आयुर्वेद में गर्भ धारण की हुई महिला का गर्भ, तेल से भरे हुए कटोरे के समान बताया गया है। जिस प्रकार तेल से भरे कटोरे में, थोड़ा भी हिलन – डुलन होने पर तेल छलक जाता है। उसी प्रकार गर्भवती महिला में जाने अनजाने, गर्भ के प्रतिकूल व्यवहार होने पर गर्भ स्राव अथवा गर्भपात होने की संभावना बनी रहती है। जिससे गर्भिणी स्त्रियों का मन में, प्रेग्नेंट होने के बाद भी पीरियड आता है क्या की बात आने लगती है।
अब यह बात अलग है कि गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीनो में, ऐसा होने पर इसे गर्भस्राव कहा जाता है। क्योकि दुसरे और तीसरे महीने में गर्भवती महिला को जो स्राव होता है, उसमे गर्भाशय में हुआ रज – वीर्य का सम्मिश्रण अभी तक सारहीन होता है। अर्थात अभी भी वह द्रवावस्था में ही होता है। जिसके कारण थोड़ी भी असावधानी होने पर, गर्भ के गिरने की संभावना बनी रहती है। जो बहुत ही थोड़े दिनों में होकर, बंद हो जाता है। जिससे महिलाओं के मन में, अक्सर प्रेग्नेंट होने के बाद क्या पीरियड आता है का सवाल बना रहता है।
जबकि बाद के महीनों में होने वाले स्राव को, गर्भपात की संज्ञा दी जाती है। क्योकि चौथे महीने से गर्भ का शारीरिक विकास होने लगता है। जिसके कारण गर्भपात होने पर, महिलाओं को महीनों पीरियड आने की समस्या बनी रहती है। जिससे गर्भधारण करने वाली महिलाओं के अंदर प्रेगनेंसी में पीरियड आता है क्या को लेकर शंका बनी रहती है। लेकिन यदि सही समय पर इसकी उचित चिकित्सा की जाय तो गर्भपात होने पर भी गर्भ को गिरने से बचाया जा सकता है।
महिलाएं गर्भवती कब होती है ( when can females get pregnant in hindi )
आमतौर पर गर्भस्राव आवृत्ति में, गर्भपात से अधिक बार होता है। जिसके बहुत से कारक जिम्मेवार होते है। जिसमे सबसे अधिक प्रभावित करने वाला कारक, पोषण और आनुपातिक वजन का कम या ज्यादा होना है। जिसका गर्भ धारण करने वाली महिला को हमेशा ध्यान रखना चाहिए। लेकिन मोटापा, थायराइ आदि बीमारियों के कारण ऐसा कर पाना संभव भी नहीं हो पाता। जो नव विवाहित लड़कियों को प्रेग्नेंट होने में परेशानी पैदा करते है। जिससे इनके दिमाग में लड़कियां प्रेग्नेंट कैसे हो सकती है की बात आने लगती है।
परन्तु यह सब जाने बिना हाल में व्याही पत्नियां पति से सम्बन्ध बनाकर, गर्भ ठहरने की उम्मीद करने लगती है। फिर भी गर्भ नहीं रुकता क्योकि गर्भ के रुकने के लिए, महिलाओं को अपने सबसे उपजाऊ दिनों में सम्बन्ध बनाना होता है। जिसके लिए माँ बनने की इच्छा रखने वाली महिलाए, पीरियड के कितने दिन बाद बच्चा ठहरता है की बात करती है।
लेकिन कई बार इसको जानने के बाद, बार – बार सम्बन्ध बनाने पर भी कुछ महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं होती। जिसके कारण इनके मन में प्रेग्नेंट कितने दिन में होते हैं की बात चलने लगती है। जिसके अलग – अलग महिलाओं में अलग – अलग कारण हो सकते है। जिसमे से एक कारण गर्भस्राव भी हो सकता है। जिस पर अधिकतर महिलाओं का ध्यान नहीं जाता।
जिससे यह मन ही मन महिला गर्भ धारण कब करती है के सवाल जबाब में ही उलझी रहती है। जिससे यह नहीं जान पाती कि महिला प्रेग्नेंट कब नहीं होती है। इन समस्याओं से झुझलाकर महिलाए, कई बार तो आवेश में आकर ऐसा काम कर लेती है। जिसके लिए उनके पास पछताने के अलावा और कोई उपाय नहीं रह जाता।
हालाकिं गर्भवती महिलाओं में होने वाले स्राव की वजह, आचार्य चरक और सुश्रुत आदि ने समान ही माना है। जिससे परेशान होकर गर्भवती महिला, प्रेग्नेंट होने के बाद भी पीरियड आता है क्या पर सोचने के लिए विवश हो जाती है।
प्रेग्नेंट होने के बाद भी पीरियड क्यों आते हैं?
