5 मिनट में पेट साफ कैसे करें : How to clean stomach in 5 minutes in hindi

आजकल आयुर्वेद में वर्णित खान – पान और दिनचर्या का पालन, ज्यादातर लोग इच्छा होने पर भी नहीं कर पाते। जिसके कारण बहुत ही जल्द बच्चों से लेकर वृद्धों में, कब्ज के लक्षण देखने को मिलते है। जिसको मुख्य रूप से पेट में लैट्रिन सूखने का कारण माना गया है। जिसमे मल इतना कडा और कठोर हो जाता है कि बहुत जोर लगाने पर भी नहीं निकलता। जिससे दिनभर पूरे पेट में मरोड़ और दर्द बना रहने लगता है। जिससे बचने का एकमात्र उपाय पेट को साफ करना है। जिसके लिए विधिवत मलत्याग की आवश्यकता पडती है। तो आइये जानते है कि इन परिस्थियों में 5 मिनट में पेट साफ कैसे करें? 

5 मिनट में पेट साफ कैसे करें 

पेट में कब्ज होने पर, बिना कुछ खाये ही पेट गैस से फूलकर तन जाता है। जिससे पेट को दबाने पर दर्द और ठोकने पर, धप – धप की आवाज के साथ भरा – भरा लगता है। जो पेट साफ न होने का लक्षण है। जिसके लिए पेट साफ करने का मंत्र जानकार, तुरंत पेट साफ करने की दवा प्रयोग की जाती है। जो तुरंत पेट साफ कैसे करे अथवा 2 मिनट में पेट साफ कैसे करें का उपाय कहलाता है।

हालाकिं कब्ज के कारण होने वाली समस्याए, अलग – अलग लोगो में देहगत दोषों के अनुसार अलग तरह से अभिव्यक्त होती है। किसी में यह पेट के निचले हिस्से में दर्द का कारण बनती है। तो किसी में नाभि के नीचे पेट दर्द कराती है। जिससे निजात पाने के लिए नियमित को पेट साफ रखना आवश्यक है। जिसके लिए तुरंत पेट साफ कैसे करें के उपायों को जान्ने की आवश्यकता पड़ती है।  

पेट साफ न होने के कारण ( pet saaf na hone ke karan in hindi ) 

पेट साफ न होने की समस्या के पीछे निम्नलिखित विसंगतिया हो सकती है –

आहार विसंगति : भोजन से सम्बंधित सभी प्रकार की विकूलताए इसमें शामिल है। फिर चाहे वह विपरीत और विरुद्ध आहार की हो, बासी और अनुपयुक्त भोजन द्वारा पोषण की कमी आदि क्यों न हो।    

दिनचर्या और ऋतुचर्या विसंगति : प्रत्येक ऋतु में हमारे द्वारा पालन की जाने वाली दिनचर्या में, दोष होने पर पेट में मल सूखने जैसी समस्याए होती है। जिसके कारण पेट साफ होने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।  

रोग विसंगति : पाचन और गुदा से संबंधित रोग भी, पेट को साफ होने में रुकावट पैदा करते है। जैसे – गुदा द्वार में बवासीर के लक्षण का पाया जाना आदि। 

किसी दवा का दुष्प्रभाव : गंभीर रोगों की बहुत सी दवाइया ऐसी है। जिनके सेवन से मल सूखकर, कडा और काला हो जाता है। जिससे पेट साफ होने में व्यवधान पहुँचता है। जैसे – पेन किलर और आयरन टेबलेट्स आदि। जिससे बचने के लिए 5 मिनट में पेट साफ कैसे करें के उपायों को अपनाने की आवश्यकता पड़ती है।  

जन्मज स्वाभाविक विसंगति : कुछ लोगो में स्वभाव से ही कड़ा मल निकलने की समस्या होती है। जिनको बहुत प्रयत्न करने पर भी नहीं समाप्त किया जा सकता है। इसमें रोगो से सावधानी और खान – पान के साथ, उचित दिनचर्या का पालन ही एकमात्र उपाय है।  

पेट साफ करने का मंत्र ( pet saaf karne ka mantra )

