फिशर का घरेलू नुस्खा, घर पर फिशर का इलाज ( Home Remedies For Fissure, anus fissure treatment at home )

आमतौर पर गुदा में बनने वाली दरार को ही पाइल्स फिशर ( hemorrhoid fissure) कहते है। जिसमे मलद्वार पर दर्द और जलन आदि की समस्या होती है। जो मुख्य रूप से फिशर के लक्षण माने गए है। गुदाद्वार पर होने वाला, यह रोग बहुत ही पीड़ादायी और कष्टदायी होता है। जिससे फिशर ट्रीटमेंट करते समय, फिशर क्या है और कहा हुआ है आदि का ध्यान रखा जाता है। जिसमे फिशर का देसी इलाज बहुत ही गुणकारी है। घर पर किये जाने वाले फिशर के इलाज को, फिशर का घरेलू नुस्खा कहा जाता है। जिसमे रोजमर्रा के उपयोग में आने वाली आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग होता है। 

फिशर का घरेलू नुस्खा

मानव शरीर रचना विज्ञान के अनुसार, मल के स्थूल भाग का निष्कासन गुदाद्वार से होता है। जिसमे आने वाली अनेक विकृतियों में एक विकृति, गुदा में दरार बनने लगना भी है। जिसके कारण गुदा फिसर स्थूल अंत्र में होने वाला रोग माना जाता है। जिसमे मलाशय स्थूल मल का एकत्रीकरण करता है। जिसमे छोटे – छोटे सूक्ष्म जीवाणु पाए जाते है। जिन्हे माइक्रोब के नाम से जाना जाता है। जिनका काम मल को अपघटित कर, आवश्यक पोषक तत्वों का निर्माण करना है। 

मल को अपघटित कर बाहर निकालने के लिए, चार अंगुल लम्बी गुदा होती है। जो रोम प्रांतो से डेढ़ यव ऊपर होती है। जिसे गुदौष्ठ कहा जाता है। जिसमे तीन पेशिया पायी जाती है। जिन्हे आयुर्वेद में वलियो के नाम से जाना जाता है। जिसमे सूजन होने पर गुदा की शिराए फटकर, गुदा पर दरार बना देती है। जिससे गुदा में सूजन के लक्षण और दरार एक साथ दिखाई पड़ते है। जिसके कारण फिशर रोग से पीड़ित व्यक्ति को विविध प्रकार के दर्द और तकलीफे झेलनी पड़ती है। 

फिशर क्या है ( what is fissure in hindi )

फिसर मल को बाहर निकालने वाले अंगो में होने वाला रोग है। इसमे पायी जाने वाली रक्तवाहिनियों में गन्दा खून जमा हो जाता है। जिसमे संक्रमण आदि उपद्रव होने से, फट जाया करती है। इसके परिणामस्वरूप संलग्न अंग ( गुदा ) में दरार आ जाती है। जिसमे भयकर दर्द और खून रिसने की समस्या होती है। जो बवासीर के लक्षण में भी देखी जाती है। 

अमूमन फिसर ( fissure ) उस स्थान पर पाया जाता है। जहाँ त्वचा सघन रूप में पायी जाती है। जैसे होंठो में, कानो के पीछे एवं गुदा आदि में। लेकिन मलद्वार पर होने वाली फिसर, गंभीर उदर रोगो का परिणाम होती है। जिसमे मल अत्यंत सूखा और कडा हो जाता है। जिसको निकालने के लिए जोर देकर, कांखने पर ही मल बाहर निकल पाता है। जिससे फूली हुई गुदाद्वार में दरारे बनने लगती है। जो गुदा विदर कहलाती है। जिसमे फिशर का घरेलू नुस्खा बहुत ही गुणकारी है।     

फिशर के लक्षण ( anal fissure causes in hindi )

फिशर बीमारी ( fisher bimari ) मल को बाहर निकालने वाले अंगो में होती है। जिसमे निम्नलिखित लक्षण पाए जाते है –

  • गुदा का फूल जाना
  • गुदा में दर्द होना
  • मलत्याग के समय गुदा से खून आना
  • मलद्वार पर जलन होना
  • गुदा में भारीपन और खुजली होना
  • गुदा पर लालिमा होना, आदि। 

