पीरियड में संबंध बनाने से क्या होता है : period me sambandh banane se kya hota hai

पीरियड के दौरान संबंध बनाने को लेकर अनेको मतभेद है। जिसमे पश्चात देशों में मान्यता है कि पीरियड्स में सम्बन्ध बनाना आनंददायक होता है। जबकि आयुर्वेद में माहवारी के दौरान, सम्बंध तो दूर स्त्री दर्शन का भी निषेध किया गया है। आखिर पीरियड में संबंध बनाने से क्या होता है? जिस कारण मासिक धर्म के समय शारीरिक सम्बन्ध की मनाही है। 

पीरियड में संबंध बनाने से क्या होता है

लेकिन गर्भ धारण करने के लिए पति – पत्नी में काम ( संबंध ) आवश्यक है। काम शास्त्र के अनुसार एक समय के बाद काम वासना प्राकृतिक रूप से उठती है। जिसको रुचिकर बनाने के लिए आकर्षक भाव – भंगिमाओं के साथ विभिन्न कलाओ का वर्णन किया गया है। फिर भी मासिक धर्म में संबंध बनाने का खुलकर विरोध किया गया है। आखिर पीरियड के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से क्या होता है?

जिसके कारण मासिक के दौरान संबंध बनाने के लिए मना किया गया है। लेकिन कुछ लोगो का मानना है कि पीरियड में संबंध बनाने के फायदे है। यह बात कितनी सही है, इसके पुख्ता सबूत सम्भवतः अभी तक उपलब्ध नहीं है। 

जबकि वर्षों पुराने चिकित्सा प्रधान ग्रन्थ आयुर्वेद में, इसका स्पष्ट उल्लेख किया गया है। जिसमे मासिक धर्म में संबंध बनाने से स्वास्थ्य की हानि बतलाई गई है। जिसकी मुख्य वजह रोग रूपी दुःख को माना गया है। जिसके प्राप्त होते ही जीवन नरक से भी बदतर हो जाता है।  

पीरियड के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से क्या होता है ( period ke dauran sambandh banane se kya hota hai )

आमतौर पर पीरियड्स में संबंध बनाने से, न तो उद्देश्य की पूर्ती होती है और न स्वास्थ्य की। जिसके कारण पीरियड में ब्लीडिंग के दौरान सम्बन्ध बनाना के बहुत से दोष है। जिसमे आयुर्वेद को पुरुष के साथ – साथ महिला के भी दोष मान्य है। 

आयुर्वेद में शारीरिक सम्बन्ध का आशय संतानोत्पत्ति से है। जिसको गुणवान और बलवान बनाने के लिए विविध सोपान बतलाये गए है। जिसके लिए रजस्वला स्त्री को पुरुष की परछाई से भी दूर रहने की सलाह दी गई है।

पीरियड के दौरान महिला की योनि से रज का स्राव करती है। जिसमे दूषित रक्त योनि के द्वार से निकलता रहता है। जिसकी अवधि माहवारी शुरू होने के लगभग चार दिन की होती है। कित्नु कुछ मामलों में यह इससे अधिक भी हो सकता है। इस कारण अलग – अलग महिलाओं में रज स्राव की अवधि अलग – अलग पायी जाती है। 

लेकिन पीरियड में संबंध बनाने से, पुरुष का वीर्य बहते हुए पानी में फेके गए द्रव के समान बह जाता है। जिससे महिला के गर्भाशय में गर्भ नहीं ठहरने पाता, और रज स्राव के साथ बाहर निकल जाता है। 

जिससे बचने के लिए जब तक महिला का रज स्राव निकलता रहता है, तब तक स्त्री – पति का संग न करे। परन्तु वासना या गलती से कोई पीरियड्स में स्त्री संग करता है तो उसे रोग की भी प्राप्ति होती है।

महिलाओं को पीरियड में संबंध बनाने से क्या होता है ( mahilao ko period ke samay sambandh banane se kya hota hai )

अधिकतर महिलाओ को पीरियड में संबंध बनाने से क्या होता है की जानकारी नहीं होती। जिससे पति की इच्छा या वासना के वसीभूत होकर, पीरियड के दौरान भी शारीरिक संबंध बन जाता है। जिससे महिलाओं की योनि में विविध तरह के रोग और दोष आ सकते है। जो गर्भ धारण करने में परेशानी पैदा करते है। जैसे –  

  • समय पर माहवारी का न आना
  • मासिक के दौरान अत्यधिक दर्द होना
  • समय पर पीरियड़ आने पर भी अधिक ब्लीडिंग होना
  • बिना ब्लीडिंग के ही मासिक हो जाना
  • मैथुन के समय योनि में दर्द होना
  • नपुंसकता आना 
  • आर्तव के क्षीण होने से बार – बार गर्भ का नष्ट हो जाना
  • गर्भ स्राव होना 
  • योनि में जलन होना और खून आना, आदि।

पुरुषों को पीरियड में संबंध बनाने से क्या होता है ( purushon ko period me sambandh banane se kya hota hai )

पुरुष अपने काम धंधे में लगे होने से हमेशा व्यस्त रहते है। जिसके कारण पीरियड में संबंध बनाने से क्या होता है से प्रायः अनजान होते है। परन्तु विवाहित होने के कारण संतान की इच्छा तो होती ही है। जिससे स्त्री संग बिना पीरियड के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से क्या होता है को जाने ही हो जाता है। 

