गर्भधारण करने की कोशिश और बचाव में ओवुलेशन का समय सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। जिसको अधिकांश जोड़े नहीं समझ पाते। जिसके कारण गर्भ न रुकने और अनचाही प्रेगनेंसी जैसी समस्याओं से, इन्हे जूझना पड़ता है। इसलिए महिलाओं में होने वाले ओवुलेशन को समझना आवश्यक है। क्योकि इसको जाने बिना प्रेग्नेंट कैसे होते हैं और प्रेगनेंसी से कैसे बच सकते है। तो आइये जानते है कि महिलाओं में पीरियड के कितने दिन बाद ओवुलेशन होता है?
अमूमन महिलाए ओवुलेशन के दौरान ही गर्भ धारण करती है। परन्तु ओव्यूलेशन हर माह माहवारी शुरू होने के साथ आता है, और माहवारी के समाप्त होते ही बंद भी हो जाता है। जिसके कारण महिलाए पूरी माहवारी में न प्रेग्नेंट होकर, कुछ ख़ास दिनों में ही गर्भवती होती है। इसलिए माँ बनने के प्रयास में लगी महिलाओं के मन में एक ही बात आती हैं कि पीरियड के कितने दिन पहले प्रेग्नेंट हो सकते हैं?
हालाकिं महिलाओं के ओवुलेशन का समय बीत जाने पर, गर्भ धारण करने की संभावना बहुत कम रह जाती है। इसलिए यह समय प्राकृतिक रूप से, परिवार नियोजन के उपयोगी माना गया है। लेकिन ओवुलेशन को ठीक से न समझ पाने की वजह से, इस दौरान गलती होने की संभावना बनी रहती है। इस कारण महिलाए यह जानने के फिराक में लगी रहती हैं कि प्रेगनेंसी से बचने के लिए पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए।
लेकिन कुछ महिलाए ऐसी भी होती है। जिनको बिना पीरियड के ही ओवुलेशन होता है। जिसके कारण ऐसी महिलाओं में ओव्यूलेशन का पता नहीं लग पाता। ऐसी महिलाओं में यह जान पाना कठिन होता है कि ओवुलेशन पीरियड के कितने दिन बाद होता है? इसलिए बार – बार प्रयास करने के बाद भी गर्भ धारण नहीं कर पाती। जिससे इनके दिमाग में प्रेग्नेंट कितने दिन में होते है की बात आने लगती है।
ओवुलेशन पीरियड के कितने दिन बाद होता है ( how many days after period is ovulation in hindi )
महिलाओं में ओवुलेशन आमतौर पर मासिक धर्म के बीच का समय होता है। जिसको कुछ लोग पीरियड के बाद मानते हैं और कुछ पीरियड के पहले। गर्भधारण करने और गर्भ धारण होने से बचने में, ओवुलेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिसको समझने के लिए लोग सवाल उठाते हैं कि पीरियड के कितने दिन पहले ओवुलेशन होता है?
अमूमन महिलाओं में माहवारी के बाद गर्भधारण करने का समय आता है। जो महिला के मासिक धर्म चक्र का बीच का समय होता है। जिसके दौरान महिला गर्भाशय गर्भ धारण के लिए सबसे अधिक उर्वर भी होता है। जिसमे महिला और पुरुष के बीच शारीरिक सम्बन्ध बनने पर, गर्भ रुकने की सबसे अधिक संभावना होती है। यदि महिला को कोई माहवारी सम्बन्धी समस्याएं न हो, और पुरुष शुक्राणुओ की संख्या और गतिशीलता पर्याप्त हो।
परन्तु माहवारी रुकने के कारण, महिलाए अनियमित माहवारी की समस्या से जूझने लगती है। जिससे माहवारी आने के बाद भी सम्बन्ध बनने पर, बच्चा नहीं ठहरता। जिससे मन ही मन सोचने लगती है कि पीरियड के कितने दिन बाद बच्चा ठहरता है? हालाकिं महिलाओं में माहवारी नहीं आने के कारण बहुत से है। लेकिन 45 साल के बाद माहवारी की स्थिति समाप्ति की ओर होती है। जिसके दौरान महिलाओं को गर्भ धारण करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
लेकिन जो महिलाए प्रेग्नेंट नहीं होना चाहती, और पति को सम्भोग सुख भी देना चाहती है। वह यह जानने के प्रयास में लगे होती है कि महिला प्रेग्नेंट कब नही होती है। जिसको जानने के लिए यह समझना जरूरी है कि ओवुलेशन के कितने दिन बाद पीरियड आता है?
