आजकल की लडकियां शादी होते ही बच्चे नहीं चाहती। वह कुछ समय वह अपने और अपने पति के साथ बिताना पसंद करती है। जिसमे वे एकांत, शांत और हरियाली वादियों में घूमना टहलना चाहती है। जिससे उसका उसके पति से, न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रिश्ता भी मजबूत हो सके। लेकिन यह खूबसूरत पल इतने जल्दी निकल जाते है कि हमें पता भी नहीं चलता। जिसके बाद बारी आती है, रिश्ते को नयी पहचान देने की। किन्तु उन्हें नहीं मालूम होता कि प्रेग्नेंट होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए?
हालाकिं शादी के शुरुआती दिनों में पति – पत्नी के बीच, बाद के दिनों की अपेक्षा अधिक बार संबंध बनता है। फिर भी बहुत सी लड़किया प्रेग्नेंट नहीं होती। जिसकी मुख्य वजह विवाहित लड़कियां प्रेग्नेंट कैसे हो सकती है, इन्हे नहीं मालूम होता। लेकिन आमतौर पर शादी के वर्ष जैसे – बीतते है। वैसे – वैसे बच्चे की लालसा, इनमे बढ़ने लगती है। इसलिए मन ही मन प्रेग्नेंट कैसे होते हैं की बात, इनके मन में आने लगती है। लेकिन लाज के मारे किसी से कुछ कह नहीं पाती।
नई – नई व्याही लड़कियां प्रेग्नेंट कब हो सकती है? यह भी नहीं जानती। जिससे यह अपने पति से नियमित रूप से संबंध बनाते रहने पर भी प्रेग्नेंट नहीं होती। क्योकि इनको नहीं पता होता कि प्रेग्नेंट होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए। जिसके कारण पूरी कोशिश करने पर भी, नवविवाहित महिलाए अक्सर प्रेग्नेंट नहीं हो पाती। जिससे इनके मन में प्रेग्नेंट कितने दिन में होते हैं की बात आने लगती है।
महिला स्वभाव वश प्रेम संबंध जीवन भर चाहती है। जिसका शारीरिक संबंध महत्वपूर्ण पहलू है। जिसके बिना अपने पति को अनुकूल करना अत्यंत कठिन है। लेकिन एक बच्चे से दुसरे बच्चे में, कुछ वर्षों का अंतर रखना भी जरूरी है। ताकि महिला और बच्चा दोनों स्वस्थ बने रहें।
महिलाओं को प्रेग्नेंट होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए ( when to have intercourse to get pregnant in hindi )
किन्तु पति – पत्नी में संबंध बनते रहने पर, महिला में प्रेग्नेंट होने के लक्षण पाए जाने की संभावना बनी रहती है। जिसको दूर करने के लिए प्रेग्नेंट न होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए को जानना आवश्यक है। जिसको बहुत से लोग नहीं जानते है। जिसके कारण यह गर्भनिरोध उपायों को अपनाते है। जो काफी हद तक अनचाही प्रेगनेंसी से बचाव करते है। लेकिन किसी – किसी को इनके दुष्परिणामों से दो चार होना पड़ सकता है।
महिला का विवाह होते ही उसके कन्धों पर, जिम्मेदारियों का बोझ आ जाता है। जिसमे तालमेल साधने पर ही, पति और पत्नी के रिश्तों में दरार नहीं होती। जिसमे यौन सम्बन्धो का सर्वाधिक योगदान होता है। इसलिए महिला के शारीरिक रिश्ते पर, उसका व्यवहारिक रिश्ता चलता है। लेकिन एक समय ऐसा आ जाता हैं, जब विवाहित जोड़े से बच्चे की आस परिवार के लोगों में जाग उठती है। जिससे महिला को प्रेग्नेंट होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए को जानने के आवश्यकता पड़ती है।
महिला और पुरुष के बीच अनबन, प्रेम संबंधों की प्रगाढ़ता में कमी आने पर देखा जाता है। जिसको पूरा करने के लिए परिवार में, बच्चे का जन्म लेना आवश्यक हो जाता है। किन्तु इसमें सबसे बड़ी रुकावट महिला की ओर से होती है। जो उन्हें प्राकृतिक रूप से प्राप्त है। जिसको बदलना नामुमकिन है।