आयुर्वेद शास्त्रों में सिद्धांत के लिए मंत्र शब्द का उपयोग मिलता है। जिसमे दोषों का अधिक संचय हो जाने से, स्रोतों के मार्ग रुक जाते है। जिससे विविध प्रकार की पाचन सम्बन्धी विक्रियाए उत्पन्न होती है। जिनको दूर करने के लिए निम्न क्रियाओ की आवश्यकता पड़ती है। जैसे – 

स्नेहन : अक्सर जिन लोगो का पेट साफ नहीं होता, उनमे रुक्षता पायी जाती है। जिसको दूर करने के लिए स्नेहपान कराया जाता है। जिसमे विविध औषधियों से मिश्रित घृत आदि का प्रयोग होता है।  

स्वेदन : जब रोगी का शरीर पूर्ण रूप से स्निग्ध हो जाय, तब स्वेदन कराया जाता है। जिसमे रोगी से सरीर से पसीना निकालने वाली क्रियाए की जाती है। जिसमे तेल की मालिस आदि करने का विधान है। 

विरेचन : रोगी का स्नेहन और सबदन करा लेने के उपरान्त, विरेचन कराया जाता है। जिसमे स्नेह – युक्त विरेचन का विशेष महत्व है। जिसके लिए एरंड तेल को दूध में डालकर लेना उत्तम है। यह शरीर में बढे हुए दोषों का वारण कर देता है। जिसमे वात, पित्त और कफ सभी दोष आते है।  

संशोधन : रोगी को विरेचन द्वारा शुद्ध कर लेने के पश्चात, संसर्जन के क्रम में पेया एवं विलेपी का सेवन कराया जाता है। जिसका मुख्य उद्देश्य रोगी को बल प्रदान करना है।   न होने कारण

बस्ति कर्म : यह रोगी के कड़े और सूखे मल को ढीला बनाने के लिए प्रयोग होता है। जिससे मलाशय में रहने वाला मल आगे की और प्रवृत्त हो।

  1. निरूहण बस्ति कर्म : यह आस्थापन बस्ति कर्म भी कहलाता है। जिसमे नमक मिले मूंग को अनार के रस से खट्टा कर, रोगी की मंद जठराग्नि को तीव्र किया जाता है।  
  2. अनुवासन बस्ति कर्म : यह उन रोगियो में लाभदायक है। जिसमे जठराग्नि के तीव्र होने से, मल सूख जाया करता है और अपानवायु रुक जाता है। जिसमे लवण मिश्रित क्षार को तेल में मिलाकर प्रयोग किया जाता है।    

5 मिनट में पेट साफ कैसे करें ( 5 min me pet saaf kaise kare )

ऊपर पेट को साफ करने का जो सद्धांत बताया गया है। वह सभी प्रकार के दोषो को दूर करने में उपकारी है। विशेषकर उन लोगो के लिए जो शरीर से मजबूत और तीव्र जठराग्नि वाले हो। परन्तु जरूरी नहीं कि हर रोगी शरीर से बलिष्ट और पाचक क्षमता से युक्त हो। अर्थात जो पाचक क्षमता से कमजोर और शरीर से दुर्बल हो। उनके लिए आरंभ में अनुवासन बस्ति से, उनके गुदा को स्निग्ध बनाकर मल का निष्कर्षण किया जाता है। तदुपरांत निरूहन बस्ति से देकर, उन्हें शक्ति सम्पन्न बनाया जाता है। 

हालाकिं स्नेहद्रव्यो के योग से दी जाने वाली वस्ति अनुवासन कहलाती है। जबकि क्वाथ आदि में क्षार और तेल मिलाकर दी जाने वाली वस्ति निरुह कही जाती है। इस तरह दोनों का इस्तेमाल पेट को साफ के लिए किया जाता है। जिसमे पेट के अधोभाग के लिए निम्नलिखित निरुह और अनुवासन वस्ति प्रयोग होती है। 

  1. विरेचक कारक द्रव्यों द्वारा बने, तीक्ष्ण निरुह बस्ति का प्रयोग करना उपयुक्त है। 
  2. लेकिन वात नाशक द्रव्य ( कांजी आदि ) में पकाये गए, एरंड या तिल तेल मिले द्रव्यों की अनुवासन बस्ति देना प्रशस्त है।  

2 मिनट में पेट साफ कैसे करें ( 2 min me pet saaf kaise kare )

