सुबह खुलकर पेट साफ न होने से दिनभर आलस्य, बेचैनी और तनाव बना रहता है। जिससे हम न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक रूप से भी प्रताड़ित होते है। यह दिक्कत जीर्ण रोगो में तो होती ही है। परन्तु सामान्य और स्वस्थ व्यक्ति का, पेट साफ न होने पर भी ऐसा होता है। जिसके लगातार बने रहने पर, हमारा शरीर अम्लीय होने लगता है। जिसके कारण रोग हमारे अंदर आश्रय प्राप्त करते है। जिससे बचने के लिए, पेट साफ करने के लिए क्या खाना चाहिए पर विचार करना आवश्यक है।
आज के समय में पेट की किसी न किसी समस्या से लगभग सभी पीड़ित है। जिसमे पेट साफ न होना मुख्य समस्या है। जिससे तकनीकी युग में छुटकारा पाना बहुत कठिन है। क्योकि आज तकनीकी का सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर है। जिसमे सर्वाधिक योगदान इंटरनेट और मोबाइल आदि का है। अब तो दूरसंचार का ही प्रभुत्व, हमारे चारो ओर दिखाई पड़ता है। जिसमे समय की बड़ी किल्लत ( कमी ) है। जो हम जाने अनजाने में, इंटरनेट आदि पर व्यतीत करते है। जिसकी प्रतिपूर्ति हम खाना बनाने, खाने और सोने में करते है। ऐसे में पेट साफ हो तो कैसे या पेट साफ कैसे करे ?
अब हमारे पास आधुनिक तकनीकी समृद्धता के कारण, भोजन की मात्रा अधिक है। परन्तु गुणवत्ता बहुत ही कम (सीमित) है। जिससे हमारे पास देखने में सुन्दर और आकर्षक भोजन, तो उपलब्ध है लेकिन गुणवत्ताविहीन। जिसका किसी भी रूप में सेवन दोष और रोग देने वाला है। इनके साथ अनुपान, विरुद्ध और विरोधी आहार आदि को समाहित कर लिया जाय। तो विकृति का कहना ही क्या ? साथ ही समय की गड़बड़ी (दिनचर्या दोष) विकृतियों में चार चाँद लगाता है। ऐसी विषम परिस्थियों में पेट साफ करने का उपाय क्या हो सकता है ?
पेट साफ रखने के लिए क्या खाना चाहिए (pet saaf rakhne ke liye kya khana chahie)
आयुर्वेदादी शास्त्रों में पेट को साफ करने के लिए भोजन, दिनचर्या और मनोभाव आदि की बात स्वीकारी गई है। जिसकी उपादेयता व्यवहार सिद्ध है। जिसका अनुपालन शास्त्रीय जीवनचर्या का आलंबन लेकर ही किया जा सकता है, न कि आधुनिक जीवनचर्या का। इसके कारण दोनों में विरोधभास है। जिसके कारण सैद्धांतिक ऐक्य ( समानता ) होते हुए भी, सिद्धांत को क्रियान्वित करने और उसको व्यवहार में उतारने की विधा में अंतर आ जाता है। जिसके कारण विस्फोट ( गलती ) होना स्वाभविक है। जिसके कारण पेट में दर्द होने आदि की समस्या हो ही जाती है।
यह वह सिद्धांत है, जिसका हम ( आप ) अनुगमन तो कर सकते है। परन्तु इनका विस्मरण नहीं कर सकते, क्योकि सैद्धांतिक त्रुटि को मिटा पाने की क्षमता न तो विज्ञान में है और न व्यवहार में। इस कारण विज्ञान और व्यवहार भी सिद्धांत का अनुगमन करने को बाध्य है। इसलिए शास्त्रों ने सिद्धांत को विकल्प शून्य माना है। परन्तु आजकल विविध आडंबरो का आलंबन लेकर, विज्ञान को सर्वोच्च स्थान देने और दिलाने की नवीन प्रथा विकसित की जा चुकी है। जिसका विस्तार करने में इंटरनेट और मोबाईल का सहारा लिया गया है।
जिसको सर्वहितकारी और स्वास्थ्यरक्षी बताया जा रहा है। परन्तु आयुर्वेद आदि चिकित्सा पद्धतियों में, पेट को साफ रखने के लिए पाचन क्रिया की सुदृढ़ता को सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताया गया है। जिसके लिए अनुकूल मात्रा में जठराग्नि के दीपन की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए पेट साफ रखने में पाचन क्रिया का अभूतपूर्व योगदान है। जिसके लिए पाचन क्रिया कैसे सुधारे को जानना आवश्यक है।