पीरियड्स के कितने दिन बाद ओवुलेशन होता है ( periods ke kitne din bad ovulation hota hai )
अस्तु महिलाओं के अण्डोत्सर्ग को समझना, तीनों प्रकार के लोगों के लिए आवश्यक है –
- पहले वे जो गर्भधारण करने की कोशिश में लगे हैं : महिलाओ में मासिक धर्म के आते ही गर्भ धारण की संभावना पाई जाती है। लेकिन पूरे मासिक धर्म के दिनों में नहीं। बल्कि माहवारी के कुछ विशेष दिन में ही महिला गर्भ धारण करती है। जो उनका ओवुलेसन होता है। इस कारण ऐसी महिलाओं को period ke kitne din baad ovulation hota hai को जानना जरूरी है।
- दुसरे वे जो एक बच्चे से दुसरे बच्चे के बीच में कुछ वर्षों का अंतर देना चाह रहे है : बच्चे को जन्म देने के बाद महिलाओं का शरीर कमजोर हो जाता है। जिसकी भरपाई महिला शरीर को पोषण दे कर ही की जा सकती है। जिसमे लापरवाही होने पर महिला का शरीर तो बिगड़ता ही है, साथ ही बच्चे का ठीक से विकास भी नहीं हो पाता। इसलिए दो बच्चों के बीच में कुछ वर्षों का अंतर देना जरूरी है। महिलाओं में यह समस्या तब अधिक गंभीर हो जाती है। जब बच्चा माँ का दूध पी रहा हो और महिला गर्भवती हो जाए। जिससे बचने के लिए ovulation period ke kitne din baad hota hai को समझना आवश्यक है।
- और तीसरे वे जो परिवार नियोजन में के बारे में सोच रहे हैं : माता – पिता बन जाने के बाद, विवाहित जोड़ों के मन में परिवार नियोजन की बात आ ही जाती है। लेकिन दाम्पत्य जीवन को सुचारु रूप से चलाने में यौन संबंधों का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। इस कारण एक ओर हम सम्बन्ध को बिगाड़ना भी नहीं चाहते और दूसरी और बच्चा भी नहीं चाहते। इसलिए प्राप्त परिस्थिति में तालमेल बनाये रखने की आवश्यकता पड़ती है। जिसके लिए यह समझना जरूरी है कि ओवुलेशन पीरियड के कितने दिन बाद होता है?
पीरियड के कितने दिन बाद ओवुलेशन होता है शुरू ( How many days after period does ovulation start in hindi )
दाम्पत्य जीवन का सुखद अनुभव बिना बच्चों के नहीं होता। जिसकी लालसा हर माँ बाप को होती है। जिसके लिए वे अपनी ओर से भरपूर प्रयास भी करते है। लेकिन यह नहीं जान पाते कि पीरियड के कितने दिन बाद ओवुलेशन शुरू होता है? इसलिए कई बार सम्बन्ध बनाने पर भी माता – पिता बनने से रह जाते है।
कई बार शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होने के बाद भी बहुत सी महिलाए माँ नहीं बन पाती। जिसके मुख्य कारणों में से एक है। महिला का सही समय पर पुरुष से सम्बन्ध न बन पाना है। इस कारण माहवारी के बाद गर्भधारण का समय नजदीक होने पर भी, महिलाए इसका लाभ नहीं उठा पाती। अर्थात महिला को उसके ओवुलेशन की ठीक ढंग से जानकारी न हो पाना है।
हर महिला में ओवुलेशन का समय अलग – अलग होता है। क्योकि महिलाए अपने – अपने मासिक धर्म के दिनों के आधार पर ओवुलेट करती है। जिसकी जानकारी अक्सर महिलाओं को नहीं होती। इसलिए महिलाए अपने ओवुलेशन को लेकर भ्रमित हो जाती है। जिससे इनके दिमाग में पीरियड के कितने दिन बाद ओवुलेशन होता है को लेकर शक बना रहता है।
लेकिन कई बार कुछ जोड़ों में सावधानी रखने पर भी, अनचाही प्रेगनेंसी देखने को मिलती है। जिसके दो प्रमुख कारण हो सकते है
- गर्भनिरोधक उपायों के बिना यौन सम्बन्ध बनना
- महिला की फर्टाइल डेज ( उपजाऊ दिन ) में सम्बन्ध बनाना
आजकल जितने भी गर्भ निरोधक उपाय प्रचलन में है। सब के सब शत प्रतिशत सुरक्षित नहीं है। इसलिए कभी – कभी सुरक्षित उपायों के साथ सम्बन्ध बनने पर भी, कुछ महिलाओं का गर्भ ठहर जाता है। जिसमे सबसे बड़ा योगदान महिला के ओवुलेशन पीरियड ( ovulation period ) का होता है। ऐसी परिस्थिती में यह जानना आवश्यक हो जाता है कि पीरियड खत्म होने के कितने दिन बाद ओवुलेशन होता है?
