बवासीर में क्या खाना चाहिए और क्या नही : What To Eat In Piles And Which Foods To Be Avoided In Piles In Hindi

भोजन का सीधा प्रभाव हमारे शरीर पर होता है। जिसके कारण हमारा भोजन रोग को बढ़ाने और घटाने में सहायक माना गया है। इसलिए बवासीर में क्या खाना चाहिए और बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए का ध्यान रखना सर्वथा अनिवार्य है।  

बवासीर में क्या खाना चाहिए 

बवासीर, गुदा के अंदर और बाहर होने वाली बीमारी है। जिसमे गुदा की शिराओ में खून जमने से, गुदा और गुद वलियो ( नलिका ) में मांस के मस्से निकल आते है। जिससे गुदा के बाहर, अंदर या दोनों ओर सूजन हो सकती है। जिनको बवासीर के लक्षण कहा गया है। जो महिलाओ में पाए जाने पर महिला बवासीर के लक्षण, जबकि पुरुषो में पाए जाने पर पुरुष बवासीर के लक्षण कहलाते है। जिसको घटाने और बढ़ाने में हमारे भोजन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

भोजन का सीधा प्रभाव हमारे शरीर पर होता है। जिसका मुख्य कारण भोजन में पाया जाने वाला पोषक तत्व है। जोकि त्रिदोष देहप्रकृति के अनुरूप, हमारे लिए लाभप्रद भी हो सकता है और हानिकारक भी। जिसके निवारण के लिए बवासीर में क्या क्या खाना चाहिए और बवासीर में क्या क्या नहीं खाना चाहिए का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए बवासीर के घरेलू उपाय में भोजन को सर्वाधिक महत्व का माना जाता है। 

बवासीर के रोगियों के लिए बवासीर की गारंटी की दवाई के साथ खाने – पीने की चीजों का चयन, बहुत ही सावधानी रखकर करना होता है। तब जा कर कही बवासीर से छुटकारा मिलता है। वही इनको जानने – समझने और परिपालन करने में मनमानी करना, हमेशा रोग से घिरे रहने के समान है। इन बातो को जान लेने के बाद, आइये अब जानते है कि बवासीर में क्या खाना चाहिए?

बवासीर में क्या क्या खाना चाहिए ( bawasir me kya khana chahiye )

bawasir me kya khana chahiye

बवासीर के मरीजों के लिए खाना सर्वाधिक महत्व का है। जिसका मुख्य कारण भोजन द्वारा हमारे शरीर को आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति होती है। इसलिए बवासीर के लिए सबसे अच्छा भोजन ( best food for piles in hindi ) वही हो सकता है, जो बवासीर से छुटकारा दिलाये एवं बचाव करे। तो आइये जानते है कि बवासीर के लिए क्या खाना चाहिए?

  • बवासीर में पुराने अन्न का सेवन प्रशस्त माना गया है। जैसे – लाल शाली के चावल, साठी के चावल आदि।
  • ताजी हरी पत्तेदार सब्जी जैसे – बथुआ, पुनर्नवा के पत्ते, जीवंती ( गिलोय ) शाक आदि। 
  • हालांकि सभी फलों के जूस पाइल्स में लाभकारी है, पंरतु बवासीर में मौसमी का जूस और नींबू दोनों विशेष रूप से गुणकारी है।
  • सोंठ, हरड़ और ताजा निकाला हुआ मक्खन अत्यंत लाभकारी है।
  • शुद्ध भिलावा बवासीर में रामबाण है। जिसका सेवन करने से सभी प्रकार की बवासीर दूर होती है।
  • शुद्ध सरसों का तेल ( अत्यंत कम ताप और दाब पर निकाला गया ) बहुत लाभकारी है।
  • नमक में काला नमक विशेष रूप से फलकारक है।
  • कैथ फल खाना बवासीर में फायदेमंद है।
  • आसानी से पचने वाले और गैस न करने वाले भोज्य पदार्थो को ही बवासीर में खाना चाहिए।
  • छाछ का खूब सेवन करे। यह दोपहर के भोजन से होने वाली जलन को मिटाता और भोजन को पचाता है। 
  • बवासीर रोग में दूध का सेवन अत्यंत गुणकारी है। यह रात के भोजन की जलन को दूर करता है और भोजन को पचाने में मदद करता है।
  • आंवला का सेवन बवासीर में बहुत लाभदायक है। फिर चाहे इसके चूर्ण का सेवन करे, अचार या इसके जूस को पिए।
  • जौ, गेहू, कुल्थी आदि का सेवन करे।
  • बकरी का दूध और बैंगन की सब्जी का सेवन करे।  
  • मिलेट का भरपूर मात्रा में प्रयोग करे।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिए, आदि। 

बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए ( bawasir me kya nahi khana chahiye hindi )

बवासीर रोग के निवारण और बचाव के लिए यह जान लेना आवश्यक है कि बवासीर में क्या क्या नहीं खाना चाहिए? मानव देह में पाए जाने वाले दोषो के विषम होते ही, रोग होने लगते है। जिनको सम करने में पाइल्स में क्या खाये और क्या नहीं खाये को जान लेना आवश्यक है। जिसे हम पाइल्स के लक्षण के दौरान न खा कर ( foods to be avoided during piles ) अपना बचाव कर सके। प्रायः बवासीर के दौरान न खाये जाने वाले भोजन ( foods to avoid during piles ) निम्न है – 

  • चीनी को भूलकर भी न खाये, क्योकि यह हमारे शरीर से पानी खीचकर अंगो को सुखाता है। 
  • सफेद नमक बवासीर में बहुत ही हानिकारक है।
  • तीखे, चटपटे, मसालेदार और तले – भुने भोजन से परहेज करे, क्योकि यह बहुत गैस करते है और देर से पचते है। जिसमे सभी तरह के जंक और फास्ट फूड आते है। 
  • भारी, चिकने और जलनकारी भोजन से दूरी बनाये। 
  • कच्चे और पके भोजन को मिलाकर न खाये।
  • कोल्ड ड्रिंक, सॉफ्ट ड्रिंक आदि से दूर ही रहे।
  • रात्रि में दही और छाछ को न खाये पिए।
  • सत्तू का सेवन रात में न करे।
  • दही, तिल की खली, उड़द दाल आदि को न खाये। 
  • पीठी को घी और तेल में तलकर सेवन न करे।
  • देर में पचने वाली, देर से पकने वाली दालों का सेवन न करे। जैसे – मटर आदि। 
  • पका हुआ आम और बेल के फल का सेवन न करे।
  • रात में भारी भोजन न करे।
  • 100 – 300 टी डी एस से अधिक या कम और असंरचनात्मक जल का सेवन न करे।
  • चाय, काफी, तम्बाकू और शराब आदि मादक द्रव्यों का सेवन न करे।
  • अंडा और मांसाहार न करे, आदि। 

उपसंहार :

बवासीर मुख्य रूप से जीवशैली से जुड़ा हुआ रोग है। जिसमे मुख्य रूप से हमारे द्वारा किया जाने वाला व्यवहार है। इसमें सबसे पहले हमारा भोजन और दिनचर्या आदि आते है। जिसका दुष्प्रभाव हमारे शरीर पर रोग के रूप में दिखाई पड़ता है। इस कारण बवासीर में क्या खाना चाहिए और बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए का हमे ध्यान रखना चाहिए। जिससे हम अधिक समय तक रोग और दोष से बचे रहे।

यदि किसी कारणवश हम बवासीर का शिकार हो गए, तो बवासीर में क्या क्या खाना चाहिए और बवासीर में क्या क्या नहीं खाना चाहिए को जानकार शीघ्र इससे छुटकारा पा सकते है। यह किसी भी रोग को दूर करने का सबसे आसान और सर्वोपयोगी सिद्धांत है। जिसका अनुपालन कर, हर कोई बवासीर को सदा के लिए अपने जीवन से दूर कर सकता है। फिर चाहे वह खूनी बवासीर हो या बादी बवासीर। 

संदर्भ :

चरक संहिता चिकित्सा अध्याय – 14

भैषज्यरत्नावली – अर्श चिकित्सा प्रकरण ( अध्याय – 9 )

FAQ

बवासीर के ऑपरेशन के बाद क्या खाना चाहिए?

बवासीर के ऑपरेशन के बाद आसानी से पचने वाले, गैस न करने वाले और मल को पतला करने वाले पदार्थो का सेवन करना चाहिए। जैसे – विविध प्रकार के फल, सब्जी आदि। 

बवासीर के लिए कौन सा खाना अच्छा है? 

मिर्च – मसाले, चटपटे और जलन न करने वाला भोजन बवासीर रोगियों के लिए गुणकारी है। जिनको आयुर्वेद देहप्रकृति के अनुकूल भोजन कहता है। 

बवासीर में परहेज क्या करना चाहिए?

बवासीर में अधिक दौड़ – भाग करना, टेड़े – मेड़ें आसन अथवा टेड़ा – मेडा होकर बैठना, असमय में भोजन करना, जलन करने वाले, देर से पचने वाले और गैस करने वाली चीजे नहीं खानी चाहिए।