प्रेग्नेंट कब और कैसे होता है : when will i get pregnant

अमूमन दो तरह की महिलाएं अक्सर प्रेग्नेंट कब और कैसे होता है के बारे में सोचती रहती है। पहली वो जो बार – बार प्रयास करने के बाद भी, अब तक गर्भवती नहीं हो पायी है। दूसरी वो जो पहली बार गर्भ धारण करना चाह रही है। परन्तु प्रेग्नेंट होने से बचने के लिए भी, इसको जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है। 

प्रेग्नेंट कब और कैसे होता है

माँ बनने का सफर जितना रोमांचक होता है। उससे कही अधिक भावनात्मक होता है। जिसका एकमात्र कारण गर्भ में आने वाली संतान से, हमारी संवेदनाए जुडी होती है। जिसको पाने के लिए जोड़ों को आपस में रिलेशन बनाने की आवश्यकता होती है। लेकिन अक्सर इस बात की जानकारी नहीं होती कि पीरियड के कितने दिन बाद सम्बन्ध बनाना चाहिए?

जिससे गर्भ धारण की इच्छा रखने वाले जोड़ों में, प्रेग्नेंट कैसे होते है ( Pregnant Kaise Hote Hai ) को जानने की जिज्ञासा बनी रहती है। मगर सामान्य रूप से गर्भ धारण न कर पाने वाले, अधिकांश जोड़ो को यह नहीं पता होता कि प्रेग्नेंट कब होते हैं? 

इसलिए महिलाओ से अक्सर गर्भ धारण करने में चूक हो जाती है। लेकिन अगर उन्हें पीरियड के कितने दिन पहले प्रेग्नेंट हो सकते है की जानकारी हो, तो वो भी आसानी से गर्भधारण कर सकती है। परन्तु अक्सर ऐसा नहीं हो पाता। जिससे माँ बनने की लालसा रखने वाली महिलाए, प्रेग्नेंट कैसे होते है के उपाय जानने में लगी रहती है।

जिससे कुछ महिलाए गर्भवती हो भी जाती है। लेकिन वास्तव में जब तक चिकित्सा की दृष्टि से न जान लिया जाय, कि महिला प्रेग्नेंट कैसे होती है? तब तक प्राकृतिक रूप से प्रेग्नेंट कब और कैसे होते हैं को नहीं जाना जा सकता।

प्रेग्नेंट कब होते है ( pregnant kab hote hai )

महिलाओं में गर्भावस्था की शुरुआत प्रेग्नेंट होने के बाद मानी जाती है। परन्तु प्रेग्नेंट होने के लिए ज्यादातर जोड़े, यह नहीं जानते कि महिलाए प्रेग्नेंट कब होती है? जिसके कारण वह प्रेगनेंसी कब शुरू होती है जानने के लिए उत्सुक होते है। 

चिकित्सा की दृष्टि से ओव्यूलेशन के दौरान ही, महिला के प्रेग्नेंट होने की संभावना सबसे अधिक पायी है। जिसको न जानने वाले लड़कियां प्रेग्नेंट कब हो सकती है के फेर में फसे रहते है। जिससे बार – बार प्रयास करने पर भी प्रेग्नेंट होने में समस्याओं का ही सामना करते है। 

इसके लिए ओव्यूलेशन को पहचानना आना चाहिए। लेकिन इसकी पहचान करने के लिए जानकारी के साथ सावधानी रखनी आवश्यक है। यह समय पीरियड समाप्त होने के लगभग एक हफ्ते बाद शुरू होता है। जिसके पूरा होते ही गर्भ के रुकने की संभावना कम होने लगती है। जो पुनः पीरियड आने के साथ शुरू हो जाती है।   

जिसका कारण हर महिला के शरीर की प्रकृति अलग – अलग होती है। जिससे इनके मासिक चक्र के दिनों में अंतर देखा जाता है। कुछ भी हो प्रेग्नेंट होने के लिए ओवुलेशन का समय ही उपयोगी है, कोई अन्य नहीं। वही ओवुलेशन टाइम के निकल जाने के वाद, अमूमन महिला गर्भ धारण नहीं करती।  