2 मिनट में पेट साफ कैसे करें

पेट को साफ करने में मुख्य रूप से दो प्रकार के बाधक है –

पित्त दोष : यह पेट साफ न होने के लिए स्वतंत्र रूप से भी जिम्मेदार है। इसके साथ दोषो के अनुबंध होने पर भी उत्तरदायी है। जिसको समाप्त करने के लिए इसके ठीक विपरीत कार्य करने वाली, औषधियों का उपयुक्त अनुपान के साथ प्रयोग करना बहुत ही लाभकारक है।  

उदावर्त ( आँतों से सम्बंधित बोवेल रोग ) : यह आंतो में होने वाला बहुत ही भीषण रोग है। जिसमे मुख्य रूप से मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली गतिविधि पायी जाती है। इसमें भी प्रमुखता से वात दोष ही पाया जाता है। जिससे आंतो को साफ करने में बहुत वेदना का अनुभव होता है। जिसके रहते 5 मिनट तो क्या घंटो शौचालय में, बैठे रहने पर भी पेट साफ नहीं होता।

ध्यान रहे : 5 मिनट में पेट साफ कैसे करें के उपाय करते समय विरेच्य और अविरेच्य का सदैव ध्यान रखना चाहिए। जिसमे मुख्य रूप से कमजोर, बच्चे, बूढ़े, सुकुमार प्रकृति वाले एवं जिनके वात इत्यादि दोष न बढे हो आते है। 

तुरंत पेट साफ कैसे करे ( turant pet saaf kaise kare )

पेट साफ न होने पर, दर्द बहुत ही अधिक होता है। जिससे छुटकारा पाने के लिए लोग, तुरंत पेट साफ कैसे करें के उपाय ढूढ़ते है। परन्तु वास्तव में ऐसा होता नहीं, क्योकि जब तक शरीर में बढ़ा हुआ दोष समाप्त नहीं हो जाता। तब तक तुरंत पेट साफ होने का कोई सवाल ही नहीं।

5 मिनट में पेट साफ कैसे करें के उपाय करने पर भी, दवा को शरीर में अपना प्रभाव दिखाने के लिए कुछ समय चाहिए होता है। तब जाकर कही रोग से छुटकारा मिल पाता है। जिसके लिए कुछ दिन तक धैर्य रखना आवश्यक होता है।  

तुरंत पेट साफ करने के लिए क्या करें ( turant pet saaf karne ke liye kya karen )

लेकिन आज दवोचार चिकित्सा का प्रचलन अधिक है। जिसमे 5 मिनट में पेट साफ कैसे करें के उपाय के साथ तुरंत पेट को साफ करने के उपाय है। जिसके लिए इसमें लैक्सेटिव दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है। जबकि आयुर्वेद में ऐसे गुण रखने वाली औषधियों को, विरेचक द्रव्यों के नाम से जाना जाता है। जिसमे निम्न दवाई काम में लाई जाती है –   

तुरंत पेट साफ करने की दवा ( turant pet saaf karne ki dawa )

तुरंत पेट साफ करने की दवा

पेट साफ न होने पर दर्द और तकलीफ बहुत हुआ करती है। जिसके लिए तुरंत पेट साफ करने की दवा बताइए की बात आती है। जिसमे निम्न योग कारगर है –

पित्त नामक स्वतंत्र दोष की दशा में

  • निशोथ की चटनी को रेड़ ( अरंडी ) की जड़ के क्वाथ के साथ पकाया दूध पिलाये।
  • अमलताश की गुद्दी की चटनी से पकाये गए दूध को पिलायें।

पितानुबन्ध की दशा में 

  • यदि पित्त के साथ कफ दोष का अनुबंध हो तो उपर्युक्त संस्कारित दूध में, गोमूत्र को मिलाकर पिलाना अच्छा है।
  • लेकिन यदि पित्त के साथ वात दोष का अनुबंध हो तो उपर्युक्त दूध में, तिक्त ( पञ्चतिक्त ) घृत मिलाकर पीने से लाभ होता है।  

तुरंत पेट साफ करने की दवा tablet

5 मिनट में पेट साफ कैसे करें के आधुनिक उपायों में, टेबलेट आदि का प्रयोग किया जाता है। जिसमे कब्ज के कारण कड़े और सूखे मल को ढीला बनाकर बाहर निकालने का गुण पाया जाता है।    