पीरियड के बाद ओव्यूलेशन कब होता है ( when does ovulation occur after period in hindi )
हर माह मासिक धर्म आने के साथ ओवुलेशन भी आता है, और माहवारी जाने के साथ चला भी जाता है। हालाकिं हर महिला के मासिक धर्म में चार चरण होते है –
- रक्तस्राव ( ब्लीडिंग फेज )
- कूपिक अथवा क्यूपिक
- ओवुलेशन
- ल्युटिल अथवा ल्युटियल
जिसमे लगभग आधा समय ल्युटिल चरण का होता है। शेष आधे समय में रक्तस्राव, ओवुलेशन और कूपिक चरण होते है। इस कारण महिलाए आमतौर पर ओवुलेशन के समय का ठीक से पता नहीं लगा पाती। जिससे इनके मन में भ्रम बना रहता है कि मासिक धर्म के बाद ओवुलेशन कब होता है?
लेकिन एक स्वस्थ महिला में ओवुलेशन और रक्तस्राव का समय लगभग बराबर होता है। इसलिए जिन महिलाओं में ब्लीडिंग कम दिन होती है। उनमे ओवुलेशन भी कम दिन का ही पाया जाता है। वही जिन महिलाओं के पीरियड की ब्लीडिंग अधिक दिनों की होती है। उनमे ओवुलेशन भी अधिक दिन होता है।
किन्तु आमतौर पर महिलाओं का पीरियड चार सप्ताह अथवा हफ्ते का होता है। जिसमे सप्ताह की दृष्टि से 28 और हफ्ता की दृष्टि से 32 दिन होते है। जिसकी गिनती महिला में जब से ब्लीडिंग शुरू होती है। तभी से मानी जाती है। इसलिए जिस दिन से महिलाओ को ब्लीडिंग शुरू हो जाती है। उसे पीरियड का पहला दिन माना जाता है।
मासिक धर्म के किस दिन ओवुलेशन होता है ( ovulation occurs on which day of menstrual cycle in hindi )
इस हिसाब से जब तक महिला में ब्लीडिंग होती रहती है। तब तक महिला के पीरियड का पहला चरण चल रहा होता है। जिसे ब्लीडिंग फेज या रक्तस्राव का समय कहते है। यह हर महिला में अलग – अलग हो सकता है। जो सामान्य रूप से लगभग 3 – 7 दिन का हो सकता है। यदि इसके बाद होता रहे तो यह असामान्य माना जाता है।
जिसके बाद शुरू होता है। महिला के पीरियड का दूसरा चरण। जिसके दौरान महिला की ओवरी में फॉलिकल बनते है। जिनको परिपक्व होने में लगभग सप्ताह भर का समय लग सकता है। जो अमूमन हर महिला में एक सामान होता है।
जिसके बाद शुरू होता है, महिलाओं का ओवुलेशन चरण। जिसके दौरान महिला के अंडाशय से अंडे परिपक्व होकर निकलते है। जो पुरुष शुक्राणुओ से मिलकर फर्टीलाइज्ड ( निषेचित ) होने के बाद, महिला का गर्भ ठहर जाता है। जिसका समय ब्लीडिंग के लगभग बराबर होता है। इसलिए यह समय भी हर महिला में अलग – अलग हो सकता है। जिसको जानने के लिए महिलाओ के दिमाग में एक बात आती है कि पीरियड के कितने दिन बाद ओवुलेशन होता है?
महिला गर्भ तभी धारण कर सकती है। जब उसके बच्चेदानी का मुँह खुला हो। जो महिला के मासिक धर्म चक्र के ओवुलेशन और ब्लीडिंग के दौरान होता है। इस कारण पीरियड में प्रेगनेंसी हो सकती है। परन्तु इस दौरान महिला के गर्भाशय का मुँह खुला होता है।
ओवुलेशन के कितने दिन बाद आप गर्भवती हो सकती हैं ( how many days after ovulation can you get pregnant in hindi )
लेकिन इसके साथ मासिक रक्तस्राव भी होता है। जिसके कारण सम्बन्ध बनाने के दौरान, पुरुष द्वारा महिला की योनि में डाला गया वीर्य ब्लीडिंग के साथ बाहर आ सकता है। इसलिए पीरियड के दौरान महिलाओं के गर्भवती होने की गुंजाइस, ओवुलेशन की तुलना में बहुत कम होती है। इसी कारण बच्चा चाहने वाली महिलाओं को जान्ने की आवश्यकता पड़ती है कि पीरियड के कितने दिन बाद ओवुलेशन होता है?
