प्रेगनेंसी और एक्टोपिक प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलती है

प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलती है? यह जानने की उत्सुकता माँ बनने की इच्छा रखने वाली, प्रत्येक महिला और उसके परिवार को होती है। जो स्वाभाविक रूप से महिलाओ में पायी जाती है। परन्तु आज भी बहुत से विवाहित जोड़े ऐसे है। जिन्हे नहीं मालूम कि प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलता है? बच्चो की चाह पुरुषो की अपेक्षा माताओ में अधिक देखी जाती है। इस कारण वह प्रेगनेंसी को लेकर ज्यादा उत्साहित रहती है। लेकिन कुछ समस्याए जैसे – पेट में गैस बनना आदि। प्रेगनेंसी में अक्सर बाधा पहुँचाती है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी

आयुर्वेद आदि में तो गर्भाधान की सफलता को ही गर्भधारण कहा गया है। जिसके लिए अधिकृत स्त्री और पुरुष के समागम की अपेक्षा होती है। जिसमे मुख्य रूप से पुरुष के शुक्र का सम्मिलन महिला के रज से उसके गर्भाशय में होता है। इस कारण गर्भ की अवस्था को गर्भावस्था कहा जाता है। जिसे आंग्ल भाषा में प्रेगनेंसी के नाम से जाना जाता है। जिसके बाद प्रश्न उठता है कि – आखिर प्रेगनेंसी का कितने दिन में पता चलता है ?

जिसका निग्मन करने की आजकल दो विधिया है। पहली शास्त्रोक्त विधि और दूसरी आधुनिक विधि। शास्त्रों ( वेद और आयुर्वेदादी ) में गर्भधान, गर्भकाल आदि का बहुत ही विस्तृत और सूक्ष्मता से वर्णन किया गया है। जिसका मुख्य प्रायोजन सुन्दर स्वभाव, गुणवान और विवेकी संतान की उत्पत्ति है। जिससे उनको सच्चा देश भक्त और दायित्व निर्वाह में दक्ष बनाया जा सके। जबकि आधुनिक विधा में केवल अपने समान बालक को जन्म देना है। जिसको आजकल शादी के बाद बच्चा कैसे पैदा किया जाता है कहते है। जो मुख्यतः गर्भधारण के बाद की प्रक्रिया है।

प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलती है ( pregnancy kitne din baad pata chalta hai )

आज की पीढ़ी का आचरण सर्वथा शास्त्रों के प्रतिकूल एवं विरुद्ध है। जिसके कारण गर्भावस्था आदि का नियोजन नहीं हो पाता। जिसमे जानकारी का अभाव और इन्द्रिय दुर्बलता इत्यादी हेतु है। प्रेगनेंसी का पता भी नहीं चल पाता। ऐसा होने पर प्रेगनेंसी से सम्बंधित अनेको प्रकार की दुविधाए होती है। जो आगे चलकर समस्याओ के रूप में प्रकट होती है। इसकारण प्रेगनेंसी के बारे में कितने दिन में पता चलता है , को जान लेना आवश्यक है। जिससे समय रहते समस्या से बचा जा सके।

प्रेगनेंसी का सही समय पर पता चलना, माँ और होने वाले बच्चे दोनों के लिए लाभकारी है। इसकारण प्रेगनेंसी कितने दिन बाद पता चलती है को जानना और भी आवश्यक है। माता – पिता बनने के इच्छुक दम्पतियो में, इस प्रकार प्रश्नो को जाने की ललक होती है। क्योकि यह उन्हें न केवल प्रसन्न करने वाला होता है। बल्कि एक स्वस्थ संतती के जनन में भी प्रबल हेतु है।

सामान्यतया स्वस्थ्य महिला में गर्भ का निश्चय, उनसे प्राप्त होने लक्षणों से होता है। जिनको आने में लगभग एक सप्ताह का समय लगता है। जो अलग – अलग महिलाओ में भिन्नता से भी प्रदर्शित हो सकता है। ऐसा होने के अनेक कारण है। जैसे – देह प्रकृति ( वात, पित्त और कफ प्रधानता ), गर्भ की तीव्रता या क्रियाशीलता। जिसका व्यवहारिक प्रमाणीकरण मासिक धर्म की अवरुद्धता द्वारा होता है। मासिक अनियमितता के कारण कुछ लोगो को गर्भावस्था का भ्रम होता है। जबकि चिकित्सीय प्रमाणन लक्षणों द्वारा किया जाता है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलता है

एक्टोपिक प्रेगनेंसी एक विशेष प्रकार की प्रेगनेंसी होती है। जो सामान्य प्रेग्नन्सी से अधिक गंभीर ( कॉम्प्लीकेटेड ) होती है। जिसमे अत्यधिक सावधानी रखनी होती है। जो किसी किसी महिलाओ में पायी जाती है। जिसके लिए एक्टोपिक प्रेगनेंसी का कितने दिन बाद पता चलता है प्रश्न किया जाता है।

प्रेगनेंसी के लक्षण कितने दिन में पता चलता है

प्रेगनेंसी के लक्षण अलग – अलग महिलाओ में, अलग – अलग तरह के होते है। किन्तु ज्यादातर महिलाओ मे प्रेगनेंसी का लक्षण आने में, कम से कम एक सप्ताह का समय लगता है। जबकि कुछ में इससे अधिक समय भी लग सकता है। कुछ में इससे कम समय में भी पता चलने लगता है। जिसकी जानकारी के लिए प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलती है , बताइए जैसे प्रश्न किये जाते है। 

आयुर्वेदानुसार स्वाभाविक शरीर दोष का पूरा प्रभाव, हमारी देह पर सभी अवस्थाओं में विद्यमान होता है। जिससे प्रेगनेंसी पर भी इसका पूरा प्रभाव पड़ता है। जैसे पित्त दोष से युक्त माताओ के पेट में जलन और दर्द होता है। तो वात से पीड़ित महिलाओ के पेट में गैस बनने की समस्या आती है।

प्रेगनेंसी टेस्ट कितने दिन में पता चलता है

आज के समय में अनेको प्रकार के प्रेगनेंसी टेस्ट किये जाते है। जिनमे से हार्मोनल प्रेगनेंसी टेस्ट अधिक प्रचलित है। जिसका मूल कारण इसको करना आसान, सस्ता और लगभग सही परिणाम देने वाला है। जब भी कोई महिला गर्भ धारण करती है। तब उसके शरीर से एच सी जी नामक हार्मोन श्रावित होता है। जो केवल प्रेगनेंसी में ही होता है। जिसको प्रेगनेंसी किट द्वारा जांचा जा सकता है।

प्रेगनेंसी के कुछ ही घंटो के बाद उपर्युक्त हार्मोन का बनना शुरू हो जाता है। लेकिन इसके लिए टेस्ट किट का सही होना भी जरूरी है।  फिर भी गर्भ धारण करने के कुछ ही दिनों में, इससे प्रेगनेंसी का पता चल जाता है।

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