नवरात्रि – हमें अपने शरीर को बदलने का सुनहरा अवसर देता है। जिस पर हममें से ज्यादातर लोगो का ध्यान नहीं जाता। जिससे अवसर प्राप्त होने पर भी हम उसका लाभ नहीं उठा पाते। और स्वस्थ कैसे रहा जाए के उपाय खोजते है। आयुर्वेद आदि में शरीर स्वस्थ बनाने का सुनहरा अवसर है नवरात्रि। इन नौ रात्रियो में शरीर परिवर्तन कर अनुकूल आकार में लाने का सही समय है। तो आइये अपने शरीर को बदलने के तरीके जानें।
आमतौर पर नवरात्र को धार्मिक दृष्टि से देखा और मनाया जाता है। जबकि धर्म का तात्पर्य सिद्धांत है। जिसका अनुशरण करने वाला लोक ही नहीं, परलोक और परमात्मा को प्राप्त करने का सामर्थ्य रखता है। फिर स्वास्थ्य तो पाही ही जा सकता है। जिसका विस्तृत वर्णन आयुर्वेदादी शास्त्रों में किया गया है।
जबकि स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाय तो नवरात्रि शरीर को स्वस्थ करने का स्वर्णिम अवसर है। जिसमे न केवल आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्राप्त होती है। बल्कि हमें निरोगी काया भी प्रदान करता है। जिससे नवरात्रि का महत्व दार्शनिक, वैज्ञानिक और व्यवहारिक तीनो धरातलों पर सिद्ध है। इसलिए शरीर स्वस्थ बनाने का सुनहरा अवसर है नवरात्रि।
शरीर स्वस्थ बनाने का सुनहरा अवसर है नवरात्रि क्यों
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्री प्रारम्भ होती है। जो चैत्र शुक्ल नवमी तक चलती है। वही ऋतू के अनुसार विचार करे तो वसंत के मध्य में चैत्र नवरात्र आती है। जिसको सनातन शास्त्रों में प्रकृति के नव कलेवर का समय माना गया है। भारतीय खगोलीय और ज्योतिष के आधार पर निर्मित, सनातन हिन्दू पंचांग भी इसी दिन को नववर्ष ख्यापित करता है।
जिसमे सम्पूर्ण प्रकृति में चारो ओर नवीनता परिलक्षित होती है। जिसमे वृक्षों का पतझड़ समाप्त हो जाता है। उसी प्रकार मानव देह में भी नवीनता को आधार प्राप्त होता है। परन्तु हमारे अंदर किसी प्रकार का बदलाव क्यों दिखाई नहीं देता।
आखिर जब पूरी सृष्टि का निर्माता, पोषणकर्ता और संहर्ता एक है, तो हम मानवो के साथ द्वैत बुद्धि ( विपरीत बर्ताव ) क्यों? अर्थात जब सभी के लिए शरीर स्वस्थ बनाने का सुनहरा अवसर है नवरात्रि तो क्या हम मनुष्यो के लिए नहीं है।
आयुर्वेद आदि का सांगोपांग अध्ययन करने पर, ईश्वर ही जगत बनाने वाला एयर बनने वाला सिद्ध है। फिर इतनी बड़ी भूल उसके द्वारा कैसे हो सकती है? अर्थात भूल ईश्वर के द्वारा नहीं बल्कि हमारी अज्ञान है। जिस पर हमारा ध्यान नहीं जाता, क्योकि दिन रात हम अपने और अपने परिवारी जन की रोजी – रोटी, इज्जत – पानी में लगे रहते है।
जबकि वास्तव में नवरात्रि के समय हमारे शरीर में, नवोन्मुख बदलाव होने लगते है। जिनसे शरीर में स्थित मल के आपनोदन का मार्ग प्रशस्त होता है। जो हमारे स्वास्थ्य को लम्बे समय तक बनाये रखने में मददगार है। परन्तु इसके लिए अनुकूल समय के साथ सामग्री भी आवश्यक है। जिसमे तालमेल सधने पर शरीर की गंदगी को, साफ़ करने का हमें अवसर प्राप्त होता है। जिसके कारण शरीर स्वस्थ बनाने का सुनहरा अवसर है नवरात्रि।
नवरात्रि में व्रत – उपवास करने के स्वास्थ्यवर्धक फायदे
नवरात्रि में हम दीपक जलाकर भगवती की उपासना आराधना करते है। परन्तु यह समय शरीर की गंदगी साफ करने का अवसर है। जिसका लाभ उठाकर हम शरीर को स्वस्थ कर सकते है। इसलिए नवरात्रि शरीर को स्वस्थ करने का स्वर्णिम अवसर कहलाता है।
नवरात्रि में ऐसे करे शरीर साफ
शरीर को साफ करने का सबसे अच्छा समय है, यह चैत्र मास का नौ दिन। जिसमे अधिकतम लोग व्रत – उपवास करते है, भगवती से सुख – समृद्धि की प्रार्थना करते है। परन्तु खानपान में गड़बड़ी करते है। जिससे मनोवांछित स्वास्थ्य की प्राप्ति नहीं।