  • डुलकोलैक्स टेबलेट 
  • हिमालया हर्बोलेक्स 

तुरंत पेट साफ करने के लिए एनिमा ले 

पेट साफ करने के लिए एनिमा

एनिमा अच्छे तुरंत पेट साफ करने के तरीके में से एक है। जिसको बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। परन्तु ध्यान रहे यह किसी विशेषज्ञ की निगरानी में तो अच्छा है। इसमें एक बड़े बाल्ब में नमक मिला गुनगुना पानी भरकर, गुदा के द्वार से तेजी से डाला जाता है। जिससे यह पानी मलाशय तक चला जाता है। जो मलाशय में स्थित सूखे और कड़े मल को मुलायम बनाकर बाहर निकालता है।   

जब यह क्रिया कुछ दिन तक दोहराई जाती है। तब पेट की आंतो में मल जमने की प्रक्रिया कम होने लगती है। जिससे नियमित रूप से पेट साफ होने लगता है। जिसके कारण इसको 5 मिनट में पेट साफ कैसे करें के उपायों में अच्छा माना जाता है। 

तुरंत पेट साफ करने के लिए क्या खाएं ( turant pet saaf karne ke liye kya khayen )

पेट को नियमित रूप से साफ करने के लिए, पेट के अनुकूल आहार द्रव्यों की आवश्यकता पड़ती है। जिसमे मुख्य रूप से फाइबर, फैटी एसिड आदि को माना गया है। जिसका नियमित उचित गुणवत्ता और मात्रा में, प्रयोग करते रहने से पेट को साफ होने में कोई समस्या नहीं आती। जिसके लिए पेट साफ करने के लिए क्या खाना चाहिए को भी जानना फलप्रद है। 

उपसंहार :

चिकित्सीय दृष्टि से पेट साफ न होने की समस्या से, घिरा व्यक्ति एकाएक पेट नहीं साफ कर सकता। परन्तु यदि कुछ दिन तक पेट साफ करने का मंत्र का अभ्यास करे तो आसानी से पेट साफ कर सकता है। 5 मिनट में पेट साफ कैसे करें के उपाय में, तुरंत पेट साफ करने की दवा आदि का प्रयोग किया जाता है। जिससे यह झटपट पेट की सफाई का काम करता है।

इसमें यदि आहार और दिनचर्या की विसंगति को दूर कर दिया जाय, तो फिर कहना की क्या। आजीवन पेट साफ न होने की समस्या से छुटकारा मिल जाय। इसके साथ नियमित परिश्रम के रूप में पैदल घूमना और तनाव आदि को दूर करने के उपक्रम करते रहने चाहिए। जिससे शारीरिक और मानसिक संतुलन बना रहे। जो पेट को साफ करने के लिए बहुत जरूरी है।  

ध्यान रहे : यहाँ बनाये गए उपाय चिकित्सीय सलाह नहीं है। जिसका उपयोग करने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह अपेक्षित है।  

सन्दर्भ :

  • चरक संहिता चिकित्सा अध्याय – 13
  • अष्टांग ह्रदय चिकित्सा अध्याय – 15
  • भैषज्य रत्नावली चिकित्सा अध्याय – 40 

FAQ

कब्ज में मल कठोर क्यों होता है? 

कब्ज में पित्त दोष के कारण जब अग्नि तीव्र हो जाती है। तब मल को सुखाकर कठोर कर देती है।   

क्या खाने से कब्ज होती है?

रुखा, चिकना और गरिष्ट आदि भोज्य पदार्थो का सेवन करने से, त्रिदोषों के कुपित हो जाने से कब्ज की समस्या होती है।   

कब्ज में पेट भरा भरा क्यों लगता है?

कब्ज होने पर अपानवायु के निकलने का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। जिससे अपानवायु प्रतिलोमित होकर पूरे पेट में, घूमने के कारण पेट भरा – भरा लगता है।  

लैट्रिन टाइट होने का क्या कारण है?

जब शरीर में पित्त दोष बढ़ जाता है। तब भोजन को पचाने वाली जठराग्नि तीव्र हो जाती है। जिससे मल सूख कर कड़ा हो जाता है। जिससे लैट्रिन बहुत टाइट होती है।  

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