प्रेग्नेंट कैसे होते है ( Pregnant Kaise Hote Hai )

Pregnant Kaise Hote Hai

महिलाए प्रेग्नेंट कैसे होती है को जानने के लिए, महिला प्रेग्नेंट कब नहीं होती है और कब होती है? को अच्छी तरह से जान लेना आवश्यक है। क्योकि महिलाओं के प्रेग्नेंट होने के लिए समय बहुत सीमित होता है। हालाकिं यह समय सभी महिलाओं में हर पीरियड के साथ आता है। 

फिर भी प्रेगनेंसी की शुरुआत करने के लिए, विवाहित जोड़ों को बहुत सी बातो का ध्यान रखना होता है। जिसके लिए अक्सर लोग प्रेग्नेंट कब और कैसे होता है की बात किया करते है। जो किसी भी महिला को गर्भ धारण कराने में मददगार हो सकते है। आइये जानते है कि विवाहित लडकियां प्रेग्नेंट कैसे हो सकती है?

लगातार और नियमित संबंध बनाएं

प्रेग्नेंट होने के लिए नियमित रूप से सम्भोग करना, फलदायी होता है। ऐसा करने से ओव्यूलेशन का पता न चलने पर भी ओवुलेशन के दौरान सेक्स होने की संभावना पायी जाती है। जिससे हमेशा गर्भ के रुकने की सम्भवना बनी रहती है। 

हालाकिं पीरियड में सम्बन्ध बनाने के नुकसान है। इसलिए पीरियड में सम्बन्ध बनाने से परहेज करना चाहिए। क्योकि पीरियड में प्रेगनेंसी हो सकती है। जो अच्छी नहीं मानी गई है।   

ओव्यूलेशन के आस – पास ही सम्बन्ध बनाये 

ओवुलेशन महिलाओं को गर्भ धारण करने का, सबसे उपजाऊ समय होता है। जिसमे अगर पति – पत्नी सम्बन्ध स्थापित करे तो महिला में आसानी से गर्भ ठहर जाता है। जिसको ठीक से जानने समझने के लिए ही  प्रेग्नेंट कब और कैसे होता है के बात की जाती है।  

वजन को नियंत्रित रखे 

महिलाओं को गर्भवती होने में वजन अहम योगदान निभाता है। इसलिए जिन महिलाओं का वजन कम अथवा अधिक होता है। उनमे आसानी से प्रेगनेंसी नही देखी जाती। इसका मतलब यह नहीं कि अधिक वजन वाली महिलाए प्रेग्नेंट नहीं होती।

अक्सर जिन महिलाओं में वजन अधिक होता है। उनमे ओवुलेशन से सम्बंधित समस्याए होती है। वही जिनमे महिलाओं का वजन कम होता है। उनमे कुपोषण की समस्या होती है। जिससे इनको गर्भ रुकने में तकलीफ उठानी पड़ सकती है।   

प्रेग्नेंट होने के चांस कब होते हैं ( pregnancy ke chances kab hote hain )

महिला प्रेग्नेंट कब और कैसे होती है को जान लेने के बाद, यह जानने की आवश्यकता पड़ती है कि महिला के प्रेग्नेंट होने के सबसे अधिक चांस कब होते है? जिससे विवाहित जोड़े सावधानी रखकर, प्रेग्नेंट होने की संभावना का लाभ उठा सके।

प्रेग्नेंट होने के लिए ओव्यूलेशन का समय सबसे कीमती होता है। क्योकि ओव्यूलेशन का समय गर्भ धारण के लिए सबसे उपयुक्त होता है। अक्सर इसी दौरान महिला अंडे ( ओवम ) का उत्सर्जन करती है, इसके बाद अथवा पहले नहीं। जबकि पुरुष के वीर्य में हर समय शुक्राणु पाए जाते है। 

इस कारण प्रेग्नेंट होने के लिए, वह समय सबसे अच्छा होता है। क्योकि इस समय महिला की ओवरी से अंडे निकलने की संभावना सबसे अधिक होती है। जिसके लिए इसकी पहचान करना, सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। जिसको दो प्रकार से पहचाना जा सकता है –

