आमतौर पर नव विवाहिताएँ प्रेग्नेंट होने से बचती है। लेकिन शादी के एक दो वर्ष बीतते ही, उन्हें माँ बनने की कमी का एहसास सताने लगता है। जिसके लिए वह अपने पति को भी तैयार कर लेती है, अर्थात बच्चे की चाह में सम्बन्ध बनाती है। फिर भी कुछ महिलाओ को प्रेगनेंसी नहीं होती। जिससे थक हारकर उनके दिमाग में, प्रेग्नेंट होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए की बात चलने लगती है।
जबकि महिला को प्रेग्नेंट होने के लिए, उसके मासिक धर्म के कुछ खास दिन होते है। जिसे फर्टाइल विंडो या ओवुलेशन के नाम से जाना जाता है। इसलिए जो महिलाए प्रेग्नेंट होना चाहती है। उन्हें यह पता होना जरूरी है कि पीरियड के कितने दिन पहले ओवुलेशन होता है?
इस दौरान महिला गर्भ धारण के लिए सबसे उपजाऊ होती है। जो अक्सर माहवारी के बीच का समय होता है। यह महिलाओं में हर माह होने वाली माहवारी के दिनों की संख्या पर निर्भर करती है। जिसके कारण हर महिला में इसका समय अलग – अलग होता है। इस कारण महिलाओं को इसकी पहचान करने में गलती हो जाती है। जिससे यह मन ही मन सोच में डूबी रहती है कि पीरियड के कितने दिन बाद बच्चा ठहरता है?
परन्तु जिन महिलाओं का मासिक चक्र अनियमित होता है। उन महिलाओं का ओवुलेशन भी अनियमित हो जाता है। जिससे अनियमित पीरियड में प्रेगनेंसी होने की संभावना कम ही पायी जाती है। वही ऐसे दम्पति जिन्हे बच्चा नहीं चाहिए, वो गर्भ ठहरने के डर से सम्बन्ध का भरपूर आनंद नहीं ले पाते। इन दोनों ही परिस्थियों में यह जानना आवश्यक है कि पीरियड के कितने दिन पहले प्रेग्नेंट हो सकते हैं?
पीरियड के कितने दिन पहले ओवुलेशन होता है ( period ke kitne din pahle ovulation hota hai )
सामान्य और स्वस्थ महिला का मासिक धर्म चक्र, लगभग चार सप्ताह का होता है। जो हर चार सप्ताह बाद पुनरावृत्ति करता है। जिसके दौरान महिलाओं के गर्भाशय में, बहुत से बदलाव देखने को मिलते है। जिसके लिए महिला के हार्मोन्स जिम्मेदार है। लेकिन यदि किसी कारण वश, इसमें गड़बड़ी हो जाती है। तब महिला की माहवारी के दिनों में घटाव या चढाव देखने को मिल सकता है। जिससे इनके लिए अनुमान लगाना कठिन हो जाता है कि पीरियड के कितने दिन बाद सम्बन्ध बनाना चाहिए।
जिसके कारण पीरियड के बीच में आने वाला ओवुलेशन भी प्रभावित होता है। इस कारण एक महिला से दूसरी महिला के ओवुलेशन में अंतर देखने को मिल सकता है। जिससे इसको परखने में अक्सर सावधानी रखने पर भी भूल होने की पूरी संभावना बनी रहती है। इस कारण कुछ महिलाए आसानी से बार – बार गर्भ धारण करती है। जिससे परेशान होकर सोचने लगती है कि आखिर महिला प्रेग्नेंट कब नहीं होती है?
वही कुछ महिलाए खूब यत्न पूर्वक प्रयास करने पर भी प्रेग्नेंट नहीं होती। इस कारण उन्हें प्रेगनेंसी के उस खास पल की प्रतीक्षा होती है। किन्तु इसके लिए उन्हें खास समय ( ओव्यूलेशन ) पर, सम्बन्ध बनाने की अपेक्षा होती है। जिससे यह अपने ओवुलेशन को समझने में उलझी रहती है, और मन ही मन सोचती भी रहती है कि पीरियड के कितने दिन पहले ओवुलेशन होता है?
