प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलती है : pregnancy kitne din me pata chalta hai

गर्भ धारण के लिए प्रयास करने वाली महिलाएं, प्रेग्नेंट होने की खबर सुनते ही खुशी से झूम उठती है। लेकिन बहुत से जोड़े इस बात से अनजान होते है कि गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद पता चलता है? इसलिए अक्सर वह प्रेगनेंसी को लेकर शसंकित रहते है। क्योकि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होती कि जल्दी प्रेग्नेंट कैसे होते है? जिससे उनके मन में एक सवाल बना रहता है कि आखिर प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलता है?

गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद पता चलता है

हर महिला की प्रेगनेंसी अलग – अलग तरह के उतार – चढ़ाव से भरी होती है। जिससे किस महिला की प्रेगनेंसी कितने दिन बाद पता चलती है का निर्णय करना, विशेषज्ञों के लिए भी कह पाना कठिन होता है। फिर भी अनुमान और परीक्षण के बल पर, महिलाओ की प्रेगनेंसी का पता अब लगाया जाने लगा है। जिसका सबसे बड़ा कारण, उन्हें तकनीकी रूप से पता होता है कि महिला प्रेग्नेंट कैसे होती है?

लेकिन यदि विवाहित महिला और पुरुष को पता हो कि प्रेगनेंसी के लिए पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिएतो आसानी से महिला के प्रेग्नेंट होने का पता लग जाता है। जिसकी सबसे प्रचलित विधि है। असुरक्षित यौन सम्बन्ध के बाद महिला के पीरियड का मिस होना। लेकिन इसमें भी भूल होने की संभावना पायी जाती है, क्योकि बहुत से जोड़ों को यह नहीं मालूम होता कि पीरियड के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है? 

आमतौर पर जैसे विवाह के वर्ष बीतने लगते है। महिलाएं pregnant kaise hote hai jaldi के उपायों को अपनाने लगती है। बिना यह जाने कि पीरियड के कितने दिन पहले प्रेग्नेंट हो सकते है? जिससे इनको प्रेगनेंसी का ठीक से पता लगाने में कठिनाई हो सकती है। तो आइये महिलाओं को असमंजस में डालने वाली बात का खुलासा करते है कि प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलती है?

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प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलता है ( pregnancy kitne din me pata chalta hai )

प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलता है

गर्भ ठहरने को ही आंग्ल भाषी प्रेगनेंसी कहते है। जो न केवल महिला के लिए खास पलों में से एक है। बल्कि परिवार के लिए भी आनंददायी क्षण होता है। जिसके कारण महिला के प्रेग्नेंट होने का इंतजार, महिला से अधिक उनके परिवार जनों को होता है। जिसके लिए वह परेशान भी होते है। लेकिन अफ़सोस वस उन्हें नहीं पता होता कि गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद पता चलता है?

इसलिए प्रेगनेंसी का समय रोमांचक और चिंताजनक दोनों हो सकता है। अब यह बात अलग है कि स्वस्थ लोगों में चिंता करने वाली कोई बात नहीं होती। फिर भी नहीं सी जान की फिक्र सभी को होती है। जिसके लिए उन्हें जन्म लेने वाले बच्चे की माँ का ध्यान रखना होता है। 

कुछ भी हो प्रेगनेंसी का पता गर्भ रुकने के बाद ही चलता है। अब यह बात अलग है कि किसी महिला की प्रेगनेंसी पहले पता लगने लगती है। कुछ की पता लगने में समय लगता है। जिससे धैर्य न रख पाने से लोग pregnancy kitne din me pata chalta hai की बात करते है।

सामान्यतः गर्भ ठहरने के बाद ( garbh thaharne ke bad ), महिलाओं में प्रेगनेंसी के लक्षण दिखाई पड़ने लगते है। जिन पर अक्सर वह ध्यान नहीं दे पाती। वही दूसरी ओर खुशी के मारे इन्तजार भी नहीं हो पाता। जिससे इनके मन में उलझन बनी रहती है कि गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद पता चलता है?