फिशर होने का कारण

आयुर्वेद में गुदा दरारों के निम्नलिखित कारण बताये गए है –

  • अधिक तीखा, चटपटा, मिर्च – मसाले वाला भोजन करना
  • ऊंचा – नीचा या उबड़ – खाबड़ आसन पर बैठना 
  • मल – मूत्रादि के वेग को रोकना
  • मल – मूत्र को जबरजस्ती बाहर निकालना
  • अत्यधिक मादक पदार्थो का सेवन करना
  • अनुचित विहार करना
  • गुदा पर चोट या रगड़ लगना
  • महिलाओ में गर्भावस्था का पाया जाना
  • स्त्रियों को विषम प्रसव होना, आदि।  

फिशर ट्रीटमेंट ( fissure treatment in hindi )

fissure treatment in hindi

मानव गुदा में होने वाली बीमारिया, मंदाग्नि के कारण होती है। जिससे अपानवायु अनुलोमित न होकर, प्रतिलोमित हो जाता है। जिसके फलस्वरूप मल सूखने लगता है। इससे कब्जादि गतिविधियों के होने का मार्ग प्रशस्त हो जाया करता है। जिससे इसमें कब्ज का रामबाण इलाज बहुत फायदा पहुंचाता है।

गुदचीर गुदाद्वार की त्वचा के चटकने ( fissure fracture ) से होने वाला रोग है। जिसकी चिकित्सा में निम्न उपायों को अपनाना पड़ता है –

  1. कब्ज, मलबंद्ध आदि को मिटाना 
  2. प्रतिलोम हुई अपानवायु को अनुलोम करना 
  3. पाचक अग्नि को बढ़ाना 
  4. सूजन को कम करना 
  5. गुदा पर होने वाले घाव को भरना 

हालांकि बवासीर रोग में भी यह समस्या पायी जाती है। जिसको दूर करने के लिए बवासीर की गारंटी की दवाई बताई गयी है। जो उपरोक्त सभी समस्याओ को नष्ट करती है। जिससे बवासीर की रक्त शिराओ को, कुपित होने का कोई मार्ग ही नहीं बचता। जिससे खूनी और बादी बवासीर के लक्षण भी धीरे – धीरे नष्ट होने लगते है। 

गुदा विदर में गुदा से खून जाने की समस्या होती है। जो खूनी बवासीर के लक्षण में भी पायी जाती है। जिसके कारन गुदा में होने वाली दरार, को खूनी पाइल्स के लक्षण से मेल खाता हुआ समझा जाता है। जिसके लिए फिशर के घरेलू उपाय अत्यंत उपकारी है। जिन्हे मराठी में फिशर वर घरगुती उपाय कहते है। 

घर पर फिशर का इलाज ( anus fissure treatment at home in hindi )

घर पर किये जाने वाले उपचारो को, घरेलू उपायों के नाम से जाना जाता है। जिनको लोग एनल फिशर का घरेलू इलाज भी कहते है। जो अनेको वर्षो से जांचे और परखे हुए होते है। जिससे इनसे हानि होने की कम से कम संभावना होती है। दूसरी ओर यह सदैव हमारी पहुंच में होते है। जिससे शीघ्रता और आसानी से हम इससे लाभ उठा सकते है। 

फिशर के घरेलू उपाय इतने असरकारी है कि जीर्ण अवस्था में भी इनका उपयोग अत्यंत आवश्यक होता है। जैसे – सिट्ज बाथ आदि। जिनको हम घर में करे या कही और। इनके बिना कभी – कभी रोग से पीछा छुड़ाना मुश्किल हो जाता है। इनकी सहायता से दोनों प्रकार के फिशर का इलाज किया जाता है –

  1. एक्यूट फिशर का घर पर ट्रीटमेंट ( acute fissure treatment at home in hindi )
  2. क्रोनिक फिशर का घर पर ट्रीटमेंट ( chronic fissure treatment at home in hindi )

तो आइये जानते है घर पर उपयोग होने वाले फिशर का घरेलू इलाज क्या है? 

