कुटकी हम भारतीयों की थाली का अभिन्न अंग रहे है। प्रजनन तंत्र के रोगों को दूर करने में कुटकी के फायदे है। आजकल यह अफ्रीकन मिलेटस के नाम से भी जाना जाता है। क्योकि आज यह अफ्रीकियों की आहार प्रणाली का मुख्य हिस्सा है। जबकि डॉ खादर वल्ली के अनुसार लिटिल मिलेट खाने के 7 फायदे है।
इसमें लगभग 9.8% डायट्री फाइबर पाया जाता है। जिसके कारण यह सभी मिलेटस में आसानी से पचने वाला मिलेट है। इसके साथ यह बहुत धीरे – धीरे ग्लकोज को रिलीज करता है। जिससे इसका सेवन करने के बाद अधिक समय तक, ऊर्जा बनी रहती है। इसलिए कुटकी का उपयोग अधिक परिश्रम करने वाले लोग करते है। जैसे – काम करने वाले मजदूर, खिलाड़ी और मैराथन दौड़ने वाले लोग आदि।
आमतौर पर कुटकी की खेती बहुत ही आसानी से होती है। जो एक बारिस में भी आसानी से उग जाता है। इसमें किसी तरह के कीड़े – मकोड़े नहीं लगते। जिससे इसमें किसी तरह के जंतु और कीट नाशक की आवश्यकता नहीं पड़ती। यह बहुत आसानी से तीन से साढ़े तीन माह में तैयार होने वाली फसल है।
कुटकी का पौधा देखने में धान के जैसा होता है। लेकिन धान का चावला सफ़ेद और लंबा होता है। पर कुटकी के चावल हल्के पीले रंग के गोल आकार लिए होते है। जिनको पानी में भिगाकर और पकाकर खाया जाता है। हालाकिं यह भी मोटे अनाज के नाम में गिना जाता है। इस पोस्ट में हम लिटिल मिलेट खाने के 7 फायदे की चर्चा करेंगे।
लिटिल मिलेट क्या है ( what is kutki millet in hindi )
यह गोल आकार और छोटे दानों वाला अनाज है। जिसका रंग कुछ सफ़ेद और पीला लिया हुआ, हल्का सुनहले रंग का होता है। जिसमे प्रति 100 ग्राम में लगभग 9.8 ग्राम फाइबर पाया जाता है। जिसे हिंदी में कुटकी मिलेट या little millet in hindi भी कहा जाता है।
लिटिल मिलेट का वैज्ञानिक नाम ( little millet scientific name in hindi )
लिटिल मिलेट बहुत ही छोटे दाने वाला अनाज है। जिससे इसे स्माल मिलेट ( small millet ) भी कहा जाता है। जिसका वैज्ञानिक नाम पणिकम सुमात्रेनसे ( Panicum sumatrense ) है।
लिटिल मिलेट का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ( little millet glycemic index in hindi )
किसी भी खाद्य पदार्थ में कार्बोहाइड्रेट और फाइबर के अनुपात को ग्लाइसेमिक इंडेक्स कहा जाता है। जो पाचन के दौरान हमारी हमारे खून में शर्करा को छोड़ने की दर बताता है। जोकि कुटकी मिलेट में बहुत ही कम होता है।
कार्बोहाइड्रेट = 65.5
फाइबर = 9.8
ग्लाइसेमिक इंडेक्स ( कार्बोहाइड्रेट / फाइबर ) = 6.68
अर्थात इसका सेवन करने पर यह बहुत ही धीमी गति से, ग्लूकोज का निष्कर्षण करता है। जिससे हमारे खून में शर्करा की मात्रा नहीं बढ़ने पाती। दूसरा लाभ यह है की हमें अधिक समय तक ऊर्जा मिलती रहती है। जिससे बिना भूख के हम अधिक समय तक अपना कार्य कर पाते है।
लिटिल मिलेट न्यूट्रिशनल वैल्यू ( little millet nutritional value per 100g )
लिटिल मिलेट के पोषक तत्वों की बात की जाय तो इसमें निम्नलिखित तत्व पाए जाते है –
नियासिन = 1.5
राइबोफ्लोबिन = 0.07
थियामिन = 0.30
आयरन = 2.8
कैल्सियम = 0.02
फास्फोरस = 6.28
प्रोटीन = 7.7
खनिज = 1.5
लिटिल मिलेट खाने के 7 फायदे ( 7 little millet benefits in hindi )
आमतौर पर little millet को kutki millet भी कहते है। वही इसे small millet in hindi भी कहा जाता है। जिसको खाने के डॉ खादर वल्ली ने बहुत से फायदे बताये है। जो लिटिल मिलेट बेनिफिट्स ( little millet benefits ) के नाम से जाना जाता है।
गर्भ पोषण के लिए सर्वोत्तम है
लिटिल मिलेट को गर्भ पोषण के लिए सबसे उपयोगी माना गया है। क्योकि गर्भकाल में गर्भस्थ शिशु का विकास होने से, आमाशय आदि पर दाब पड़ता है। जिससे आमाशय आदि का भाग सिकुड़ जाता है। लेकिन इस दौरान गर्भवती महिला को पोषण और ऊर्जा दोनों की आवश्यकता पड़ती है।
लेकिन इसी दौरान ब्लोटिंग, खट्टी डकार आदि पाचन समस्याए भी होती है। जिसके कारण अक्सर महिलाए खाना नहीं खा पाती। जिससे उन्हें गर्भावस्था के दौरान तकलीफ होती है और शिशु के विकास में भी बाधा आती है।
