महिलाओं में माँ बनने की इच्छा, शादी होने के बाद ही जगती है। लेकिन कई महिलाओं को प्रेग्नेंट होने में बहुत सी समस्याए होती है। जिनमे से एक है अनियमित पीरियड में प्रेगनेंसी न होना। परन्तु आमतौर पर पीरियड में प्रेगनेंसी की संभावना बहुत कम होती है। फिर भी कुछ महिलाओं को पीरियड में प्रेगनेंसी हो सकती है।
लेकिन जो बच्चा पीरियड के दौरान रुकता है, वह अल्पायु होता है। जिसके कारण पीरियड में होने वाली प्रेगनेंसी को अच्छा नहीं माना जाता। किन्तु बहुत से लोग इन बातों को नहीं जानते। जिसके कारण पीरियड में संबंध बनाने से क्या होता है की बात करने लगते है।
हर मासिक धर्म के दौरान महिलाओ में, गर्भ धारण करने की संभावना पाई जाती है। फिर चाहे उसकी माहवारी नियमित हो या अनियमित। लेकिन आयुर्वेद पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान की वकालत करता है। जिसके कारण पीरियड के दौरान पति – पत्नी को संबंध बनाने से बचना चाहिए।
फिर बात आती है कि महिला कब प्रेग्नेंट होती है? हर महिला अपने ओव्यूलेशन ( फर्टाइल पीरियड ) के दौरान ही गर्भ धारण करती है। जिसके बीत जाने पर महिलाए प्रायः गर्भवती नहीं होती। जो अक्सर पहली बार माँ बनने का प्रयास करने वाली महिलाओ को मालूम नहीं होता। जिससे उनके मन में यह जानने की इच्छा होती है कि प्रेग्नेंट होने के लिए कब संबंध बनाना चाहिए?
परन्तु महिलाओं का पीरियड अनियमित होने पर, मासिक धर्म के दिनों की संख्या हर महीने घटती – बढ़ती रहती है। जिससे महिलाओं को गर्भ धारण करने वाले, उन उपजाऊ दिनों का पता ठीक से नहीं लग पाता। जिसके कारण उनको अनियमित पीरियड में प्रेगनेंसी हो भी सकती है, और नहीं भी।
अनियमित पीरियड में प्रेगनेंसी हो सकती है क्या
आमतौर पर मासिक धर्म जारी रहने तक ही महिला गर्भ धारण कर पाती है। जो 12 – 13 वर्ष से लेकर 40 – 45 वर्ष तक महिलाओं में देखा जाता है। परन्तु जैसे – जैसे महिला की उम्र बढ़ती है। उसके गर्भ धारण करने की संभावना कम होनी शुरू हो जाती है।
लेकिन जब महिलाओं का पीरियड अनियमित रहता है। तब महिलाओ को गर्भ धारण करने के लिए सबसे आदर्श समय का पता नहीं लग पाता। जिससे महिलाओं को दो प्रकार की परेशानी उठानी पड़ सकती है –
- बच्चा न चाहने पर भी प्रेग्नेंट हो जाना : महिलाओं में गर्भ धारण करने की संभावना उनके, मासिक धर्म के बीच पायी जाती है। जिसे ओव्यूलेशन पीरियड के नाम से जाना जाता है। जो क्यूपिक और ल्युटिल चरण के बीच पाई जाती है। लेकिन जब महिला का पीरियड्स इर्रेगुलर होता है। तब मासिक धर्म की अवधि के अनुसार, महिला के ओव्यूलेशन समय में फेरबदल हो जाता है। जिससे महिला के असुरक्षित सम्बन्ध बनाये जाने पर, गर्भवती होने की संभावना बनी रहती है। ऐसी महिलाओ के मन में अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए की बात आने लगती है।
- बच्चा चाहने पर भी प्रेग्नेंट न होना : जबकि कुछ महिलाए बार – बार प्रयास करने के बाद भी, अनियमित पीरियड में प्रेग्नेंट नहीं हो पाती। जिसके कारण ऐसी महिलाओं के दिमाग में, पीरियड के कितने दिन पहले प्रेग्नेंट हो सकते है की बात चलने लगती है।
अनियमित पीरियड में प्रेग्नेंट कैसे हो ( irregular period me pregnant kaise ho )
इस तरह अनियमित पीरियड के साथ गर्भधारण ( pregnant with irregular period ) करने में महिलाओं को दिक्कत बनी रहती है। जिससे बचने के लिए उनको प्रेगनेंसी से पहले, अपने अनियमित पीरियड का उपचार कराना चाहिए। बजाय यह सोचने के कि अनियमित पीरियड में प्रेग्नेंट कैसे होते हैं?