पेट साफ होने के लिए क्या खाना चाहिए (pet saaf hone ke liye kya khana chahie)
हमारे पूर्वजो ने हमेशा गुणवत्तापरक उत्पादन पर ही ध्यान दिया। जिसका समर्थन आयुर्वेदादी शास्त्रों में है। न कि गुणवत्ता को विकृतकर उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया। यही कारण है कि शंकर बीजो में फाइबर मात्रा न्यून है। जबकि देशी बीजो में फाइबर पर्याप्त मात्रा में है। जिसके कारण इनका ( हाईल्ड या हाइब्रिड ) सेवन करने पर, जीर्ण रोगो के होने की संभावना बढ़ जाती है। जैसे – तिल्ली का बढ़ना आदि।
पेट साफ होने के लिए क्या करे में, परिश्रम का अर्थ समझना आवश्यक है। परिश्रम करने वाला व्यक्ति जीवन में परिश्रम का महत्व जानता है। जिसके लिए वह नियमित अभ्यास करता है, और बीमार नहीं पड़ता। जबकि खाना खाकर आराम करने वाला व्यक्ति का बीमार होना तय है। भूमि पर रहने वाले प्रत्येक जीवो का स्वास्थ्य भोजन, परिश्रम दिनचर्या आदि का मिला जुला स्वरूप है। जिसका दर्शन व्यवहार में देखने को भी मिलता है। मनुष्यातिरिक्त सभी इस सिद्धांत के परिपालक है। जो मनुष्य इन सिद्धांतो का आलंबन लेता है। सुख भोगते हुए मोक्ष को प्राप्त करता है।
पेट को साफ करने के लिए क्या खाना चाहिए (pet saaf karne ke liye kya khana chahiye)
पेट साफ न होने के अनेक कारण है। जिसमे एक प्रमुख कारण भोजन है। जिसमे त्रुटि होने पर पेट का साफ होना असंभावित है। जिस प्रकार बल्ब और विद्युत के विद्यमान रहने पर, भी परिपथ में गड़बड़ी होने पर प्रकाश नहीं होता। यहाँ विवक्षावसात प्रकाश स्वास्थ्य का, भोजन परिपथ का द्योतक है। जिस पर ध्यान देने के लिए, पेट साफ करने के लिए क्या चीज खाना चाहिए पर विचार करना आवश्यक है।
आधुनिक विचारको के मत में फाइबर युक्त भोजन, पेट को साफ करने का काम करता है। जिसके कारण बिना देह की बनावट आदि का ध्यान रखे। किस रोगी को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए ? का निर्धारण नहीं किया जा सकता। जबकि सामान्य नियम का निर्धारण तो हो ही सकता है। इसमें यदि पेट साफ करने के लिए क्या करना चाहिए को भी जोड़ दिया जाय। तब इसकी व्यवहारिक धरातल पर उपयोगिता बढ़ जाती है। जिसको समझकर पालन करने वाला व्यक्ति ही पेट को साफ कर पाता है।
पेट साफ करने में सर्वाधिक उपयोगी है पीने का पानी
मानव शरीर का दो तिहाई भाग पानी से बना है। जिसके कारण भोजन के साथ पानी की भी, हमें आवश्यकता पड़ती है। परन्तु अशुद्ध पानी नहीं, बल्कि शुद्ध जल। मानव शरीर के योग्य पेय जल का, कुछ क्षारीय होना अनिवार्य है। जबकि आजकल हम जो भी जल अपने आस – पास पाते है। वह सब के सब अम्लीय है। फिर चाहे वह देखने में कितने ही शुद्ध और साफ क्यों न दिखते हो।
संरचनात्मक एवं जीवाणु और विषाणु से रहित, 100 से 300 टी डी एस के बीच का जल मानव देह के योग्य है। जिसका सेवन करने से पेट तो साफ होता ही है। साथ इसके अन्य अनेको फायदे है। जबकि आर ओ के पानी में प्लास्टिक घुलने से अम्लीय और असंरचनात्मक हो जाता है। संशोधित होने से मीठा और 100 टी डी एस से कम होता है। जिससे मलाशय को आपेक्षित पोषक तत्वों की आपूर्ति नहीं कर पाता। जिससे पेट साफ होना कठिन हो जाता है। फिर चाहे इसको गर्म करके पिए या ठंडा सीमित लाभ ही मिलता है।
