :

मस्से वाली बवासीर से छुटकारा पाने के लिए, मस्से वाली बवासीर में क्या खाना चाहिए को जानना अत्यंत आवश्यक है। जिसके दो बड़े कारण है। पहला भोजन से हमें ऊर्जा मिलती है। जिससे हमारे शरीर की क्रिया प्रणाली सुचारु रूप से चलती है। दूसरा हमारे शरीर को उपयुक्त पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है। जिससे हमारे अंगो – प्रत्यंगो की सफाई होती है।

इन पोषक तत्वों की उपस्थिति में शरीर कुछ अतिरिक्त और उपयुक्त तत्वों का निर्माण करता है। जो भोजन में नहीं पाया जाता। जैसे – B12 आदि। जिसमे व्यवधान आने से शरीरगत दोष में अंसतुलन हो जाता है, जिसके कारण रोग पनपने लगते है। 

इन प्रक्रियाओ का सम्पूर्णांश रोग का अपनोदन कर, हमें स्वस्थ बनाता है। जिससे हम अधिक समय तक, विभिन्न प्रकार के रोग और दोष से बचे रहते है। किन्तु यदि किसी कारणवश हम रोग से घिर भी गए, तो इनका अनुगम करते ही हम पुनः रोग मुक्त हो जाते है। इस कारण पाइल्स में क्या खाना चाहिए ( piles me kya khana chahiye ) को जानने में ही हमारी भलाई है। 

सन्दर्भ :

चरक संहिता चिकित्सा अध्याय – 14

भैषज्यरत्नावली – अध्याय – 9 

योगरत्नाकर अर्श चिकित्सा प्रकरण

अष्टांग संग्रह चिकित्सा अध्याय -10

अष्टांग ह्रदय चिकित्सा अध्याय – 08

FAQ

बवासीर में क्या चीज नहीं खाना चाहिए?

बवासीर में गरिष्ट, चिकनी, देर से पचने वाली और जलनकारी एवं मसालेदार चीजे नहीं खानी चाहिए। इसके साथ रात्रि में देर से खाना भी हानिकारक है। 

बवासीर के लिए क्या करना चाहिए?

बवासीर को जड़ से खत्म करने के लिए उपयुक्त चिकित्सा करनी चाहिए। इसके साथ आहार – दिनचर्या आदि का विधिवत पालन करने से बवासीर ठीक हो जाती है। जिसकी निरंतरता बनाये रखने पर बवासीर जैसे रोगो की पुनरावृत्ति फिर नहीं होती। 

बवासीर में क्या करना चाहिए?

बवासीर में परहेजों का पालन करते हुए, बवासीर के लिए प्रतिषेधक कर्मो का त्याग करना चाहिए। जिसमे हमारे द्वारा ग्रहण करने वाला आहार और दिनचर्या आदि है। जिसका सर्वाधिक प्रभाव हमारी देह पर दिखाई पड़ता है। जिसमे समय पर भोजन और शयन दोनों सर्वाधिक महत्व के है। जिसमे सुपाच्य, गैस न करने वाले,  बलवर्धक और देहप्रकृति के अनुकूल भोजन सर्वाधिक लाभकारी है। जबकि मात्रा में अधिक भोजन करना, रात में जगना और काम अनुराग, परिश्रम न करना इत्यादि त्याज्य है। 

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