पीरियड के बाद गर्भस्राव होना

महिलाओं का पीरियड ख़त्म होने के बाद, उनके गर्भाशय से गर्भ स्राव होता है। जिसको ओवुलेशन शुरू होने का संकेत माना गया है। जिसमे बहुत पतला, लचीला और योनि को गीला करने वाला स्राव निकलता है। जिसके कारण इस समय महिलाओं में सम्भोग की इच्छा बढ़ी हुई हो सकती है।

यह महिलाओं के प्रेग्नेंट होने का सबसे उपजाऊ समय होता है। यदि इस दौरान जोड़े आपस में सम्बन्ध बनाते है तो महिला के गर्भवती होने की संभावना सबसे अधिक पायी जाती है। 

लेकिन इसके ख़त्म होते ही योनि से गाढ़ा और तार बनाने वाला स्राव निकलता है। जो ओवुलेशन का समय पूर्ण होने की जानकारी देता है। इसमें अक्सर संबंध बनाने से गर्भ ठहरने की संभावना नहीं पायी जाती।    

शरीर के ताप में बदलाव होना

आमतौर पर महिलाओं को ओव्यूलेशन के दौरान, अपने शरीर के तापमान में अंतर देखने को मिलता है। जो अक्सर बढ़ा हुआ होता है। जिसके कारण इनको थकान और दर्द महसूस हो सकता है। जोकि अक्सर बुखार होने पर देखा जाता है। जिसको सुबह बिस्तर से उठने से पहले, थर्मामीटर द्वारा मापा जा सकता है। महिलाओं में बढ़ा हुआ यह ताप अक्सर ओव्यूलेशन समाप्त होने का संकेत होता है।

जिसके बाद सम्बन्ध बनाने से गर्भ धारण होने की संभावना कम ही पायी जाती है। लेकिन यदि ओव्यूलेशन के दो – तीन दिन पहले सम्बन्ध बनाये, तो प्रेग्नेंट होने की संभावना सबसे अधिक पायी जाती है।

प्रेगनेंसी के लक्षण कब दिखते है ( when do you get pregnancy symptoms in hindi )

प्रेग्नेंट कैसे होते है

नए जोड़ों में अक्सर नए मेहमान को लेकर, उत्साह बना रहता है। जिससे वह गर्भ में आये शिशु के पल – पल की जानकारी संजोना चाहते है। परन्तु प्रेगनेंसी के लिए प्रयास कर रहे, नए जोड़ों को नहीं पता होता कि प्रेगनेंसी के लक्षण कब दिखते हैं? 

आमतौर पर प्रेग्नेंट होने के बाद ही प्रेगनेंसी के लक्षण दिखाई पड़ते है। जिसको ठीक – ठीक आने में लगभग 8 – 10 दिन का समय लग सकता है। इस कारण यह समय बीतने के बाद ही प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए। ताकि हमें सही और सटीक परिणाम मिल सकें।    

उपसंहार :

प्रेगनेंसी से बचने और प्रेग्नेंट चाहने वाली महिलाओं में, प्रेग्नेंट कब और कैसे होता है को जानना जरूरी है। जिससे यह न केवल अनचाही प्रेगनेंसी से बच सकती है। बल्कि तनाव रहित होकर प्रेग्नेंट भी हो सकती है। 

लेकिन प्रेग्नेंट होने के लिए समय सीमित बल्कि सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसलिए प्रेग्नेंट कैसे होते है और प्रेग्नेंट कब होते हैं को जानना लाभकारी सिद्ध हो सकता है। वैसे तो महिलाओं में प्राकृतिक रूप से प्रेग्नेंट होने के लिए ओवुलेशन का समय सबसे उपजाऊ होता है।   

लेकिन इन नियमों को न जान पाने वाले, बार – बार Pregnant Kaise Hote Hai की बात किया करते है। परन्तु गर्भ धारण करने के लिए, pregnant kab hote hai को जानना आवश्यक है। ताकि सही समय पर सम्बन्ध बनाकर, प्रेगनेंसी को सुनिश्चित कर सके।    

सन्दर्भ :

भाव प्रकाश – गर्भ प्रकरण

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