जबकि चिकित्सा विज्ञान महिला को गर्भवती होने के लिए, उसके ऋतुकाल ( ओवुलेशन ) में शारीरिक सम्बन्ध को आवश्यक मानता है। जिसके बीत जाने के बाद वयस्क लड़की आदि के, गर्भवती होने की आशंका बहुत कम होती है। फिर लड़कियां प्रेग्नेंट कैसे हो सकती है

पीरियड के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है ( period ke kitne din baad garbh thaharta hai )

आमतौर पर लड़कियों में जब से मासिक धारण शुरू होता है। तभी से उनमे गर्भ धारण करने की क्षमता विकसित हो जाती है। जो प्रत्येक महीने कुछ दिन ही पायी जाती है। यह गर्भधारण करने वाली हर लड़की अथवा महिला का सबसे उर्वर दिन होता है। जिसके बीत जाने पर लड़कियां गर्भवती नहीं हो पाती।

जिसको नवविवाहित लडकियां ठीक से परख नहीं पाती। जिससे परेशान होकर, लड़कियां कब प्रेग्नेंट हो सकती है की बात करने लगती है। हालाकिं यह समय जब तक पीरियड्स आया करता है, तब तक हर महीने इनके गर्भवती होने की संभावना बनी रहती है। लेकिन जैसे – जैसे समय बीतता जाता है, वैसे – वैसे महिलाओं के गर्भ धारण करने की क्षमता में कमी देखी जाने लगती है। जो आमतौर पर देर से विवाह करने वाली लड़कियों में देखी भी जाती है। 

लेकिन कम उम्र की महिलाओं में तीव्र प्रजनन क्षमता पायी जाती है। इसलिए वह कम समय में आसानी से, सही समय पर सम्बन्ध बनाकर गर्भ धारण कर लेती है। परन्तु प्रायः महिलाए अपने गर्भधारण के दिनों को नहीं जान पाती। जिससे उनमे गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद पता चलता है को लेकर संशय बना रहता है। 

यदि महिला पीरियड के सात दिन से लेकर सोलह – सत्रह दिन के बीच सम्बन्ध बनाती है। तब उसके गर्भवती होने की संभावना अधिक पाई जाती है। यह समय महिला के गर्भ ठहरने का सबसे उपयुक्त समय होता है। 

पीरियड के कितने दिन बाद गर्भ नहीं ठहरता है ( period ke kitne din bad garbh nahin thaharta hai )

आमतौर विवाहित जोड़ों को यह नहीं पता होता कि महिला प्रेग्नेंट कब नहीं होती है। यह अक्सर तब होता है। जब महिला अपने पुरुष साथी से पीरियड बीतने के दो हफ्ते बाद, यौन सम्बन्ध बनाती है। क्योकि इस समय महिला का अण्डोत्सर्ग बंद हो चुका होता है। इतना ही नहीं अंडाशय से अंडा निकलने के बाद, नष्ट भी हो चुका होता है। 

ऐसा होने पर किसे भी महिला के गर्भवती होने की आंशका, बहुत ही कम रह जाती है। जोकि परिवार नियोजन चाहने वाले जोड़ों को जानना जरूरी है। इसमें वे शारीरिक सम्बन्ध बनाकर, सामने वाले अपना प्यार जता सकते है।  

महिलाओं को गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद पता चलता है? 

महिला को गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद पता चलता है, जानने के लिए प्रेग्नेंट कब और कैसे होता है को समझने की आवश्यकता है। जिसके जाने बिना प्रेगनेंसी को नहीं समझा जा सकता।   

चिकित्सा विज्ञान के अनुसार लड़कियों में पाए जाने वाले, गर्भाशय के विकसित होते ही पीरियड्स आना शुरू हो जाता है। जो इस बात का संकेत होता है कि लड़की में अब गर्भ धारण की क्षमता आ गई है। अर्थात गर्भ धारण करने के लिए, इनमे हर महीने होने वाला ओवुलेशन आरंभ हो चुका है।  

लेकिन इतने से काम नहीं बनता क्योकि महिला गर्भ धारण तब करती है। जब उसके अंडाशय से निकलने वाले अंडे का फर्टिलाइजेसन होता है। जिसके लिए इन्हे शुक्राणुओ की आवश्यकता होती है। जो उसमे नहीं पायी जाती।

