ग्लाइसेमिक इंडेक्स एक सूचकांक है। जिसे जीआई सूचकांक के नाम से भी जाना जाता है। जो हमें हमारे खून में शर्करा के मिलने की दर ( अनुपात ) को बतलाता है। जो किसी भी खाद्य पदार्थ में पाए जाने वाले, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर के अनुपात से पता चलता है। इसलिए तकनीकी रूप से ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्या है को जानना और भी जरूरी हो जाता है। जिससे हम मधुमेह, मोटापा आदि रोगो से अपना बचाव कर सके।
ज्यादातर लोग आज भी जीआई से अनभिज्ञ है। इस कारण इन पर कोई ध्यान ही नहीं देता। जिससे हम नियमित रूप से अधिक जीआई वाला भोजन खाते रहते है। प्रायः अधिक जीआई वाला भोजन खाने में बहुत मीठा होता है। जो अधिकांशतः लोगो को पसंद होता है। इस कारण इसकी खपत भी अधिक होती है। किन्तु यह भीतर से धीरे – धीरे हमारे शरीर को खोखला करता रहता है। जिससे हमे भीषण और गंभीर रोग होने की आशंका बढ़ जाती है। जैसे अधिक वसा का सेवन करने पर होता है।
बीमारियों से बचे रहने के लिए ग्लाइसेमिक इंडेक्स किसे कहते हैं को जानना और समझना जरूरी है। जिससे समय रहते हम अपने शरीर को रोगी होने से बचा सके। जिसके लिए ग्लाइसेमिक इंडेक्स परिभाषा आदि को जानने की अपेक्षा होती है। क्योकि उच्च ग्लिसेमिक इंडेक्स से हमें बीमारिया लगने का खतरा सबसे अधिक होता है। जबकि न्यूनतम जीआई ( GI ) वाला भोजन, हमें आजीवन स्वस्थ रखने में बहुत हद तक मदद करता है। इसलिए कम जीआई वाला भोजन मधुमेह रोगियों के लिए सबसे अच्छा माना गया है।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्या है ( what is glycemic index in hindi )
जीआई ( गलाईकेमिक सूचकांक ) एक प्रकार का मापक है। जो हमें यह बताता है कि जो हम खाने जा रहे है। उसका हमारे शरीर में पाए जाने वाले खून पर क्या असर पडेगा। जिसका मुख्य कारण पाचन के उपरान्त शर्करा ही ऊर्जा का स्रोत है। जो हमें हमारे भोजन से कार्बोहाइड्रेट, वसा ( लिपिड ), फैटी एसिड और ओमेगा 3 और 6 से प्राप्त होती है। इस प्रकार हमारे भोजन से प्राप्त होने वाली शर्करा, हमारे खून द्वारा सोखी जाती है। जिसमे अधिकांश भाग कार्ब्स का होता है। जो सिंपल और काम्प्लेक्स नामक दो प्रकार के होते है।
सिंपल कार्ब्स पचकर बहुत तेजी से खून में मिल जाते है। जिनसे ब्लड शुगर ( रक्त शर्करा ) के बढ़ने का खतरा रहता है। इसलिए लोगो को इनसे परहेज करने की सलाह दी जाती है। लेकिन अपेक्षाकृत कॉम्प्लेक्स कार्ब्स सौम्यता से शरीर में खून में घुलते है। जिसके कारन इनके सेवन को कुछ अच्छा माना जाता है। लेकिन अधिक मात्रा में सेवन किया गया कार्बोहाइड्रेट सभी के लिए नुक्सान दायक ही होता है।
कार्ब्स की शर्करा को खून में मिलने की प्रक्रिया के समय को मापने का एक तरीका निकाला गया। जिसे जीआई सूचकांक के नाम से जाना जाता है। जो पदार्थ में पाए जाने वाले कार्ब्स और फाइबर का अनुपात है। जो हमें यह बताता है कि कोई भी खाद्य पदार्थ कितनी तेजी से ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाता है। जिसमे ग्लूकोज को सबसे अधिक 100 अंक दिया गया है। जिससे तुलनाकर बाकी बचे हुए पदार्थों का मापदंड निकाला जाता है।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स के प्रकार
जीआई और शर्करा का बहुत गहरा ताल्लुक है। जिसके कारण इनको समझना थोड़ा कठिन है। क्योकि एक ओर अधिक दौड़भाग, मेहनत मजदूरी करने वाले लोगो के लिए अधिक जीआई वाला खाना उपयोगी है। जबकि एक जगह बैठे रहने वाले और दफ्तरों में काम करने वाले लोगों के लिए अच्छा नहीं माना जाता। जिसका मुख्य कारण परिश्रम है। जो अधिक होने पर अधिकाधिक शर्करा का भी पाचन कर देती है। जबकि इसके अभाव में हमारे शरीर के भीतर संचित होती रहती है।