परन्तु लिटिल मिलेट में फाइबर और कार्बोहाइड्रेट का संतुलन पाया जाता है। जिसके कारण इसका पाचन धीरे – धीरे होता है। जिससे गर्भवती महिला के खून में ग्लूकोज अचानक से न मिलकर, बहुत ही धीरे – धीरे और लगातार मिलती रहती है। जिससे इसको खाने के घंटों बाद भी, भूख नहीं मिलती। जिससे अन्न का खपत कम होती है। यह लिटिल मिलेट खाने के 7 फायदे में से एक है।
बोन फ्रैक्चर में लाभ करता है
यह हड्डियों में आये दरार को बहुत ही आसानी से भरता है। इसमें पाया जाने वाला कैल्शियम हड्डियों के लिए स्वाभाविक रूप से गुणकारी है।
डायबटिक गैंग्रीन में लाभ करता है
शुगर में होने वाला घाव जल्दी नहीं भरता। लेकिन लिटिल मिलेट का सेवन करने से डायबटीज का घाव भी आसानी से भर जाता है। यह लिटिल मिलेट खाने का फायदा है।
माइक्रोबियल इम्बैलेंस को व्यवस्थित करता है
लिटिल मिलेट हमारे गुदा में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवाणुओ को संतुलित बनाये रखता है। जिससे विटामिन बी काम्प्लेक्स की कमी से होने वाली बीमारियों का ख़तरा हमें नहीं होता। जिसमे B12 आदि विटामिन आती है। जिससे गुदा रोग आदि होने का ख़तरा कम हो जाता है।
हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण आने वाली समस्याओं में लाभ करता है
लड़कियों और महिलाओं के हार्मोन्स में असंतुलन आने से बहुत से रोग होते है। जैसे –
- थायराइड
- पी सी ओ एस ( PCOS )
- पी सी ओ डी ( PCOD )
- माहवारी न आना
- माहवारी का देर से आना
- माहवारी में खून अधिक आना
- पीरियड के समय अत्यधिक दर्द होना
- तमाम तरह की गर्भाशय से सम्बंधित समस्याए
- बाल झड़ना
- अनचाहे स्थानों में बाल आना
- मेनोपॉज आदि की समस्याए होती है।
जबकि पुरुषों में हार्मोन्स की कमी होने से, बहुत से रोग होते है। जैसे –
- लिंग में तनाव न आना
- शीघ्रपतन
- सम्बन्ध के पहले ही स्खलित हो जाना
- वीर्य में शुक्राणुओ की संख्या 120 मिलियन से कम होना आदि।
इस तरह की सभी समस्याओं में लिटिल मिलेट का सेवन करने से लाभ होता है। यह लिटिल मिलेट खाने के लाभ है।
गलत खानपान के कारण आये रोगों को दूर करता है
आजकल हम्मसे से अधिकांश लोगों का खानपान बहुत ही गड़बड़ है। क्योकि आजकल हम जो कुछ भी खाते है। सब के सब उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स रखने वाली वस्तुए होती है। जिसके कारण लाइफस्टाइल से सम्बंधित रोग होने की संभावना हमें लगी रहती है।
जबकि लिटिल मिलेट बहुत ही कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स रखता है। जिसके कारण कोई भी इसका सेवन आसानी से कर सकता है। जिससे ग्लूकोज के वितरण में आने वाली समस्याए नही आने पाती।
प्रसव के बाद महिलाओं में दूध बढ़ाता है
अक्सर महिलाओं को प्रसव के बाद, शिशु के पोषण के लिए पर्याप्त दूध नहीं होता। लेकिन यदि स्तनपान कराने वाली माताए – बहने खाने में लिटिल मिलेट को शामिल करे तो उन्हें दो लाभ होते है –
- बच्चे के लिए पर्याप्त दूध आने लगता है।
- प्रसव के बाद आने वाली कमजोरी भी दूर होती है।
महिला और पुरुष के प्रजनन तंत्र के रोगो को दूर करता है
महिला और पुरुष में पाए जाने वाले, सभी तरह की प्रजनन समस्याओं में लिटिल मिलेट फायदा करता है। फिर चाहे स्तंभव दोष के कारण हो अथवा अन्य किसी कारण से हो।
लिटिल मिलेट प्रजनन तंत्र की सफाई करता है। जिससे पुरुषो में वीर्य बनना शुरू हो जाता है। जिसके कारण लिंग में तनाव कम आने वाली समस्याए नहीं होती। वही महिलाओं को गर्भ धारण करने में होने वाली वाली समस्याए नहीं होती। जैसे – गर्भस्राव और गर्भपात आदि।
उपसंहार :
कुटकी अनाज का मुख्य कार्य वीर्य को बढ़ाना, गुप्तांगों की सफाई और गर्भ का पोषण करना है। जिससे लिटिल मिलेट की उपयोगिता काम सुख के साथ – साथ, स्वस्थ और दीर्घायु संतान की प्राप्ति के लिए है। जिससे इसको सेवन करने की आवश्यकता, हर विवाहित जोड़ों के लिए होती है।
लिटिल मिलेट में लगभग 9.8% फाइबर पाया जाता है। जिससे आधुनिक समय में यह किसी वरदान से कम नहीं है। दूसरा लिटिल मिलेट को उपजाने में गेहू और चावल के जितना समय लगता है। फिर कुटकी मिलेट का रेट अच्छा होने से किसानों के लिए भी फायदे का सौदा है।
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