घर पर स्थायी रूप से फिशर का इलाज कैसे करें ( how to cure fissure permanently at home in hindi )

घर पर फिशर का उपचार करने में, फिशर के लिए घरेलू उपाय प्रयोग में लाये जाते है। जिनसे फिशर में होने वाली तकलीफो में बहुत लाभ होता है। इसके साथ गुदा में होने वाली सूजन और खून जाने से भी छुटकारा मिलता है। जिससे इसको घर पर एनल फिसर का ट्रीटमेंट ( anal fissure treatment at home ) कहते है। 

मराठी लोग फिशर के घरेलू उपाय को फिशर घरगुती उपचार कहते है। जिस प्रकार बवासीर रोग में, बवासीर के घरेलू उपाय भी बड़े काम के है। उसी प्रकार फिशर का घरेलू उपाय, फिशर में अत्यंत प्रभावशाली है। जिसका उपयोग करने से गुदा फिसर में लाभ होता है। जिससे फिशर का घरेलू नुस्खा गुदा विदर में शीघ्र लाभ पहुंचाता है।  

फिशर के उपचार में ऐसे उपाय भी बहुत फल देते है। जो मल को ढीला करते है। क्योकि मल गीला होने पर, गुदा पर अनावश्यक रगड़ नहीं पहुंचाता। जिससे गुदा पर किसी प्रकार का कोई घाव नहीं आता। ऐसा होने पर दर्द और सूजन में कमी आती है। इसके अतिरिक्त गर्म पानी से गुदा को सेकने से भी लाभ होता है। आइये जानते है कि घर पर जल्दी फिशर का इलाज कैसे करे ( how to heal a fissure fast at home )?

फिशर के लिए सिट्ज बाथ ( sitz bath for fissure in hindi )

sitz bath for fissure

शरीर में आयी किसी भी प्रकार की सूजन को, कम करने के लिए गर्म पानी से सिकाई की जाती है। जिसे न केवल सूजन में कमी आती है। बल्कि सूजन के कारण होने वाले दर्द में राहत भी मिलती है। जिसके कारण गर्म पानी से गुदा की सिकाई करना, फिशर का घरेलू इलाज कहा जाता है। 

जिसके लिए एक ऐसा पात्र ले। जिसमे आसानी से बैठा जा सके। जिसमे गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर, आधा भर दे। जिसमे गुदा को नीचे रखते हुए, कुछ देर ऊपर दिखाए गए चित्र के अनुरूप बैठे रहे। यदि पानी अधिक गरम लग रहा हो तो पानी से बाहर आ जाए। लेकिन यदि पानी ठंडा लगे तो इसमें थोड़ा और गर्म पानी मिलाये। 

ऐसा कम से कम 20 – 25 मिनट करे। जिसको दिन में दो बार भी कर सकते है। इस प्रकार कुछ दिन तक करने से गुदा की सूजन और दरार मिट जाती है। इस विधि को आंग्ल भाषी सिट्ज बाथ के नाम से जानते है। यह फिशर का घरेलू नुस्खा गुदा रोगो में भी, बहुतायत में प्रयोग होने वाला उपाय है।  

फिशर का देसी इलाज ( ayurvedic home remedies for fissure )

फिशर के घरेलू इलाज में प्रयोग होने वाली फिशर की देसी दवा निम्नलिखित है – 

  • भोजन से पहले घी, गुड़ और यवक्षार को खाने से फिशर के दर्द और सूजन में लाभ होता है।
  • पेट की बीमारियों के कारण होने वाले फिशर में, मठ्ठा बहुत ही फलदायी है। जिसका उपयपग करने से गुदचीर की समस्याओ में आराम मिलता है।  
  • हर्रे के चूर्ण को छाछ में मिलाकर, पीने से गुदा में होने वाली दरार नष्ट हो जाती है। 
  • फिशर में अत्यधिक खून निकलने पर, प्याज का शाक पकाकर खाने से रक्तस्राव बंद हो जाता है।
  • मठ्ठा और बेर के साथ चौराई का शाक, फिसर में रक्तस्राव रोकने का अद्भुत घरेलू उपाय है। 
  • बकरी के दूध में बथुए का रस मिलाकर पीने से, फिशर में खून निकलना बंद हो जाता है। 

उपसंहार :

फिशर का घरेलू नुस्खा घर पर किया जाने वाला फिशर ट्रीटमेंट है। जिसे लोग फिशर का देसी इलाज के नाम से भी जानते है। यह आसानी से किया जाने वाला अत्यंत लाभकारी उपाय है। परन्तु यदि इसके साथ खान – पान, दिनचर्या आदि का ध्यान रखा जाय तो अधिक फलदायी सिद्ध होता है।

सन्दर्भ :

  • अष्टांग संग्रह निदान स्थान अध्याय – 07 
  • अष्टांग संग्रह चिकित्सा स्थान अध्याय – 10 

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