लेकिन अधिकांश महिलाओं में पोषण की कमी होने पर, उनमे अनियमित माहवारी की समस्या पायी जाती है। जिसके लिए उन्हें अपने आहार की गुणवत्ता और मात्रा के साथ, वजन का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ताकि अनियमित मासिक धर्म से उन्हें छुटकारा मिल सके।
जिन महिलाओं को अनियमित पीरियड में प्रेगनेंसी की समस्या होती है। इनमे से ज्यादातर को नहीं मालूम होता कि महिला प्रेग्नेंट कब नहीं होती है? जिसके कारण अनियमित पीरियड में प्रेगनेंसी तो दूर की बात, सामान्य पीरियड में भी प्रेगनेंसी नहीं होती।
आमतौर पर महिलाओं में अनुपातिक माहवारी 28 दिनों की होती है। जो महिलाओं में आमतौर पर 21 से लेकर 34 – 35 दिन की पायी जाती है। जब महिलाओं के मासिक धर्म के दिनों की संख्या इससे अधिक अथवा कम होती है। तभी महिला का पीरियड अनियमित कहा जाता है। जिसमे पीड़ित महिलाओं को आमतौर पर, बच्चा नहीं ठहरता या बार – बार ठहरता है। जिससे महिलाओं में संदेह बना रहता है कि अनियमित माहवारी में गर्भ धारण कैसे करे?
लेकिन यदि महिला का आनुपातिक वजन ठीक हो, तो अनियमित पीरियड में प्रेगनेंसी हो सकती है। जिसके लिए महिला – पुरुष युगल को नियमित रूप से, अगला पीरियड आने तक शारीरिक संबंध बनाते रहना पड़ता है। किन्तु इसमें भी पीरियड के दौरान शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए।
अनियमित पीरियड्स में प्रेगनेंसी टेस्ट कब करे ( irregular period me pregnancy test kab kare )
शादी के बाद अनियमित अवधि होने पर भी बच्चा, अगला पीरियड आने से पहले ही ठहरता है। जिसके लिए महिलाए अक्सर पीरियड के कितने दिन बाद बच्चा ठहरता है की बात किया करती है। परन्तु irregular period pregnancy की संभावना को कम कर देती है। जिसके कारण महिलाए प्रेगनेंसी का जल्द से जल्द पता लगाना चाहती है। क्योकि अनियमित पीरियड में प्रेगनेंसी हो भी सकती है और नहीं भी। इस कारण प्रेगनेंसी टेस्ट करने का सही समय पता लगना जरूरी है।
लेकिन कठिनाई यह है कि महिला के प्रेग्नेंट होने के बाद, उसका पता कुछ दिन बाद लगता है। जिससे महिलाओ को प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलती है जानने की हड़बड़ी होती है। जिसके लिए आजकल प्रेगनेंसी किट का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि अनियमित पीरियड में प्रेगनेंसी टेस्ट कब करें?
सामान्य रूप से महिला के ओवुलेशन समय पर, गर्भ टिकता है। जिसके लगभग एक हफ्ते बाद, महिला के मूत्र में एच सी जी हार्मोन पाए जाने लगते है। लेकिन जब महिला का मासिक चक्र अनियमित हो, तब सवाल उठता है कि अनियमित पीरियड में प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए?
ऐसे में महिला पीरियड की ब्लीडिंग समाप्त होने के बाद, हर हफ्ते प्रेगनेंसी टेस्ट करने से सही परिणाम मिल सकता है। नहीं तो आने वाला पीरियड, बिना टेस्ट किये ही बता देता है कि महिला प्रेग्नेंट नहीं है। लेकिन कुछ मामले महिलाओ में पीरियड आने के बाद भी, उनके गर्भवती होने के देखे गए है। ऐसे में सावधानी रखनी आवश्यक है।
उपसंहार :
अनियमित पीरियड में प्रेगनेंसी की संभावना तभी पाई जा सकती है। जब पीरियड के दौरान शारीरिक संबंध से परहेज कर, बाकी के दिनों में नियमित प्रेमी युगल सम्बन्ध बनाये। हालाकिं महिला और पुरुष दोनों के स्वस्थ होने पर, महिलाओं की प्रेगनेंसी उनके मासिक धर्म के उपजाऊ दिनों में पाई जाती है। जो उनका ओवुलेशन पीरियड होता है।
लेकिन आमतौर पर महिला का पीरियड अनियमित होने पर, ओवुलेशन के दिनों में भी बदलाव हो जाता है। ऐसी परिस्थित में इसका अनुमान लगाना अत्यंत कठिन होता है। इस कारण irregular period pregnancy होने में कठिनाई होती है।
सन्दर्भ :
भाव प्रकाश – गर्भ प्रकरण