यह शुक्राणु पुरुष अंडकोष में पाए जाते है। जो शिश्न के उत्तेजित होने पर ही बनकर, निकलते है। इसके लिए महिला और पुरुष को आपस में, यौन सम्बन्ध बनाने की अपेक्षा होती है। लेकिन हर समय ऐसा करने पर गर्भ नहीं ठहरता। 

क्योकि महिला गर्भाशय मासिक धर्म के दौरान, हर माह कुछ सीमित समय तक ही अंडे का उत्सर्जन करती है। जिसे ओवुलेशन पीरियड कहते है। यह देह भेद से प्रत्येक महिला में अलग – अलग पाया जाता है। जिससे हर समय सम्बन्ध बनाने से गर्भ नहीं ठहरता। 

प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलती है ( pregnancy kitne din me pata chalti hai )

प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलती है

लेकिन यदि महिला अपने ओव्यूलेशन के दौरान, पुरुष साथी से सम्बन्ध बनाती है। तब उसके प्रेग्नेंट होने की संभावना सबसे अधिक होती है। हालाकिं महिलाओं को अपने ओवुलेशन को ठीक से जानने में कठिनाई हो सकती है। जिसका सबसे बड़ा कारण उनमे होने वाले पीरियड की अवधि में अंतर पाया जाना है। इसके साथ स्वास्थ्य दुविधा भी इसमें रोड अटकाती है। इसलिए अक्सर महिलाओं को अनबन हो सकती है कि प्रेगनेंसी कितने दिन बाद पता चलती है?

लेकिन यदि महिला को अपने ओवुलेशन का ठीक – ठीक जानकारी हो। इसके बाद उसी दौरान महिला और पुरुष आपस में सम्बन्ध बनाते है। तो महिला में गर्भवती होने की संभावना सबसे अधिक पाई जाती है। फिर भी महिला की गर्भावस्था को लेकर संशय बना रहता है। क्योकि इसके बाद महिला के शरीर में जैव क्रियाए होती है। जिसके पूर्ण होने के बाद ही महिला की प्रेगनेंसी कंफर्म होती है। इसलिए अक्सर महिलाओं को शंका बनी रहती है कि गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद पता चलता है?

असल में प्रेगनेंसी का पता गर्भ ठहरने के बाद ही लगता है। जो महिला के ओवरी से निकलने वाले ओवम के फर्टिलाइज्ड होने के बाद होता है। जिसको तकनीकी रूप से महिला का प्रेग्नेंट होने की मुख्य क्रिया माना जा सकता है। लेकिन इतने पर भी जरूरी नहीं की महिला का गर्भ रुक ही जाय। क्योकि जब तक फैलोपियन ट्यूब आदि में निषेचित अंडा गर्भाशय में आकर इम्प्लांट नहीं हो जाता। तब तक महिला की प्रेगनेंसी को तय नहीं किया जा सकता। जिसके कारण महिलाओं में प्रेगनेंसी कितने दिनों में पता चलती है को लेकर आशंका बनी रहती है। 

प्रेगनेंसी की पुष्टि होने में अधिकतम कितने दिन लगते है ( maximum how many days to confirm pregnancy in hindi )

पहली बार जब महिला बीज ( ओवम ) और पुरुष बीज ( शुक्राणु ) का आपस में संयोग होता है। तो पुरुष वीर्य में लाखों शुक्राणु बीज के रूप में मौजूद होते है। लेकिन महिला की एक जोड़ी ओवरियों से, केवल एक ही अंडा ( बीज ) निकलता है। ऐसे में जो पुरुष शुक्राणु महिला के अंडे में प्रवेश कर पाता है। वही अंडे को निषेचित करता है। बाकी सब के सब बिना कुछ किये निष्प्रभावी हो जाते है। 

शुक्राणु से अंडा निषेचित होकर जाइगोट में बदल जाता है। जो तेजी से गर्भाशय की ओर बढ़ता हुआ, विखंडित होकर गोल आकार लेकर ब्लास्टो सिस्ट में बदल जाता है। ऐसा होने में लगभग एक सप्ताह का समय लग जाता है। जिसके बाद यही सिस्ट एच सी जी हार्मोन को बनाते है। जिससे प्रेगनेंसी का पता लगाया जाता है।  

