पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान : period me sambandh banane ke nuksan

युवतियों और महिलाओं में पीरियड आना, प्राकृतिक प्रक्रिया है। इतना ही नहीं नियमित रूप से पीरियड आते रहना, महिला के स्वास्थ्य का परिचायक माना गया है। परन्तु पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान है या फायदे को लेकर, इनके मन में अनेकों शंकाएं होती है। क्योकि प्रेगनेंसी और पीरियड को लेकर जितनी महिलाऐं सशंकित होती है, उतने पुरुष नहीं।

पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान

विशेष कर उनकी जिनकी अभी – अभी शादी हुई है या होने वाली है। क्योकिं शादी होते ही संबंध पर संबंध जुड़ने लगते है। जिसमे पति – पत्नी के बीच होने वाला सबसे जरूरी शारीरिक संबंध है। आमतौर पर शादी के बाद इसकी रोक – टोक नहीं रह जाती है।

जिसके कारण विवाहित जोड़े सेक्स को लेकर, रोमांचित और भावुक होते है। जिसमे स्वभाववस पुरुष महिला से अधिक सक्रिय देखे जाते है। जिससे उनके मन में पीरियड में संबंध बनाने से क्या होता है जानने की उत्सुकता होती है। जबकि इस दौरान महिलाए सेक्स को लेकर डरी होती है। 

फिर भी वैवाहिक रिश्तों को मजबूती देने के लिए, इस दौरान अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक बार यौन क्रिया होती है। जो नवविवाहित जोड़ों में भरोसा और विश्वास जगाती है। लेकिन जब इस दौरान महिला का पीरियड आ जाता है। तब संबंध बनाने से पीरियड में प्रेगनेंसी हो सकती है?

जो नए जोड़े बिलकुल नहीं चाहते। परन्तु संबंध बनाना भी छोड़ना नहीं चाहते। इसलिए यदि शादी के समय महिला का पीरियड आ जाता है, तो इस दौरान भावुकता और जोश अधिक होने से सम्बन्ध बन जाता है। बिना यह जाने कि महिलाएं पीरियड के कितने दिन बाद प्रेग्नेंट होती है?  

क्या पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान है?

ऐसा होने पर उनके मन में अनेको तरह के सवाल खड़े होने लगते है। जो शादी के यादगार और आनंददायक पलों में व्यवधान डालने लगते है। जिससे पुरुष तो कम लेकिन महिलाए अधिक भयभीत दिखाई पड़ती है।

नए रिश्तों को मजबूती देने के चक्कर में, अक्सर महिलाएँ अपने साथी को संबंध बनाने से मना नहीं कर पाती। जिसके कारण दर्द होते रहने पर भी शारीरिक संबंध बन जाया करता है।

परन्तु आयुर्वेदानुसार पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान बताये गए है। जिसकी जानकारी बहुत से लोगों को नहीं होती। जिसके कारण लोगबाग पीरियड में भी सम्बन्ध बनाना नहीं छोड़ते।  

जिससे महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। पीरियड महिलाओं का वह समय है। जिसमे इन्हे सबसे अधिक आराम और साफ – सफाई की आवश्यकता होती है। 

जिसका ध्यान न रखने पर, महिला का मासिक चक्र से लेकर गर्भपात होने तक की समस्या हो सकती है। जिससे बचने के लिए पीरियड में संबंध बनाने से बचना ही उचित है।

क्या पीरियड के समय संबंध बनाना चाहिए?

क्या पीरियड के दौरान संबंध बनाने लायक है

आयुर्वेद में पीरियड के समय शारीरिक संबंध बनाने को लेकर, स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित किया गया है। जिसको न मानने से निम्नलिखित हानियां बतलाई गई है – 

  1. पीरियड में संबंध बनाने से, संबंध बनाने वाले ( पति ) की आयु घटती है। 
  2. पीरियड में संबंध बनाने से गर्भ के ठहरने की संभावना बहुत कम होती है। 
  3. लेकिन यदि पीरियड के पहले और दुसरे दिन संबंध बनाने से, जो गर्भ ठरता है वह पैदा होने पर जीता नहीं। 
  4. पीरियड के तीसरे दिन संबंध बनाने से जो गर्भ ठहरता है। वह कम आयुवाला और विकलांग होता है।  

आयुर्वेदानुसार यह तीन पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान है। जबकि आधुनिक लोग भी पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान मानते है। जैसे –

  1. पीरियड में संक्रमित खून के बहाव से, संक्रमण होने का खतरा रहता है। जिसमे यीस्ट और जीवाणु दोनों प्रकार के संक्रमण हो सकते है। 
  2. माहवारी के स्राव की दर और मात्रा प्रभावित हो सकती है।
  3. पीरियड के दौरान संबंध बनाने से योनि द्वार चिकना हो जाता है। जिससे पुरुष जननांगों में चोट आ सकती है।
  4. बहुत से लोगों का कहना है कि पीरियड के दौरान संबंध बनाने से गर्भ नहीं टिकता। यह भ्रम है, हालाकिं इस दौरान गर्भ के टिकने की संभावना काफी कम होती है।  

उपसंहार :

आयुर्वेद के अनुसार पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान ही नुकसान है। जो कोई नहीं चाहता लेकिन रोमांच और भावुकता पीरियड में आड़े आ जाती है। जिसके हावी होने से पीरियड में भी संबंध बन जाता है। जिसके परिणाम स्वरूप न केवल महिला का स्वास्थ्य खराब होता है। बल्कि पुरुष की आयु भी घटने लगती है, अर्थात पुरुष भी बीमारियों का शिकार हो जाता है।  

जिससे बचने का आयुर्वेद में एक मात्र उपाय आत्म नियंत्रण बताया गया है। परन्तु आधुनिक लोग पीरियड में सुरक्षित संबंध बनाने की वकालत करते है। जिससे प्रायः पुरुष संक्रमण आदि का शिकार होने से बच जाते है। जबकि महिलाओं के स्वास्थ्य पर तो बुरा असर पड़ता ही है। 

धर्म शास्त्रों की माने तो पहले दिन वाली पीरियड स्त्री चांडाली, दुसरे दिन ब्रह्मघातिनी और तीसरे दिन धोबिन कही गयी है। जिसके कारण पीरियड में खून दिखाई पड़ने तक, पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान है। जिससे बचने में ही हम सब की भलाई है।  

सन्दर्भ :

भाव प्रकाश – गर्भ प्रकरण 

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