कुछ लोग पेट साफ करने के लिए गुनगुना पानी पीने की सलाह देते है। जिससे कुछ लाभ मिलता है। परन्तु यदि पानी शुद्ध है, तो अधिक और स्थिर लाभ मिलता है। सुबह – सुबह गुनगुना पानी पीने से, आंतो की क्रियाशीलता बढ़ती है। जिससे मल का वेग आसानी से आता है। जल की अशुद्धि से पेट में गैस बनना भी देखा जाता है।
पेट साफ करने के लिए करे सिरके का प्रयोग
सिरका का प्रयोग पेट साफ करने का उत्तम उपाय है। जो सदियों से उपयोग होता आया है। फिर चाहे वह सेब का सिरका हो, जामुन का सिरका हो, गन्ने का सिरका हो। जिसका उपयोग हम खाने के साथ, और अकेले भी कर सकते है। भारत में प्रायः सिरका का उपयोग खाने के साथ ही होता है। जिससे यह भोजन का स्वाद बढ़ाने के साथ, पाचन को दुरूस्तकर पेट को भी साफ कर देता है। जबकि आधा गिलास पानी में दो चम्मच सिरके का प्रयोग, पेट साफ करने के लिए आसानी से किया जा सकता है।
पेट साफ करने में मददगार है छाछ
पाक शास्त्र विज्ञान ने छाछ को दूध से अधिक गुणकारी कहा है। जिसका सेवन कार्तिक मास के अतिरिक्त सभी महीनो में किया जा सकता है। जिसका समर्थन आयुर्वेद भी करता है। इसकारण छाछ को पेट स्वस्थ रखने में उपयोगी माना गया है। पेट रोगो के लिए छाछ काल है, अर्थात पेट रोगो को नष्ट करता है। आयुर्वेद में दिन के भोजन के बाद, छाछ अवश्य पीने का निर्देश है। जिसके कारण के रूप में, भोजन की जलन को शांत करने वाला छाछ है।
पेट साफ करने में सहायक है मौसमी फल और सब्जिया
सामान्यतः फल खाना लाभकारी है, परन्तु मौसमी फल खाना उससे भी अधिक फायदेमंद है। जिसका मुख्य कारण मौसम के बदलने पर हमारे शरीर में दोषो का असंतुलन आ जाता है। जिसके संतुलन के लिए मौसमी फलो, सब्जियों आदि खाना अनिवार्य है। क्योकि इनमे दोषो को संतुलित करने के अनुकूल पोषक तत्व होते है। जिससे पेट साफ होने में सहूलियत होती है।
पेट को साफ करे अदरक और सेंधा नमक
सेन्धा नमक को आयुर्वेद ने प्रतिदिन खाने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। जिसका मुख्य कारण यह रक्त वाहिनियों सहित, हड्डियों को कडा ( स्टिफ ) नहीं करता। जिससे मलाशय में मलावरोध नहीं होता, और मल अपनी गति से बाहर निकलता है। जबकि रिफाइंड युक्त नमक वाहिनियों और अस्थियो में कड़ापन लाता है। जिनके कारण मल एक स्थान पर, इकठ्ठा होने से सूखकर कडा हो जाता है। जिसके कारण पेट साफ होने में समस्या आती है।
अदरक पाचन अग्नि का दीपन करती है। जिससे पाचन क्षमता बढ़ती है। जिनको अदरक के फायदे भी कहते है। जबकि नमक ( लवण ) अदरक का विरोधी है। परन्तु फिर भी अपवाद के रूप में, इसके प्रयोग की भूरी – भूरी प्रसंसा है। जिसका सेवन करने से न केवल पाचन शक्ति बढ़ती है, बल्कि पेट भी साफ होता है।
सेवन विधि : अदरक के रस में नमक मिलाकर, भोजन से 10 मिनट पूर्व लेना गुणकारी है।
पुदीना से करे पेट साफ
पुदीना से हमें स्वास्थ्य लाभ तो प्राप्त होते ही है। परन्तु यह पेट को साफ करने में भी सहायक है। पूदीना में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते है। जिनकी विद्यमानता पेट के आंतरिक अंगो की अनुगम्यता बनाये रखती है। जिससे आसानी से पेट साफ होता है। जिसकी पत्तियों की चटनी का प्रयोग पानी में घोलकर, अथवा भोजन के साथ किया जा सकता है।
पेट साफ करने में लाभदायक है नीबू
