बुखार में मौसमी का जूस पीने से शरीर को आवश्यक विटामिन सी मिलता है। जो बुखार के इलाज में मदद कर सकता है। परन्तु लोग मुसम्बी को ठंडी तासीर वाला मानते है। जबकि बुखार होने पर शरीर गर्म होता है। जिससे आशंका बनी रहती है कि बुखार में मौसमी का जूस पीना चाहिए या नहीं। जबकि कफ रोगों में सुबह गर्म पानी पीने के फायदे है।
आधुनिक चिकित्सीय प्रणाली के अनुसार बुखार में मौसमी का जूस पीना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। परन्तु आयुर्वेद आदि में बुखार होने पर, ठंडे और शीतल पेय पदार्थो के सेवन का निषेध किया गया है। जिसको आदर्श मानने वाले लोग बुखार में मौसमी के जूस का सेवन अच्छा नहीं मानते। जबकि अदरक, सोंठ आदि को बुखार में बढ़िया माना जाता है।
इसके चलते बुखार में मौसमी का जूस पीना चाहिए या नहीं को जानना जरूरी है। साथ ही यह भी जानेंगे कि बुखार में मौसमी का जूस पीने से आपको क्या-क्या फायदे हो सकते हैं?इस पोस्ट में हम आपको इन फायदों के बारे में बताएंगे और आपको यह भी बताएंगे कि कैसे आप बुखार में मौसमी का जूस सही तरीके से उपयोग कर सकते हैं।
बुखार क्या होता है?
बुखार में मौसमी का जूस पीना एक बहुत ही आम सवाल है। इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि क्या बुखार में मौसमी का जूस पीना फायदेमंद हो सकता है या नहीं। इसके अलावा, हम आपको बताएंगे कि मौसमी का जूस कौन-कौन से बुखार के रोगियों के लिए उपयोगी हो सकता है।
मौसमी का जूस क्या है?
मोसंबी ( mosambee ) का जूस एक स्वस्थ और सुगन्धित पेय है। जो मौसमी फलों से बनाया जाता है। यह विटामिन सी, ए और बी6 का एक अच्छा स्रोत होता है। जो शरीर को ताकत देता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत भी बनाता है। इसके अलावा, मौसमी का जूस एक उत्तम तरीका है शरीर को हाइड्रेट करने के का। जिससे गर्मी के दिनों में इसका सेवन अत्यधिक प्रभावकारी है। फिर भी लोग बाग़ बुखार में मौसमी का जूस पीना चाहिए या नहीं को लेकर आशंकित रहते है।
मौसमी का जूस कैसे बनाया जाता है?
मौसमी के फल का छिलका उतारकर, पेरने ( दाब डालकर निचोड़ने ) से जो रस प्राप्त होता है। उसे मौसमी का जूस कहते है। जिसको मशीन और बिना मशीन के भी निकाला जा सकता है। इसको पीने के अनेको स्वास्थ लाभ है। लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है कि – इसके रस का सेवन ताजा ही करना होता है। बासी होने पर आक्सीकरण के कारण इसके पोषक तत्व नष्ट होने लगते है।
मौसमी का जूस बुखार में कैसे फायदेमंद होता है?
मौसमी का जूस बुखार में फायदेमंद होता है क्योंकि यह विटामिन सी से भरपूर होता है। जो शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा, मौसमी का जूस शरीर को ठंडक पहुंचाता है जो बुखार के लक्षणों को कम करता है। इसलिए बुखार में मौसमी का जूस पीना फायदेमंद हो सकता है।
प्रतिरोधकता के अभाव में होने वाले बुखार में मौसमी का जूस अत्यंत उपयोगी है। जिसमे यह बुखार के ताप से होने वाली दुर्बलता का नाश करता है। साथ ही विटामिन सी की कमी को पूरा कर, वायरस को भी मारने का काम करता है। जिससे यह सभी प्रकार के वायरस में उपयोगी है। जैसे – एन्फ्लूएंजा वायरस आदि। फिर भी जानकारी के अभाव में बुखार में मौसमी का जूस पीना चाहिए या नहीं की बाते सुनने को मिलती है।
बुखार में मौसमी का जूस पीने के फायदे
बुखार में मौसमी का जूस पीने से आपको कई फायदे हो सकते हैं। विशेषकर वायरस जनित बुखार में। वायरस में होने वाला ज्यादातर बुखार जितना तीव्र होता है, उतना ही अधिक कष्टकर भी होता है। जिससे अधिक समय तक बुखार बना रहता है। जिससे जीभ, मुँह और शरीर सूखने लगता है। शरीर में कमजोरी आदि आने लगती है। ऐसे बुखार में मौसमी का जूस पीने से निम्नलिखित लाभ हो सकते है।
- बुखार के ताप को कम कर सकता है।
- शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है।
- बुखार के दौरान आवश्यक ऊर्जा की क्षति को पूरा करता है।
- प्यास आदि का शमन करता है।
- पेट को साफ़ करता है। जिससे भूख बढ़ती है।
- पाचन शक्ति को बढ़ाता है।
- हड्ड़ियो को मजबूती देता है।
- बुखार के दौरान होने वाली ऐठन को दूर करता है। आदि
अन्य किसी बुखार में ठंडी चीजों का सेवन न करे तो ही अच्छा है। शायद इसलिए ही बुखार में मौसमी का जूस पीना चाहिए या नहीं की बात निकलकर आती है। जबकि यह मौसमी का आँखे खोल देने वाला फायदा है।
मौसमी का जूस के अलावा बुखार में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
बुखार में मौसमी का जूस पीना फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह विटामिन सी से भरपूर होता है। जो शरीर को मजबूत बनाता है और इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देता है। इसके अलावा बुखार में शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी भी पीना चाहिए। खाने के मामले में बुखार में आपको उत्तेजक चीजें जैसे – कॉफी और चाय से दूर रहना चाहिए। इस प्रकार के पेय आलस आदि बढ़ाते है।
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