हालाकिं इस अवस्था तक पहुंचने वाले शुक्राणुओं का प्रतिशत, वीर्य में पाए जाने वाले शुक्राणुओं का एक चौथाई ही होता है। क्योकि शुक्राणुओं की गतिशीलता वीर्य पर निर्भर करती है। जोकि सम्बन्ध बनाने के दौरान एक निश्चित मात्रा में, महिला की योनि में छोड़ा जाता है। इसके बाद एक लम्बी प्रक्रिया के बाद महिला का शरीर HCG बनाता है। इस कारण बहुत सी महिलाए गर्भावस्था की पुष्टि कितने दिनों में करनी है को लेकर दुविधा में फंसी रहती है। 

इसलिए प्रेगनेंसी की पुष्टि करने में 7 – 10 दिनों का समय लगता है। जोकि कुछ महिलाओं में कुछ अधिक भी हो सकता है। इस कारण प्रेगनेंसी कन्फर्म करने के लिए मैक्सिमम कितने दिन लग सकते है। का आकलन करना कठिन होता है। इसकारण गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद पता चलता है को लेकर महिलाओं के मन में हलचल मची रहती है। 

अक्सर रोगी रोग के लक्षणों से अनजान होता है। लेकिन रोग के दौरान जिन परेशानियों को झेलता है। उसे ही चिकित्सा विशेषज्ञ रोग लक्षण कहते है। जो प्रेगनेंसी होने पर भी देखी जाती है। कहने आशय प्रेग्नेंट महिला जिसे परेशानी समझती है। वह वास्तव में उसके प्रेगनेंसी के लक्षण होते है। जिससे वह अब तक उनसे अनजान थी।

आप प्रेग्नेंट होना कब महसूस कर सकती है?

महिला के गर्भवती होने पर, उनका शरीर प्रेगनेंसी का संकेत करता है। लेकिन यह हर महिला में अलग – अलग पाया जाता है। फिर भी प्रेग्नेंट महिलाओं में आमतौर पर निम्नलिखित लक्षण देखे जाते है –

  • हर माह होने वाले मासिक धर्म का न आना
  • सुबह सोकर उठने के बाद मतली होना
  • सिर में दर्द होना
  • थकान होना और बहुत नींद आना 
  • बार – बात पेशाब लगना
  • मूड स्विंग होना
  • उल्टी होना 
  • जी मिचलाना 
  • कोमल स्तनों का कठोर होना और उनमे दर्द होना
  • योनि से हल्के रंग का खून निकलना ( स्पॉटिंग के दौरान ) 

पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाने से गर्भ नहीं ठहरता

महिला के प्रेग्नेंट होने की संभावना ओव्यूलेशन पीरियड में ही पायी जाती है। जिसके व्यतीत होते ही महिलाए, असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बाद भी गर्भ धारण नहीं कर पाती है। फिर चाहे वह महीनों से गर्भ निरोधक गोलियों का उपयोग बंद क्यों न कर दी हो?

हालांकि हर महिला में पीरियड आने और जाने का समय अलग – अलग होता है। इसके साथ इनके मासिक धर्म की अवधि भी कम और ज्यादा हो सकती है। जिससे इनके ओवुलेशन का समय भी भिन्न हो सकता है। इस कारण महिलाओं को अपने सबसे उर्वर दिन का पता लगाने में कठिनाई होती है।

यदि किसी महिला के मासिक धर्म 28 दिन के है। दो शुरुआती दो सप्ताह में गर्भ के रुकने की संभावना पायी जाती है। क्योकि पीरियड शुरू होने के दिन से एक सप्ताह तक ब्लीडिंग ही चलती है। जिसको आमतौर पर महिला या लड़की का पीरियड कहा जाता है। 