ज्यादातर लोग सुबह पेट साफ करने के लिए क्या करें में नीबू का उपयोग करते है। नींबू में कई ऐसे गुण है, जो पेट को साफ करने में मदद करते है। नींबू में जल में घुलनशील सिट्रिक अम्ल पाया जाता है। जो पेट को साफ करने और रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नींबू विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है। जो संतरा आदि खट्टे फल में भी पाया जाता है। जो भोजन को पचाने और पेट को साफ रखने में सहायक है। एसिडिटी को जड़ से खत्म करने का उपाय है नींबू।
अजवाइन करे पेट साफ
अजवाइन के बीज पेट की समस्या के लिए फायदेमंद है। यह पित्त दोष को दूर करने वाला है। जिसके कारण इसको तुरंत पेट साफ करने वाला कहा जाता है। जिसका सेवन काढ़ा और भूनकर चूर्ण बनाकर किया जा सकता है। अक्सर भोजन को पचाने के लिए हम सौफ आदि का प्रयोग करते है। जिसमे अजवाइन को में शामिल किया जा सकता है। पेट के जलन और दर्द को दूर करने में भी अजवाइन सहयोगी है।
पेट साफ करे ताजी सब्जिया और फलो का जूस
मेथी से करे पेट साफ
तुरंत पेट साफ करने के लिए क्या करे के, घरेलू उपायों में मेथी सर्वश्रेष्ठ है। क्योकि यह लैक्सेटिव के जैसे काम करती है। जिसका मुख्य कार्य मल को मुलायम बनाना। जिससे मल आसानी से मलाशय से बाहर निकल जाय। जिसको चूर्ण करके गर्म पानी से लिया जा सकता है। और रात भार पानी में फुला कर, प्रातः काल खाली पेट लिया जा सकता है।
अलसी के बीज करे पेट को साफ
आयुर्वेद में विरेचक के रूप अलसी का उपयोग है। लेकिन अलसी के चूर्ण को गुनगुने पानी से लेने से पेट साफ हो जाता है। यह कब्ज को दूर करने का भी काम करता है। कब्ज के रामबाण इलाज में अलसी का भी प्रयोग है। अलसी के बीज जहाँ फाइबर से युक्त होते है, वही पोषकता से भी भरपूर होते है। इसलिए इनका सेवन करने पर, हमें दोहरा लाभ प्राप्त होता है।
पेट साफ करने में करे तुलसी का प्रयोग
तुलसी का प्रयोग पूजा – पाठ, रसोई और आयुर्वेदिक दवाओं के रूप में तो होता ही है। परन्तु इसका उपयोग पेट को साफ करने और लीवर को डिटॉक्सिफाई करने में भी होता है। तुलसी में फेनिलोक कम्पाउंड और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते है। जो शरीर से मल का निष्कर्षण करते है। इसलिए पेट साफ करने के लिए क्या खाना चाहिए और क्या नहीं का ध्यान रखना आवश्यक है।
सेवन विधि : तुलसी का सेवन दांतो से चबाकर प्रायः नहीं किया जाता। ऐसा करने से दांतो का इनेमल विकृत होता है। इसलिए ऐसा करने पर गुनगुना पानी अवश्य पीना चाहिए। इसको गर्म पानी में उबालकर गुनगुना पीना भी लाभदायक है। कभी भी उष्ण जल के साथ शहद का प्रयोग न करे।
पेट को साफ करता है नारियल पानी
नारियल पानी धरती का सबसे शुद्ध पानी है। जो पूर्णतया प्राकृतिक और पोषक तत्वों से भरपूर है। जिसका नियमित सेवन करने से भी पेट साफ होता है। जिसका पूर्ण लाभ लेने के लिए सुबह खाली पेट पीना चाहिए। और लगभग एक घंटे तक कुछ भी नहीं खाना चाहिए। क्योकि इसमें लगभग 1000 किलो कैलोरी ऊर्जा होती है। यह पेट को शांत रखने के साथ, इम्युनिटी भी बढ़ाता है। इसके साथ यह फाइबर, प्रोटीन, विटामिन के साथ एंटीऑक्सीडेंट से भी भरपूर होता है। जिसके कारण शरीर के मल को डिटॉक्सीफाई कर, पेट को साफ़ करने में मदद करता है।
पेट साफ करने में करे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ का उपयोग