महिलाए आमतौर पर अपने पीरियड के बाद गर्भ धारण करती है। जो उसके पीरियड के बीच का समय होता है। यह हर महिला में कुछ दिन का ही पाया जाता है। इसलिए गर्भधारण करने वाली महिलाओं को, यह जानने की आवश्यकता पड़ती हैं कि पीरियड के कितने दिन पहले प्रेग्नेंट हो सकते हैं? जबकि वयस्क पुरुष में माह के तीसों दिन महिला को प्रेग्नेंट कराने की क्षमता होती है।
अपने उपजाऊ दिनों को कैसे जानें ( how to know your fertile days in hindi )
इसलिए महिलाओं को विशेषतौर पर, अपने उपजाऊ दिनों को पहचानने की आवश्यकता पड़ती है। ताकि उनको यह पता चल सके कि महिला प्रेग्नेंट कब नहीं होती है और कब होती है। इस कारण महिला को प्रेग्नेंट होने के लिए अपने पति से शारीरिक संबंध बनाना पर्याप्त नहीं। बल्कि अपने उपजाऊ समय के दौरान संबंध बनाने से महिला का गर्भ ठहरता है।
हर महिला का मासिक चक्र अलग – अलग समय का होता है। जो आमतौर पर 24 – 35 दिनों का हो सकता है। जिसके कारण किसी का उपजाऊ समय पहले, तो किसी का बाद में होता है। लेकिन हर महिला में यह समय पीरियड की ब्लीडिंग खत्म होने के बाद आता है। जिससे इनमे प्रेग्नेंट होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए को लेकर शंका बनी रहती है।
फिर भी इसका पता लगाने में, महिलाओं को कठिनाई होती है। विशेषकर उन महिलाओं को जिनका मासिक चक्र नियमित समय पर नहीं आता। जिसके बहुत से कारण हो सकते है। फिर भी महिलाओं का जब फर्टाइल समय शुरू होता है, तब उनके शरीर में कुछ विशेष लक्षण पाए जाते है। जैसे –
- महिला के शरीर के ताप में वृद्धि हो जाना
- महिला की योनि से गीला स्राव निकलना
- महिलाओं की योनि द्वार में गीलापन बने रहना
- महिलाओं में रति क्रिया की विशेष इच्छा का पाया जाना
- सिर में दर्द और थकान होना, आदि।
जिनके आधार पर महिलाओ के प्रेग्नेंट होने के अनुकूल दिनों का पता लगाया जा सकता है। जिसमे संबंध बनाकर, महिलाओं के प्रेग्नेंट होने की संभावना कई गुनी बढ़ाई जा सकती है। फिर भी इसमें भूल होने की संभावना बनी रहती है। जिससे महिला के अंदर प्रेग्नेंट होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए को लेकर आशंका बनी रह सकती है।
अपने उपजाऊ दिनों की गणना कैसे करें ( how to calculate your fertile days in hindi )
अब प्रेग्नेंट होने के लिए कब संबंध बनाना चाहिए जानने के बाद, इसकी गणना करने की आवश्यकता पड़ती है। जो मुख्य रूप से महिला को होने वाली मासिक चक्र की अवधि पर निर्भर करती है। जिसको when to have intercourse to get pregnant calculator भी कहा जाता है।
महिला का सबसे उपजाऊ समय, उसका ओव्यूलेशन होता है। जो उसके मासिक चक्र के बीच में आता है। लेकिन हर महिला के पीरियड आने, बने रहने और जाने का समय अलग हो सकता है। इस कारण हर महिला का ओवुलेसम समय भी अलग हो सकता है। जो लगभग तीन से सात दिन का हो सकता है। जोकि हर महिला में अलग – अलग भी हो सकता है।
इसकी गणना करने के लिए कैलेण्डर मेथर्ड का उपयोग, आमतौर पर महिलाए करती है। जिसमे उनको जिस दिन पीरियड आता है। उस दिनांक पर निशान लगा देती है। जिससे इनको अपने ओवुलेशन का ठीक – ठीक पता लगाने में आसानी होती है। जिसके लिए आजकल ओवुलेशन टेस्ट किट भी इस्तेमाल होने लगी है।
