मिलेट हम मनुष्यों के लिए धरती पर उगने वाला सर्वश्रेष्ठ अन्न है। जिसका सेवन हम भारतीय प्राचीन काल से करते आ रहे है। लेकिन आधुनिक खान पान ने मिलेट के उपयोग को सीमित कर दिया। जिससे लोग धीरे – धीरे मिलेट को भूलते गए, और औद्योगिक खान को अपनाते गए। परन्तु चाहकर भी हम मिलेट को नहीं खा पाते, क्योकि हमें यह नहीं पता होता कि मिलेट को कैसे पकाये?
लेकिन आज की परिस्थिया बदल गई है। जिसका सबसे बड़ा कारण रोग से बचाव और उपचार में मिलेट का अहम योगदान है। जिससे हर कोई मोटे अनाज के फायदे जानने की कोशिश में लगा रहता है।
हालाकिं मिलेट में वो सभी प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते है। जिनकी हमें लगातार और हमेशा जरुरत पड़ती रहती है। जिससे इनका सेवन करना हमारे लिए बहुत ही आवश्यक है। इसके साथ इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इस कारण यह हमारे शरीर में शर्करा ( ग्लूकोज ) को संतुलित बनाये रखता है। जिससे हमें दो तरह का लाभ मिलता है –
- बीमारिया होने का कोई ख़तरा नहीं होता
- यदि किसी कारण से बीमारी हो गई तो यह उनका उपचार स्वयं कर लेता है।
यही कारण है कि मिलेट खाने वालों के आस पास बीमारिया नहीं भटकती। विशेषकर खान – पान और पोषकता की अधिकता या कमी से होने वाली बीमारियां।
मिलेट क्या है ( what is millet in hindi )
बहुत से लोग आज भी मिलेट को जानते तो है, लेकिन किसी और नाम से। इस कारण मिलेट का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में पहली बात आती है कि मिलेट क्या होता है?
मिलेट को ही मोटा अन्न कहा जाता है। जिसके दाने आकार में छोटे और गोल होते है। इसके साथ इसकी हर परत में फाइबर पाया जाता है। जो हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक तत्व है। इसलिए लिटिल मिलेट खाने के 7 फायदे जानना आवश्यक है।
आजकल मोठे अनाजों के प्रचार – प्रसार से लोग मिलेट की खेती भी करने लगे है। लेकिन मिलेट को पकाना नहीं जानते। जिसके लिए अक्सर मिलेट रेसिपी जानने की जुगत में लगे रहते है। क्योकि बिना रेसिपी के मिलेट को कैसे पकाये?
मिलेट चावल कैसे पकाये ( how to cook millet rice in hindi )
मिलेट को खाने के लिए इसको पकाना आवश्यक है। जो कि उच्च गुणवत्ता वाला छोटे दानों का चावल सरीखा है। जिससे लोगों के मन में यह बात आती है कि आखिर मिलेट के चावल को कैसे पकाये।
आमतौर पर चावल को पकाने के दो तरीके है –
भिगाकर
मिलेट के चावल को पकाने के लिए कम से कम 8 घंटे पीने के पानी भिगाया जाता है। फिर इसको दो तरह से खाया जा सकता है –
- 8 घंटे भीगे मिलेट के चावल को 7 गुने पीने के पानी में पका लिया जाता है। जिसको दाल, सब्जी आदि के साथ खाया जा सकता है।
- जबकि दूसरे तरीके में सब्जी को पकाते समय ही, मिलेट से लगभग 7 गुना पानी अधिक डालकर पकाया जाता है। जिसके पाक जाने पर इसमें मिलेट को डालकर पका लिया जाता है।
और इसका आटा बनाकर
मिलेट को खाने का एक तरीका इसको चक्की में पीसकर, आटा बनाकर खाया जाता है। फिर इस आटे से रोटी, इडली आदि बनाकर सब्जी आदि के साथ खाया जा सकता है।
यह सब जानने के बाद बाजरा कैसे पकाए की उलझन समाप्त हो जाती है। जिससे हम कभी भी बाजरे या मिलेट का आनंद ले सकते है।
उपसंहार :
हमारे पूर्वजों के शतायु होने का अंतरंग रहस्य भी, मिलेट को मुख्य भोजन के तौर पर खाया जाना रहा है। लेकिन आधुनिक ( औद्योगिक ) खान पान में मिलेट की कोई बात ही नहीं करता। जिसके दो प्रमुख कारण है –
- पहला इनमे फाइबर पाए जाने से इनकी खपत कम होती है।
- दूसरा इनको बनाने के लिए पहले से तैयारी करनी पड़ती है।
जो व्यापार आदि के प्रतिकूल है। लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि बहुत ही उपयोगी है। ऐसे में हम पढ़े लिखे लोगों का दायित्व है कि हम अपने भोजन में मिलेट को अधिक से अधिक शामिल करे। लेकिन इसके लिए यह जानना आवश्यक है कि आखिर मिलेट को कैसे पकाये?
FAQ
मिलेट को हिंदी में क्या कहते हैं?
मिलेट अंग्रेजी भाषा का शब्द है। जिसे हिंदी में मोटा अनाज कहा जाता है। जिनमे मुख्य रूप से जरूरी पोषक तत्वों के फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
I have read some excellent stuff here Definitely value bookmarking for revisiting I wonder how much effort you put to make the sort of excellent informative website
Pretty! This has been a really wonderful post. Many thanks for providing these details.
thanks for reading
Your blog post was the perfect blend of informative and entertaining. I couldn’t tear my eyes away from the screen!
Your blog post was like a crash course in [topic]. I feel like I learned more in five minutes than I have in months of studying.
Your blog post was like a crash course in [topic]. I feel like I learned more in five minutes than I have in months of studying.
thank you for reading and learning
“I agree with your points, very insightful!”
“I appreciate the detailed explanation, very helpful!”