जबकि ओवुलेशन के दौरान बच्चेदानी का मुँह खुला होता है। किन्तु किसी तरह का कोई रक्तस्राव नहीं होता। इसलिए महिला को गर्भ धारण करने का सबसे आदर्श समय, उसका ओवुलेशन होता है। जिसके दौरान सम्बन्ध बनाने पर महिला के गर्भवती होने की सबसे अधिक संभावना पाई जाती है। जो अमूमन महिलाओं की ब्लीडिंग बंद होने के एक हफ्ते बाद का समय होता है। परन्तु अधिकतर महिलाए ओवुलेशन की गणना करना नहीं जानती। जिससे इनके मन में सवाल बना रहता है कि आखिर पीरियड के कितने दिन बाद ओवुलेशन होता है?
लेकिन कई बार प्रेगनेंसी के उपयुक्त समय पर, सम्भोग करने पर भी गर्भ नहीं ठहरता। जिसके निम्नलिखित कारण हो सकते है –
- ओवुलेशन का अनुमान करने में भूल होना
- महिला का ओव्युलेट ( अण्डोत्सर्ग ) न करना
- महिला को गर्भ सम्बन्धी रोग होना
- पुरुष वीर्य में शुक्राणुओ की गतिशीलता और संख्या में कमी होना
एक बार महिला के गर्भवती होने के बाद, प्रसव के उपरांत अथवा गर्भपात होने के बाद ही गर्भवती होती है। महिला में गर्भ के रुके रहने पर, गर्भाशय का मुँह बंद हो जाता है। तब जाकर गर्भ में पल रहे शिशु का विकास होता है।
उपसंहार :
महिलाओं में गर्भ धारण करने का सबसे सही समय ओवुलेशन का होता है। जिसको ज्यादातर महिलाए नहीं जान पाती। जिससे कई बार सब कुछ सही होने पर भी गर्भ धारण करने में, उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी महिलाओं को यह जानना आवश्यक है कि पीरियड के कितने दिन बाद ओवुलेशन होता है?
परन्तु माहवारी के दौरान सम्बन्ध बनने पर भी महिला गर्भ धारण कर सकती है। हालाकिं की पीरियड में महिलाओं के गर्भवती होने की संभावना बहुत कम पायी जाती है। इस प्रकार महिलाए अपने मासिक धर्म के पहले और तीसरे चरण में गर्भ धारण कर सकती है। परन्तु पहले चरण में गर्भ धारण की हुई महिला का गर्भ टिकाऊ नहीं होता। इसलिए भी यह समझना जरूरी है कि पीरियड के कितने दिन बाद ओवुलेशन होता है?
हालाकिं महिलाओं के पीरियड में जितने दिन ब्लीडिंग होती है। लगभग उतने ही दिन वो ओव्युलेट भी करती है। इस कारण जो महिलाए गर्भवती नहीं होना चाहती। उन्हें अपने ओवुलेशन के दिनों में सम्बन्ध बनाने से परहेज करना चाहिए। लेकिन इसमें सबसे बड़ी कठिनाई यह है कि ओवुलेशन का आकलन करना थोड़ा कठिन है। इसलिए इनके दिमाग में समस्या बनी रहती है कि ओवुलेशन पीरियड के कितने दिन बाद होता है?
सन्दर्भ :
भाव प्रकाश – गर्भ प्रकरण
FAQ
अंडोत्सर्ग किसे कहते है?
महिला के अंडाशय ( ओवरी ) से जब अंडे परिपक्व होकर निकलने लगते है। उसी को महिला का अण्डोत्सर्ग कहा जाता है। जिसके दौरान महिलाए आसानी से गर्भ धारण कर लेती है।
अंडोत्सर्ग कब होता है?
महिलाए मासिक धर्म के तीसरे चरण में अंडोत्सर्जन किया करती है। जिसे ओवुलेशन के नाम से भी जाना जाता है।
माहवारी के कितने दिन बाद अंडा बनता है?
महिलाओं में माहवारी आने के साथ ही अंडाशय में अंडे बनने शुरू हो जाते है। जिनको परिपक्व होने में लगभग दो सप्ताह भर का समय लग सकता है। जो परिपक्व होकर तीसरे सप्ताह में ओवुलेशन के दौरान निकलते है।
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