आमतौर पर महिलाओं के प्रेग्नेंट हो जाने के बाद, पीरियड आने बंद हो जाया करते है। लेकिन जिन महिलाओं को गर्भस्राव अथवा गर्भपात होते है। उनमे प्रेग्नेंट होने के बाद, पीरियड के लक्षण आने लगते है। जिसके निम्नलिखित कारण हो सकते है –
- उकडू ( मुकुरु ), ऊंचा – नीचा और कठिन आसन पर देर तक बैठना
- अपानवायु और उदानवायु का प्रतिकूल हो जाना
- मल – मूत्रादि वेगों को रोकना
- काम के वशीभूत होकर, मैथुन करना
- अधिक मेहनत और कष्टकारी क्रियाए करना। जैसे – बहुत दूर तक पैदल चलना, सीढ़ियों पर चढ़ना, वजन उठाना आदि।
- खाने में मात्रा से अधिक या कम खाना खाना
- तीखी और गर्म वस्तुओ का सेवन करना
- गर्भवती महिला के उदर में चोट लगने या दबने से
- गहरे गड्ढे, कुए या तालाब में झाकने और इनका स्मरण करने से
- शरीर को झकझोरने वाले वाहनों में बैठकर यात्रा करने से
- झूला झूलने से
- लड़ाई – झगड़ा करने से
- भय, बेचैनी और चिंता करने से
- दुखद समाचार सुनने
- आमदोष आदि से।
प्रेग्नेंट होने के बाद क्या पीरियड आता है ( pregnant hone ke bad kya period aata hai )
आमतौर पर मासिक धर्म चक्र तब शुरू होता है, जब महिला में माहवारी आती है। जो महिला में गर्भ के रुकते ही बंद हो जाती है। लेकिन कुछ महिलाओं में प्रेग्नेंट होने के बाद भी, ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है। जो प्रेगनेंसी के लिए सही खबर नहीं होती। जिससे डर कर गर्भधारण करने वाली महिलाए, प्रेग्नेंट होने के बाद भी पीरियड आता है क्या जानने में लगी रहती है।
सामान्य अवस्था में गर्भवती महिलाओं को, प्रेग्नेंट होने के बाद भी पीरियड नहीं आते हैं। लेकिन जो महिलाए अपने गर्भकाल में शोक और चिंता आदि से घिरी रहती है। उनमे बच्चा ख़राब होने की संभावना पाई जाती है। जिसके परिणाम स्वरूप गर्भस्राव आदि की समस्या हो सकती है। जिसे महिलाए प्रेग्नेंट होने पर पीरियड आना कहती है। जोकि वास्तव में गर्भपात और योनिस्राव होता है। जिससे इनके मन में क्या प्रेगनेंसी में पीरियड्स होते हैं का संशय बना रहता है।
प्रेग्नेंट होने के बाद भी पीरियड आता है क्या करें
महिलाओं का जब गर्भ रुकता है। तो उनके शरीर के हार्मोन्स में बदलाव आने लगते है। जिसके फलस्वरूप इनमे एच सी जी हार्मोन्स का स्राव बहुत तेजी से बढ़ता है। जो इनके मूत्रादि में आसानी से देखा जा सकता है। जिसको प्रेगनेंसी टेस्ट किट के माध्यम से जांचा भी जा सकता है। जिसका सही परिणाम आने में लगभग 8 – 10 दिन का समय लग जाता है। जो महिला में फर्टिलाइजेशन होने के, एक दो हफ्ते बाद पता लगता है।
यदि गर्भवती महिला का प्रेगनेंसी किट से, प्रेग्नेंट होने के पॉजिटिव संकेत मिलते है। तो महिला गर्भवती मानी जाती है। लेकिन यदि महिला का पीरियड आ जाता है, तो यह उसका पीरियड नहीं बल्कि गर्भस्राव होने की संभावना बनी रहती है। लेकिन जब यह तीन महीनों के बाद होता है तब यही गर्भपात कहलाता है। इन दोनों ही स्थितियों में गर्भवती महिला के मन में, प्रेग्नेंट होने के बाद भी पीरियड आता है क्या बात उठने लगती है। जिसके होने पर निम्नलिखित उपाय लाभ पहुंचाने वाले है –