संचार की सुलभता से भ्रामक प्रचार की चपेट में आ कर, अधिकतर पुरुष यह जानते है कि पीरियड में संबंध बनाने से प्रेगनेंसी नहीं होती है। जिसको वह पीरियड में संबंध बनाने के फायदे मानते है।

जबकि आयुर्वेद आदि की दृष्टि में, पीरियड में संबंध बनाने से आयु घटती है। इस कारण पीरियड का पहला, दूसरा और तीसरा दिन माहवारी वाली महिला से दूर ही रहे।

कभी – कभी पीरियड में संबंध बनाने से, गर्भ भी ठहर जाता है। जो पैदा होने पर जीता नहीं, विशेषकर पहले और दुसरे दिन। जबकि तीसरे दिन पीरियड में संबंध बनाने से, जो गर्भ रुकता है। वह थोड़ी आयु वाला और विकलांग होता है। 

जो कोई माता – पिता नहीं चाहता। ऐसा होने पर महिला का स्वास्थ्य और आपकी पूंजी दोनों का ही नाश होता है। जिससे बचने के लिए पीरियड में भूलकर भी संबंध नहीं बनाना चाहिए। 

पीरियड में संबंध बनाने के फायदे ( period me sambandh banane ke fayde )

ऊपर पीरियड में संबंध बनाने से क्या होता है वह बताया जा चुका है। लेकिन आजकल पीरियड में संबंध बनाने से क्या होता है वीडियो के रूप में भी उपलब्ध है। जिसमे हानि की अपेक्षा, लाभ बहुत कम है। 

मानाकिं पीरियड में संबंध बनाने के लोग दो लाभ गिनाते है –

  1. पीरियड के दौरान ब्लीडिंग होने से, योनि में सूखेपन की समस्या नहीं होती। जिससे यौन क्रिया में सहायता मिलती है। जिससे शारीरिक संबंध आनंददायक हो सकता है।
  2. पीरियड में संबंध बनाने से गर्भ के ठहरने की सम्भवना कम होती है।
  3. पीरियड्स के समय सम्बन्ध बनाने से, पीरियड का दर्द कम हो जाता है।      

परन्तु स्वास्थ्य की हानि तो होती ही है। इस कारण पीरियड की अवधि बीतने पर ही सबंध स्थपित करना चाहिए। जिससे स्त्री और पुरुष दोनों रोग और दोष से बचे रहे। 

पीरियड में संबंध बनाना चाहिए कि नहीं ( period me sambandh banana chahiye ki nahi )

कुछ लोग पीरियड में ब्लीडिंग होने पर भी, सुरक्षा उपायों के साथ सम्बन्ध बनाने की बात करते है। परन्तु पीरियड के दौरान संबंध बनाने से होने वाली, हानियों को ध्यान में रखे तो कौन होगा जो अपने ही हाथ अपना गला काटेगा। इसलिए पीरियड में संबंध बनाने चाहिए या नहीं की जानकारी, स्वस्थ्य राष्ट्र बनाने की लिए जन सामान्य को होनी चाहिए। 

उपसंहार :

पीरियड में संबंध बनाने से स्त्री और पुरुष दोनों को हानि होती है। जिसके कारण पीरियड में संबंध बनाने से सदैव बचना चाहिए। जब लोग पीरियड में संबंध बनाने से क्या होता है पूछते है, तो इसका दोटूक जबाब दरिद्रता और अस्वस्थता है। जिसके कलंक से बचने की लिए हर स्त्री – पुरुष को सावधानी अवश्य रखनी चाहिए। 

इसलिए पीरियड के दौरान संबंध बनाने से क्या होता है? हर विवाहित जोड़े को पता होना चाहिए। जिससे राष्ट्र में जन्म लेने वाला हर बच्चा देश और समाज की वरदान सिद्ध हो। इसलिए इस दौरान सावधानी रखने पर न केवल माँ का स्वास्थ्य सही रहेगा, बल्कि बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होगीं। जिससे भविष्य में बच्चा बार – बार बीमार नहीं पडेगा।  

सन्दर्भ :

भाव प्रकाश – गर्भ प्रकरण

FAQ

पीरियड के समय संबंध बनाने से क्या होता है?

पीरियड्स चलने से सम्बन्ध बनाने से महिला के आर्तव चक्र बिगड़ जाता है। जिससे गर्भधारण करने में समस्या हो सकती है। जबकि पीरियड में निकलने वाला खून दूषित होता है। जबकि पुरुषों को उनके गुप्तांगो में संक्रमण होने का खतरा होता है।  

पीरियड के दिन संबंध बनाना चाहिए 

बिलकुल नहीं, माहवारी के दौरान की जाने वाली सम्भोग क्रिया महिला और पुरुष दोनों के लिए घातक मानी जाती है।   

पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बना सकते हैं?

माहवारी शुरू होने के चार दिन बाद सम्बन्ध बनाया जा सकता है। लेकिन इसके पहले बनाया गया सम्बन्ध, रोग और दरिद्रता देने वाला होता है। 

क्या पीरियड में संबंध बनाने से प्रेग्नेंट हो सकते हैं?

पीरियड में गर्भ की ठहरने की संभावना बहुत कम होती है। लेकिन माहवारी के दिन गर्भ धारण के लिए सुरक्षित नहीं है।  

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