यदि आप शरीर को स्वस्थ बनाने की सोच रहे है तो शरीर स्वस्थ बनाने का सुनहरा अवसर है नवरात्रि। इसमें अपने सामर्थ्य के अनुसार एक दिन, दो दिन या पूरे नौ दिन व्रत रह सकते है। जिसमे ध्यान यह रखना है कि कोई भी चीज पकी हुई नहीं खानी है। लेकिन जब लगने पर पानी पीना है।
नवरात्रि में ऐसे घटाए वजन
यदि आप नवरात्रि में वजन कम करना चाहती है। तो नवरात्रि इसका सबसे उपयुक्त समय है। इसमें व्रत के साथ अनावश्यक भी आसानी से घटाया जा सकता है। जिसका सबसे बड़ा कारण आत्मबल है। हम देवी आराधना को लेकर जितने चौकन्ने रहते है। उतना और किसी को लेकर नहीं। इस कारण शरीर स्वस्थ बनाने का सुनहरा अवसर है नवरात्रि।
नवरात्रि के दिनों में वजन कम करने के लिए पके भोजन को न खाये। इनके स्थान पर कच्ची खाई जाने वाली सब्जिया और पके फल खाये। ऐसा करने पर कुछ ही दिनों में वजन घटने लगेगा। जिससे शरीर स्वस्थ बनाने का सुनहरा अवसर है नवरात्रि।
नवरात्रि में कम करे मोटापा
नवरात्र के समय हम वैसे ही बहुत कम खाते है। ज्यादातर अपना समय पूजा – पाठ आदि में ही बिताते है। जिससे शरीर को अपने अंगो की शुद्धी का समय मिल जाता है। जिसमे निरंतरता बनी रहने पर शरीर साफ़ होने लगता है।
जिससे भोजन के माध्यम से गया और पाचन प्रक्रियाओं से निकला, मलिन पदार्थ शरीर में रोग की उत्पत्ति करने लगता है। जिससे मोटापा आदि रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। यदि इस समय हम धैर्य का परिचय दे। खान पान को सुव्यवस्थित रखे तो मोटापा आदि को कम अथवा सदैव के लिए भगा सकते है।
नवरात्रि में ऐसे करे पेट साफ
पेट को साफ़ करने के लिए अनेक आयुर्वेदीय नुस्खे है। परन्तु नवरात्रि पेट साफ़ करने का सबसे बढ़िया समय है। जिसमे हम देवी माँ को प्रसन्न करने के साथ – साथ, अपने पेट में जमी गंदगी को भी साफ़ कर सकते है। जिसके लिए हमें अपने आहार में विशेष परिवर्तन करना होगा।
जिस प्रकार दीपक को जलने के लिए ईंधन आवश्यक है। उसी प्रकार पेट को साफ़ होने के लिए पानी आवश्यक है। जिसमे गरम पानी पीने के फायदे है। आपके भोज्य पदार्थो का सेवन करते हुए, उचित अंतराल पर पानी पीते रहने से पेट साफ़ होने लगता है। इन्ही कारणों से शरीर स्वस्थ बनाने का सुनहरा अवसर है नवरात्रि।
इसके अतिरिक्त यदि हम इस दौरान क्षारीय जल का उपयोग करे, तो वह हमारे पेट के लिए बहुत ही गुणकारी है। जिसको बनाने के लिए पानी में पुदीना, नीम्बू, तुलसी और अदरक आदि के टुकड़े डाले जा सकते है।
नवरात्रि में ऐसे नियंत्रित करे शुगर
आज के समय में शुगर सबसे अधिक तेजी से फैलती हुई बीमारी है। जिसका सबसे बड़ा कारण शरीर की आवश्यक मात्रा से अधिक पोषक तत्व शरीर में डालना है। आजकल बाजारों में बिकने वाले ज्यादातर पोषक तत्व कृत्रिम है। जिनका ज्यादातर भाग शरीर अवशिष्ट ही नहीं करता।
ऐसा करने पर शरीर को शुद्ध करने वाले अंग निष्प्रभावी हो जाते है। जैसे – यकृत आदि। जिससे इनके द्वारा अशोधित तत्व शरीर में रहकर, हमे बीमार करने लगते है। इस कारण शरीर में असंतुलन पैदा हो जाता है। जिसके परिणामस्वरूप हम शुगर आदि के चपेट में आ जाते है।
जबकि शरीर स्वस्थ बनाने का सुनहरा अवसर है नवरात्रि। इसमें हम प्राकृतिक खानपान आदि के द्वारा शुगर को कम कर सकते है। जैसे – पेट साफ़ होने पर शुगर आदि में कमी होती ही है। जिससे शरीर स्वस्थ बनाने का सुनहरा अवसर है नवरात्रि।
नवरात्रि में कंट्रोल करे ब्लड प्रेसर
आज वह परिस्थिति आ गई है, जिसमे स्वस्थ हृदय के लक्षण से युक्त व्यक्ति का मिलना कठिन है। आज कोई बी पी लो से ग्रस्त है तो कोई बी पी है पीड़ित है। जिससे नान ना प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्याए जन्म ले रही है। जिसका निदान और उपचार आज चिकित्सा जगत के लिए चुनौती है।
जबकि शरीर स्वस्थ बनाने का सुनहरा अवसर है नवरात्रि। जिसका लाभ उठाकर हम सभी प्रकार की ह्रदय समस्याओ से छुटकारा पा सकते है। जिसके लिए ऊपर जो नियम बताये गए है। उनका पालन आवश्यक है।