जबकि न्यून जीआई वाला भोजन नौकरी और व्यापारियो के लिए गुणकारी है। क्यकि इनको ज्यादा मेहनत नहीं करनी होती। यदि इसको दुसरे रूप में देखे तो बच्चे उच्च जीआई वाला भोजन अधिक पसंद आता है। जबकि बूढ़ों को कम जीआई वाला भोजन स्वाभाविक रूप से पसंद आता है। लेकिन आज बाजारों में सभी के लिए एक हे तरह का भोजन मिलता है। जिससे दोनों ही एक ही प्रकार का भोजन खाना पड़ता है। जिसको समझने के लिए जीआई के तीन प्रभेद किये गए है।
तीव्र जीआई : 70 या उससे अधिक अंक पाने वाले पदार्थ तीव्र जीआई माने जाते है।
मध्यम जीआई : 56 – 69 अंक पाने वाले मध्यम कहे जाते है।
निम्न जीआई : 50 या इससे नीचे अंक पाने वाले निम्न जीआई माने जाते है।
उच्च या हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड लिस्ट
स्वाद में मीठे जितने भी खाद्य पदार्थ है। उनमे से ज्यादातर इसी श्रेणी में आते है। जैसे –
- कृत्रिम चीनी
- गन्ना
- शकरकंद
- बिस्किट
- केक
- पेस्टी
- गेहू
- चावल
- दूध
- मेवें
- मांस
- अंडे, आदि।
निम्न या लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड लिस्ट
- हरी पत्तेदार सब्जिया
- सभी तरह के फल
- दालें
- बीज के भीतर पाए जाने वाले कार्ब्स, आदि।
उपसंहार :
ग्लाइसेमिक इंडेक्स रक्त शर्करा पर आपके भोजन के प्रभाव को समझने की कुंजी है। इसलिए ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्या है को समझना आवश्यक है। जिसे आजकल जीआई के नाम से भी जाता है। हालाकिं कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला खाद्य पदार्थ अधिक जीआई खाद्य पदार्थो से सदैव अच्छे रहे है। जिसका सीधा सा मतलब है अधिक शर्करा ( चीनी ) वाला भोज हमारे किसी का काम का नहीं है। फिर चाहे वह कितना भी स्वादिष्ट, सुगन्धित और देखने में आकर्षक क्यों न हो?
हम अपने शरीर की ऊर्जा खपत को पूरा करने के लिए फल, सब्जियों, अन्न, तेल और घी आदि का इस्तेमाल करते है। जिसमे ज्यादातर कार्बोहाइड्रेट एवं वसा ही पाए जाते है। जिनका पाचन होने पर टूटने से ग्लूकोज, सुक्रोज और फ्रक्टोज नामक तीन शर्कराए पायी जाती है। जिनको सीधे हमारे खून में जाकर मिलना होता है। फिर चाहे वह कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली हो अधिक। लेकिन हमारे शरीर को स्वस्थ और चलायमान रखने के लिए 5 लीटर खून में केवल 5 ग्राम प्रति घंटे शर्करा की ही आवश्यकता पड़ती है।
परन्तु जब हम 70 से अधिक ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन करते है। तब शर्करा की अधिकाँश मात्रा हमारे खून में मिल जाती है। जिससे हमारा खून गाढ़ा हो जाता है। जिससे ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा को अपने साथ नहीं ले जा पाता। जिससे खून में गंदगी जमा होने लगती है, और उससे हम बीमार पड़ जाते है। इसलिए भोजन के रूप में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ ही, नियमित खाये जाने योग्य है। फिर चाहे वह दिखने में कम आकर्षक और स्वाद वाले क्यों न हो?
ध्यान रहे : स्वास्थ्य विभिन्न प्रकार के खाद्य आहारों के मिश्रण का परिणाम है। जिसमे कुछ उच्च और कुछ न्यून जीआई वाली होती है। इसलिए भोजन में औसत जीआई का बने रहना आवश्यक है।
सन्दर्भ :
ग्लोरिया ऐस्क्यू और जेर पैकुएट द्वारा लिखी सप्लीमेंट्स की कुछ सच्चाईया
2 thoughts on “ग्लाइसेमिक इंडेक्स : आपकी रक्त शर्करा पर आपके भोजन के प्रभाव को समझने की कुंजी”