आनुपातिक मात्रा में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थो का सेवन, पेट साफ करने में मददगार है। जिसको हम भोजन के रूप में, नास्ते, लंच और डिनर किसी भी रूप में ले सकते है। जिसमे मुख्य रूप से छिलके वाली दाल, मोठे अन्न (जैसे – ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदो), फलो में केला, अनानास, आम आदि। यह कब्ज की समस्या को कम करता है। जिससे पेट साफ होने लगता है। पेट को साफ रखने में पपीता विशेष उपयोगी माना जाता है। जिसके कारण पेट को साफ रखने में पपीते का उपयोग है।
सलाद में फाइबर की उच्च मात्रा पायी जाती है। जैसे – खीरा, टमाटर, पत्तागोभी, पालक, गाजर और प्याज आदि। जिसका उपयोग भोजन के साथ करना, आयुर्वेद के विरुद्ध है। जिससे पेट न साफ होना जैसी समस्याए होनी तय है। जबकि भोजन के आधे – एक घंटे पूर्व, इनका सेवन अभूतपूर्व फलो को देने वाला है। ऐसा करने पर सिद्धांत का रक्षक होने के नाते, हमारे स्वास्थ्य का रक्षण करने वाला है।
आलू की तरह शकरकंद भी फाइबर से भरपूर है। परन्तु यह चिकने और गरिष्ठ भी है। जिनका सेवन बहुत ही सावधानी पूर्वक करना चाहिए। वही बोड़ा ( बजरबट्टू ), करेला और नेनुआ आदि में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है।
सारार्थ :
पेट का साफ होना आपके स्वास्थ्य का प्रतिफलन है। जिसमे आपके द्वारा लिए जाने वाले पदार्थो की अपनी उपयोगिता है। जिसका प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ना तय है। यदि वो तत्व या पदार्थ हमारे अनुकूल है, तब अमृततुल्य है। यदि विपरीत है तो नुकसान करने वाले है। फिर चाहे इनके चयन में यह विसंगति हो या सेवन है। इनको दूर किये बिना सहज स्वास्थ्य की प्राप्ति नहीं हो सकती है।
वास्तव में पेट को साफ करने के लिए समय पर जागना, खाना, सोना और मल का त्याग करना आवश्यक है। इनकी निर्बाधता का सुनिश्चित करने के लिए परिश्रम अतिआवश्यक है। जिसमे योग, ध्यान, भजन आदि का आलंबन लेना भी उपकारक है। जिसके लिए शीघ्रता नहीं, अपितु सही विधि का अनुपालन करना चाहिए। जिसका कुछ दिनों तक अभ्यास करने से, निष्ठा की अभिव्यक्ति होती है। जो चिर काल तक हमे स्वस्थ बनाये रखता है।
ध्यान रहे : धर्म शास्त्रों में शाकाहारियों के लिए गाजर, प्याज और लहसुन आदि को निबंधक माना गया है। जबकि आधुनिक विज्ञान इनको फाइबर आदि से भरपूर मानता है। जिनके कारण पेट साफ करने के लिए, इनके सेवन की सलाह देता है। परन्तु वेदादि शास्त्र संशय विपर्यय से रहित है। जिनका कथन अनादि काल से अब तक अकाट्य है।
FAQ
लैट्रिन नहीं आने पर क्या खाना चाहिए?
सेंधा नमक को पानी में उबाल कर, बैठकर धीरे – धीरे गुनगुना ही पीना चाहिए। ऐसा करने पर मल का वेग आएगा। इसके साथ रात में हल्का और जल्दी भोजन करे। किसी भी प्रकार के मादक द्रव्य जैसे चाय, खैनी आदि का प्रयोग न करें।
पेट साफ करने के लिए कौन सा फल खाना चाहिए?
संतरा, सेब, नाशपाती, अमरुद, अनानास आदि का नियमित मौसम के अनुसार सेवन करना चाहिए।
पेट साफ करने के लिए कौन सी दवा खाना चाहिए?
पेट साफ करने के लिए अरंडी का तेल, दूध में मिलाकर लेने से लाभ होता है।
पेट साफ करने के लिए कौन सा चूर्ण खाना चाहिए?
पेट को साफ करने के लिए पंचसकार एवं त्रिफला चूर्ण बहुत लाभ करते है।
पेट को साफ करने के लिए क्या करें?
पेट साफ करने के लिए पोषण युक्त आहार, दिनचर्या और परिश्रम की उपयुक्त विधि का पालन आवश्यक है।
बहुत सारे लोगो को पेट साफ ना हो ने की समस्या होती हे मगर सुबह उठते ही पेट साफ होने के उपाय