गेहू के आटे को पानी के साथ गूथने पर, खिंचाव पैदा करता है। जो गेहू के आटे से बने सह उत्पादों में भी देखने को मिलता है। आखिर किस कारण से गेहू के आटे में ऐसा होता है। इसको समझने के लिए यह जानना आवश्यक है कि ग्लूटेन क्या है?
गेहू के आटे में पाया जाने वाला चिपचिपा पदार्थ, एक प्रकार की प्रोटीन है। जिसे ग्लूटेन कहा जाता है। जो पश्चिमो देशो में खूब जाना जाता है। क्योकि इन देशों में अनाज के रूप में गेहू को उपजाया और खाया जाता है। जिसके कारण इन्हे ग्लूटेन के नुकसान भी झेलने पड़ते है।
लेकिन पूर्वी देशों में लोग इसे प्रायः नहीं जानते। क्योकि भारत में लोग गेहू के साथ अन्य अनाजों की भी रोटियों का सेवन करते है। परन्तु ज्यादातर मामलों में गेहू की रोटी का सेवन करते है। जिससे इन्हे कुछ समस्याए भी होती है। जिसका पता उन्हें तब चलता है, जब इन्हे गेहू की रोटी खाने से रोका जाता है।
ग्लूटेन एक तरह का प्रोटीन है। जो गेहू और इसे जैसे अन्य अनाजों में पाया जाता है। जिसका सेवन करने कुछ लोगों को ग्लूटेन एलर्जी ( gluten allergy ) का सामना करना पड़ता है। जिसमे सबसे बड़ी समस्या इसको पचाने में आती है। जो छोटी आंत पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव डालती है।
जबकि कुछ लोगो में इसका कोई प्रभाव नहीं होता। हालाकिं अब धीरे – धीरे लोगो में ग्लूटेन असहनशीलता ( gluten sensitivity ) बढ़ने लगी है। जिससे लोगों की बीमारिया ठीक होने का नाम नहीं ले रही। जिसके बढ़ने के आसार भविष्य में भी बने हुए है।
ग्लूटेन क्या है ( what is gluten in hindi )
ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है। जो मुख्य रूप से गेहू और इससे बनने वाले उत्पादों में पायी जाती है। यह एक तरह का लिसलिसा पदार्थ है। जो खाद्य पदार्थ को आपस में बांधकर रखता है। जिससे यह खाद्य पदार्थ को आकार देने में सहायक होता है।
गेहू के आटे में पाया जाने वाला ग्लूटेन, आटे में लचीलापन लाता है। जिससे ब्रेड, पास्ता आदि बनाने में मदद मिलती है। जिसमे स्वाद तो होता है। लेकिन हमारी आँतों हो हानि पहुंचाता है। जिससे बचने का एक ही उपाय है। ग्लूटेन युक्त अनाज के स्थान पर ग्लूटेन मुक्त अनाज का सेवन करना।
ग्लूटेन किसमें पाया जाता है
ग्लूटेन नामक प्रोटीन निम्नलिखित खाद्य पदार्थों में पाया जाता है –
- गेहू
- जौ
गेहू की रोटी का सेवन तो हम सभी करते है। जिससे उन लोगो को समस्या का सामना करना पड़ता है। जिनमे वंशानुगत रूप से ग्लूटेन असहिष्णुता ( gluten intolerance ) पायी जाती है।
वही कुछ लोग ग्लूटेन के प्रति तीव्र प्रतिक्रया शील होते है। जिसके कारण ग्लूटेन के पाचन में इन्हे समस्या जल्दी समझ में आने लगती है। लेकिन जो लोग ग्लूटेन के प्रति कम क्रिया शील होते है। उनमे में ग्लूटेन के नुकसान दिखाई पड़ते है। किन्तु कुछ देरी से।
हालाकिं भारत में जौ की रोटी भी खाई जाती है। लेकिन केवल जौ के आटे की नहीं, बल्कि थोड़ी मात्रा में चना अथवा मटर के आटे के साथ। जिससे ग्लूटेन की प्रतिक्रया हमारी आँतों पर, उतना प्रभाव नहीं डाल पाती जितना कि गेहू का आटा। गेहू में पाया जाने वाला ग्लूटेन उतना ही हानिकारक है, जितना कि गेहूं का ग्लाइसेमिक इंडेक्स घातक है।
क्या आपके लिए ग्लूटेन हानिकारक है ( is gluten bad for you in hindi )
खाद्य पदार्थों को विभिन्न प्रकार के आकर्षक आकार देने में, ग्लूटेन के फायदे है। लेकिन इनको खाना खतरे से खाली नहीं। विशेषकर उन लोगों के लिए, जिनमे ग्लूटेन की एलर्जी पायी जाती है। जो खान पान में बदलाव न लाने पर, पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती रहती है।