- गर्भवती महिला में पीरियड दिखाई पड़ते ही, उसे मुलायम, आरामदायक और साफ – सुथरी चादर बिछे बिस्तर पर सोने को कहे।
- जिसका थोड़ा सा सिर का भाग कुछ नीचे झुका हो और पैर का भाग ऊपर उठा हो।
- इसके बाद मुलेठी के चूर्ण और घी को ठन्डे पानी में रखकर, उसमे रुई के फाहा को भिगाकर योनि में रखने को कहे।
- शतधौत और सहस्त्रधौत घृत को नाभि के निचले भाग में, चारों ओर लेप करने को कहे।
- इसके बाद गाय के दूध से अथवा अत्यंत शीतल मुलेठी के क्वाथ से, इसके नाभि से निचले भाग को सीचें। अथवा टब में गर्भवती महिला के कमर तक, शीतल जल भरकर उसमे बैठाए।
लेकिन ऐसी अवस्था में विशेषज्ञीय परामर्श लेना न भूले।
उपसंहार :
महिला के गर्भ धारण करते ही, बच्चेदानी का मुँह बंद हो जाता है। जिससे गर्भाशय के अंदर गर्भ को विकसित होने के अनुकूल एक तरह बिछौना तैयार होने लगता है। जिसके दौरान महिला का गर्भाशय द्रव से ही भरा रहता है। जिसमे किसी कारणवश भय, चिंता, दाब या चोट लगने आदि से, गर्भस्राव होने लगता है। जिसको देखकर गर्भवती महिला अचंभित हो जाती है, और डर के मारे प्रेग्नेंट होने के बाद भी पीरियड आता है क्या के बारे में सोचने को मजबूर हो जाती है।
ऐसी दशा में महिलाओं के दिमाग में एक ही बात आती है कि प्रेग्नेंट होने के बाद क्या पीरियड आता है? किसी भी महिला को प्रेग्नेंट होने के बाद पीरियड नहीं होते है। लेकिन गर्भ के प्रत्यारोपण के समय, थोड़ी – बहुत ब्लीडिंग देखने को मिल सकती है। लेकिन शुरुआती महीनों में अधिक मात्रा में ब्लीडिंग होना, कोई गंभीर समस्या गर्भस्राव आदि होने की संभावना हो सकती है। जो चौथे महीने से लेकर नौवे महीने तक होने पर, गर्भपात आदि हो सकता है।
हालाकिं अधिकांश मामलों में, महिलाओं का गर्भस्राव और गर्भपात होने पर बच्चा खराब हो जाता है। लेकिन बहुत सी महिलाओं में ऐसा देखा गया है कि गर्भवती महिला को हर महीने पीरियड ( मासिक स्राव ) होने पर भी जीवित बच्चे का प्रसव हुआ है। यह एक प्रकार का अपवाद है, जोकि बहुत कम मामलों में देखने को मिलता है।
ध्यान रहे : अधिकांश महिलाओं में गर्भ रुकने के बाद, किसी तरह का स्राव नहीं होता। परन्तु यदि आपको लगातार स्राव हो रहे है, तो यह खतरे की निशानी हो सकती है। इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से विशेषज्ञीय परामर्श लेना, अत्यंत आवश्यक हो जाता है। जिससे हमें यह पता चल सके कि यह गर्भस्राव था या गर्भपात। ताकि गर्भवती महिला का समय पर, उचित निदान हो सके।
सन्दर्भ :
भाव प्रकाश – गर्भ प्रकरण
चरक संहिता शरीर अध्याय – 02, 04, 08
सुश्रुत संहिता शरीर अध्याय -10
सुश्रुत संहिता निदान अध्याय – 08
वाग्भट्ट उत्तर तंत्र अध्याय – 01
FAQ
प्रेग्नेंट होने के बाद भी पीरियड आता है?
नहीं, सामान्य अवस्था में महिलाओं के प्रेग्नेंट होने के बाद गर्भ नहीं ठहरता। जिसका कारण महिला में गर्भ रुकते ही बच्चेदानी का मुँह बंद हो जाना है।
प्रेग्नेंट होने पर पीरियड आता है क्या?
यदि महिला में गर्भ ठहरने पर, पीरियड हो रहे है, तो वह उसका पीरियड न होकर गर्भस्राव अथवा गर्भपात है। जिसमे बच्चे को बचाने के लिए, जल्द से जल्द चिकित्सा करना अनिवार्य है।
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