यदि किसी महिला का मासिक चक्र 4 सप्ताह का है, तो उसका पीरियड शुरू होने के दुसरे सप्ताह में ओवुलेशन की संभावना पायी जाती है। क्योकि जैसे ही महिला का पीरियड शुरू होता है। वैसे ही महिलाओं की ओवरियों में फॉलिकल बनने लगते है। जिसके दौरान महिला का गर्भाशय खुला रहने से ब्लीडिंग होती रहती है। इसलिए पीरियड में प्रेगनेंसी हो सकती है। जोकि महिला के पीरियड का पहला हफ्ता होता है।
जिसके बंद होने पर यह फॉलिकल विकसित होकर, ओवम ( रज ) बनाते है। जो पुरुष शुक्राणुओ से फर्टीलाइज्ड होता है। जोकि महिला का दूसरा सप्ताह होता है। यह लगभग सक सप्ताह का हो सकता है। जिसके बीतते ही गर्भाशय का मुँह बंद हो जाता है। जिसके बाद महिलाओं में संबंध बनाने पर, गर्भ के रुकने की संभावना समाप्त हो जाती है।
महिला को प्रेग्नेंट न होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए ( best time to have intercourse without getting pregnant in hindi )
यदि सब कुछ सही रहा तो यह भ्रूण के रूप में विकसित होता है। नहीं तो गर्भाशय की दीवारे मोटी हो जाती है। जो नया मासिक आने पर, रक्त स्राव के रूप में बाहर निकल जाती है। लेकिन यदि गर्भ रुका है, तो इसका पता लगने में लगभग एक सप्ताह का समय लग जाता है।
इस तरह माहवारी के तीसरे और चौथे सप्ताह में, महिला गर्भाशय का मुँह बंद हो जाता है। जिसमे संबंध बनाने से महिला के प्रेग्नेंट होने की संभावना बहुत कम पायी जाती है। जिसको जानने के लिए प्रेग्नेंट न होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए की बात पूछी जाती है।
जबकि वास्तव में प्रेग्नेंट होने के लिए कब संबंध बनाना चाहिए का पता लगा पाना बहुत कठिन है। इसके लिए pregnant hone ke liye kab sambandh banana chahiye जानने से अच्छा है। पीरियड समाप्त होने के बाद लगभग दो सप्ताह तक, हर दुसरे दिन पति – पत्नी आपस में संबंध बनाये।
ऐसा करके कोई भी महिला आसानी से कम समय में, गर्भ धारण कर सकती है। लेकिन वे महिलाए गर्भ धारण नहीं कर पाती। जिनमे ओवुलेशन नहीं होता। जिससे परेशान होकर प्रेग्नेंट होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए की बात करने लगती है। हालाकिं बहुत कम महिलाओं में यह समस्या देखने को मिलती है।
उपसंहार :
प्रेग्नेंट होने की चाह रखने वाली जो महिलाए, बार – बार महीनों तक संबंध बनाने के बाद भी प्रेग्नेंट नहीं हो पाती। वह प्रेग्नेंट होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए की बात करती है। असल में कुछ जोड़े प्रेग्नेंट होने के लिए संबंध को जरूरी मानते है। लेकिन वास्तव में महिला को प्रेग्नेंट होने के लिए, सही समय पर संबंध बनाने की आवश्यकता पड़ती है।
जो उनके मासिक चक्र के मध्य में, लगभग तीन से छ दिन का ही होता है। जिसे उस महिला का उपजाऊ या फर्टाइल समय कहा जाता है। जिसमे या इसके आसपास संबंध बनाने पर ही, महिला में गर्भ रुकने की संभावना पायी जाती है। लेकिन जिन महिलाओं में ओवुलेशन नहीं होता। उनके लगातार वर्षों संबंध बनाते रहने पर भी गर्भ धारण की संभावना नहीं पायी जाती।
जबकि कुछ स्त्रियाँ ऐसी भी होती है। जिनमे पीरियड न होने पर भी ओवुलेशन होता है। हालाकिं ऐसे मामले बहुत ही कम होते है। जिसको प्रेग्नेंट होने के लिए सही समय का पता लगा पाना कठिन होता है। इसलिए ऐसे मामलों में कुछ महीनों तक, हर दुसरे दिन संबंध बनाते रहने पर सफलता मिल सकती है।
सन्दर्भ :
भाव प्रकाश – गर्भ प्रकरण
चरक संहिता शरीर अध्याय – 08
सुश्रुत संहिता शरीर अध्याय – 10
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