सीलिएक रोग ( Celiac disease ) एक सूजन सम्बन्धी ऑटो इम्युन डिसआर्डर है। जिसमे ग्लूटेन की मौजूदगी में प्रति रक्षा प्रणाली छोटी आंत को नुकसान पहुंचाता है। इस रोग में छोटी आंत की अंदरूनी परत को नुकसान होता है। जिससे भोज्य पदार्थ से पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा आती है। इससे प्रभावित व्यक्ति को साबुत आनाज पचाने में दिक्कत होती है। जिससे इनका सेवन करने पर, इन्हे एलर्जी होती है। इसलिए ऐसे लोगों के लिए ग्लूटेन का सेवन करना हानिकारक है।
ग्लूटेन मुक्त अनाज सभी के लिए उपयोगी है। फिर चाहे वह सीलिएक रोग से पीड़ित हो अथवा न हो। क्योकि इसको पचाने में उतनी कठिनाई भी नहीं होती। इसके साथ आँतों की दीवारों पर किसी तरह की कोई हानि भी नही होती।
ग्लूटेन एलर्जी के लक्षण ( gluten allergy symptoms in hindi )
जिसको दूर करने के लिए आहार विशेषज्ञ ग्लूटेन फ्री डाइट लेने की सलाह देते है। सीलिएक रोग में निम्नलिखित ग्लूटेन असहिष्णुता के लक्षण ( gluten intolerance symptoms ) पाए जाते है।
- पेट में दर्द होना
- सूजन होना
- पेट में गैस बना और कब्ज रहना
- दस्त होना
- खून की कमी होना
- सर में दर्द होना
- थकान होना
- त्वचा में लाल रंग के चकत्ते होना
- वजन घटना
- जोड़ों में दर्द होना
- अवसाद अथवा चिंता बनी रहना, आदि।
ग्लूटेन के नुकसान ( gluten side effects in hindi )
ग्लूटेन खाना हानिकारक होने के 10 कारण निम्नलिखित है –
- ग्लूटेन सेंसिटिविटी : इसके दौरान सूजन, दस्त, सिर दर्द और त्वचा पर चकत्ते निकलते है। हालाकिं यह पचने में खराब कार्बोहाइड्रेट की प्रतिक्रया भी हो सकती है। जिन्हे FOBMAPS कहा जाता है। जो आँतों में अक्सर गंदगी जमकर किण्वित होने के कारण होता है। जिसमे अक्सर गेहू और इससे बने हुए उत्पाद होते है।
- एनीमिया : जिसको खून की कमी से भी जाना जाता है। जिसमे मतली, चक्कर, कमजोरी और थकान जैसी समस्याए बनी रहती है। जिसके बढ़ने पर अवसाद या चिंता होने लग जाती है।
- ऑस्ट्रियोपोरोसिस : वाट बढ़ने से हड्डियों की कमजोरी से होने वाला रोग है। जिसमे जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या होने लगती है।
- फाइबर की कमी होने से पाचन समस्या होती है। जिससे छोटी आते प्रभावी रूप से काम करने में अक्षम हो जाती है। जिसके कारण अपचित ग्लूटेन, बैक्टीरिया आदि रक्त में मिल जाते है। जिससे पेट में तेज दर्द, गैस और कब्ज होने की समस्या होती है।
- वजन का बढ़ना या घटता : पाचन अव्यवस्थाओं के कारण वजन बढ़ने और घटने की समस्या हो सकती है।
- ह्रदय रोगो होने की संभावना बढ़ जाती है : वाट दोषो के प्रभाव से ह्रदय सम्बन्धी रोगो के होने की संभावना बनी रहती है।
- मधुमेह होने का खतरा : लम्बे समय तक ग्लूटेन का इस्तेमाल करने से इन्सुलिन प्रोडक्शन घट जाता है। जिससे टाइप – 2 डायबटीज होने की संभावना बढ़ जाती है। का कम हो
- पेट का कैंसर : छोटी आँतों में मल के इकठ्ठा होने से आँतों में वेग नहीं आता। जिससे आँतों के कैंसर और गुदा रोगो के होने की संभावना बनी रहती है।
- बांझपन की समस्या, आदि।
उपसंहार :
ग्लूटेन गेहू आदि में पायी जाने वाली हानिकारक प्रोटीन है। जो छोटी आंत पर बुरा प्रभाव डालती है। जिसके कारण भोजन को पचाने में कठिनाई होने लगती है। फलस्वरूप शरीर पर वात दोष का प्रकोप बढ़ जाता है। यह ग्लूटेन के नुकसान है। जिसको ग्लूटेन एलर्जी के लक्षण से जाना जाता है। इसलिए इसकी हानियों से बचने के लिए जानना आवश्यक है कि ग्लूटेन क्या है और किसमें पाया जाता है?
आमतौर पर ग्लूटेन गेहू और इससे बनने वाले सह उत्पादों में पाया जाता है। फिर चाहे वह ब्रेड हो या कुछ और। हालाकिं आजकल प्रसंस्करण के द्वारा, ग्लूटेन को अलग कर लिया जाता है। जिसके कारण गैर ग्लूटेन वाली खाद्य वस्तुओ के दाम बढ़ जाते है। लेकिन स्वस्थ रहने के लिए ग्लूटेन फ्री आहार लेना आवश्यक है।
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