पीरियड से कितने दिन पहले ओव्यूलेशन होता है ( how many days before period is ovulesan in hindi )
आमतौर पर लोगों का यह मानना है कि प्रेग्नेंट होने के लिए, पीरियड के आठवें दिन से सम्बन्ध बनाना सही है। वही कुछ लोग महिला को गर्भवती होने के लिए, पीरियड के 10 दिन बाद सम्बन्ध बनाने की सिफारिस करते है। जो आमतोर पर उन दंपतियों के लिए लाभदायी है। जिनमे माहवारी के औसतन दिनों की संख्या 28 – 30 दिन की है।
लेकिन महिला का मासिक धर्म अनियमित होने पर, यह पीरियड के 10 दिन बाद और पहले भी हो सकता है। किन्तु जिन महिलाओं का मासिक धर्म 25 दिनों से कम होता है। उनमे पीरियड के आठवें दिन से गर्भ धारण करने की संभावना बनी रहती है। इसलिए महिलाओं में संशय बना रहता है कि पीरियड के कितने दिन पहले ओवुलेशन होता है?
सामान्यतया महिला में ओवुलेशन पीरियड के 10 दिन बाद होता है। लेकिन यदि किसी कारण से महिला के मासिक धर्म की अवधि बदलती है। तब महिलाओं का ओवुलेशन दिन बदलने की संभावना बढ़ जाती है। जो पीरियड के आठवें दिन भी शुरू हो सकती है, या इसके बाद भी हो सकती है। इसके लिए महिला को अपने पीरियड के दिनों को गिनने की आवश्यकता पड़ती है।
पीरियड के दिन कैसे गिने ( how to count period days cycle in hindi )
आमतौर पर महिलाओं को नहीं पता होता कि ओवुलेशन का पता लगाने के लिए पीरियड के दिन कैसे गिने जाते हैं? इस कारण अक्सर महिलाओ के मन में सवाल बना रहता है कि पीरियड के कितने दिन पहले ओवुलेशन होता है?
इसका समाधान तभी निकल सकता है। जब सही तरीके से पीरियड के दिनों को गिना जाय। लेकिन इसमें समस्या यह है कि हर महिला का पीरियड अलग – अलग समय पर, अलग – अलग अवधि में होता है। ऐसे में ओवुलेशन का ठीक से पता लगाना और भी कठिन हो जाता है। फिर भी महिलाओं के पीरियड में आने वाले दिनों को इस प्रकार गिना जा सकता है।
जिस दिन महिला को माहवारी में रक्तस्राव दिखाई पड़े। उसे अपने मासिक चक्र का पहला दिन समझना चाहिए। जब तक ब्लीडिंग होती रहे, तब तक सम्बन्ध बनाने से परहेज करना चाहिए। इसलिए अक्सर लोगों में संदेह बना रहता है कि पीरियड के दिन संबंध बनाना चाहिए या नहीं। हालाकिं पीरियड में प्रेगनेंसी हो सकती है।
आमतौर पर महिलाओं को तीन दिन से लेकर सप्ताह भर ब्लीडिंग होती है। जिसके लगभग एक सप्ताह बाद महिला अंडाशय से अंडे निकलने शुरू हो जाते है। जिसे महिला का ओवुलेशन पीरियड कहते है। जो लगभग तीन से सप्ताह भर का हो सकता है। यह नया पीरियड आने के लगभग 15 दिन पहले का समय होता है। जो महिला के प्रेग्नेंट होने का सबसे सुनहरा अवसर होता है।
उपसंहार :
प्रेगनेंसी से बचने और प्रेग्नेंट होने के लिए महिलाओं में कुछ विशेष दिन होते है। जिसके दौरान संबंध बनाने पर महिलाए अक्सर गर्भवती हो जाया करती है। इसलिए जो महिलाए परिवार नियोजित करना चाहती है। उन्हें इस दौरान संबंध बनाने से बचना चाहिए। क्योकि यह महिलाओं का उपजाऊ दिन ( ओवुलेशन डेज ) होता है। जो पीरियड के बीच का समय होता है। जिसके कारण इसका आसानी से पता लगाना भी कठिन है। इसलिए महिलाओ को जानना जरूरी है कि पीरियड के कितने दिन पहले ओवुलेशन होता है?
महिलाओं का ओवुलेशन हर माहवारी के साथ ही आता और जाता है। इसलिए महिलाओं को ओवुलेशन के दिनों का पता लगाने में कठिनाई होती है। जिसमे चूक होने पर अनचाही प्रेगनेंसी और गर्भ न ठहरने की समस्या होती है। इसलिए आवश्यकता है कि पीरियड के दिन कैसे गिने?
आमतौर पर महिलाओं में ओवुलेशन पीरियड आने के दो सप्ताह पहले होता है। लेकिन पीरियड की अवधि और माहवारी के दिनों में बदलाव के कारण, हर महिला में अलग – अलग भी हो सकती है। जिसको पता करने के बहुत ही सावधानी रखने की आवश्यकता है।
सन्दर्भ :
भाव प्रकाश – गर्भ प्रकरण