आयुर्वेद आदि में पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान बतलाये गए है। फिर भी पीरियड में प्रेगनेंसी हो सकती है। इसके बीतते ही महिला के गर्भ धारण का समय शुरू हो जाता है। जो लगभग एक सप्ताह तक चलता है। जिसमे संबंध बनाने से महिला के गर्भवती होने की सबसे अधिक गुंजाइस होती है।  

इस प्रकार शुरुआती दो हफ्तों तक ही महिला, गर्भधारण कर सकती है। अब बचते है बाद के दो सप्ताह। जिसमें महिला के प्रेग्नेंट होने की संभावना बहुत काम पाई जाती है। इसलिए इस समय को महिला का सेफ पीरियड कहा जाता है।      

उपसंहार :

जो महिलाए प्रेग्नेंट होने का प्रयास कर रही है। उनमे गर्भ रुकने की पुष्टि के लिए उत्साह बना रहता है। जिससे उनके मन में सवाल खड़ा होता है कि गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद पता चलता है? किन्तु जो लोग परिवार नियोजन के बारे में सोच रहे है, लेकिन भूल हो जाने से पीरियड आने में देरी हो रही है। उनमे बार – बार प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलती है की बात आया करती है।   

महिला का गर्भ ठहरने में अमूमन एक से दो सप्ताह का समय लगता है।  लेकिन महिला HCG हार्मोन का उत्सर्जन करने में 7 – 10 दिन तक का समय लग जाता है। जिसको प्रेगनेंसी किट से चेक किया जाता है। इस तरह महिलाओं की प्रेगनेंसी का पता लगने में, आधुनिक विधि से एक या दो सप्ताह का समय लग सकता है। जबकि आमतौर पर असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाने के बाद, पीरियड मिस होने पर प्रेगनेंसी की संभावना पायी जाती है।

ध्यान रहे : कोई भी महिला जब प्रेग्नेंट होती है। तब उसका शरीर विशेष ढंग से उसकी ओर इशारा करता है। जिसको आमतौर पर नव विवाहित लड़कियां नहीं समझ पाती। क्योकि हर महिला में प्रेगनेंसी के अलग – अलग लक्षण हो सकते है। जिसको सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श करना, एक सुरक्षित उपाय है।   

सन्दर्भ :

भाव प्रकाश – गर्भ प्रकरण 

FAQ

महिला का गर्भ कब ठहरता है?

जब कोई भी महिला अपने पुरुष साथी के साथ अपने ओवुलेशन पीरियड में समबन्ध बनाती है। तब उसके गर्भ ठहरने की संभावना अधिक पायी जाती है। हालांकि प्रेगनेंसी की प्रायिकता बढ़ाने के लिए, ओव्यूलेशन से कुछ दिन पहले शारीरिक संबंध बनाने से महिलाएं आसानी से प्रेग्नेंट हो सकती है।  

पीरियड में गर्भ कब ठहरता है?

अमूमन महिलाओं की पीरियड चार सप्ताह का होता है। जिसमे शुरू के दो सप्ताह गर्भ धारण की संभावना पाई जाती है। जिसमे महिला अपनी साथी से संबंध बनाकर, आसानी से प्रेग्नेंट होना चाहे तो हो सकती है।  

पीरियड के बाद गर्भ कब ठहरता है?

आमतौर पर महिलाए ब्लीडिंग होने को ही पीरियड मानती है। जबकि चिकित्सा की दृष्टि से ब्लीडिंग शुरू होने से लेकर ब्लीडिंग होने तक के समय को पीरियड कहा जाता है। जो औसतन चार सप्ताह का होता है। जिसमे दूसरा सप्ताह प्रेगनेंसी के लिए बहुत ही बढ़िया है। जो अक्सर महिलाओं में पीरियड के रक्त स्राव के बाद शुरू होता है।  

प्रेगनेंसी को कन्फर्म करने में अधिकतम कितने दिन लगते है? 

सामान्य रूप महिला का शरीर अंडे को फर्टिलाइज्ड करने के बाद एच सी जी हार्मोन बनाता है। जिसमे लगभग 7 – 10 दिन का समय लग जाता है। लेकिन यह समय कुछ महिलाओं में अधिक भी हो सकता है।   

3 thoughts on “प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलती है : pregnancy kitne din me pata chalta hai”

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